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INDIA Politics : इंडी एलायंस की बैठक से पहले कांग्रेस को नीतीश कुमार ने दिया मैसेज, जानें इसकी एक-एक लाइन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Published by: आदित्य आनंद
Updated Tue, 05 Dec 2023 01:07 PM IST
सार
Nitish Kumar :देशभर के भाजपा-विरोधी दलों की पहली बैठक पटना में बुलाने वाले सीएम नीतीश कुमार जब इंडी एलायंस के संयोजक नहीं बने तो जदयू अध्यक्ष ने उन्हें इसका सूत्रधार बताया। अब सूत्रधार ने एलायंस की अगली बैठक से पहले कांग्रेस को सीधा संदेश दिया है।
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इंडी एलायंस को लेकर कांग्रेस के रवैये पर नीतीश के मन की बात उनके करीबी मंत्री ने बताई।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में देशभर के भाजपा विरोधी दलों को जुटाकर बैठक की तो कांग्रेस के नंबर वन नेता राहुल गांधी भी आए। इसके बाद दो और बैठकें हुईं, लेकिन जब पांच राज्यों का चुनाव आया तो इस इंडी एलायंस के सबसे बड़े और राष्ट्रीय दल कांग्रेस ने गठबंधन को दरकिनार कर अकेले प्रत्याशी उतारे। हिंदीभाषी तीन राज्यों में कांग्रेस की करारी शिकस्त का चुनाव परिणाम आते ही कांग्रेस ने इंडी एलायंस का रुख किया और छह दिसंबर को दिल्ली में बैठक रख ली। ममता बनर्जी, अखिलेश यादव के दूरी बनाने की खबर के साथ ही इस गठबंधन के संयोजक की जगह सूत्रधार कहे गए नीतीश कुमार ने भी दूरी बना ली। इस दूरी के साथ नीतीश कुमार ने कांग्रेस को दो तरह से मैसेज दिया। कैबिनेट बैठक में हाजिरी के बावजूद दिल्ली नहीं जाने का फैसला कर जहां गैर-मौखिक मैसेज दिया है, वहीं उनके करीबी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सीएम नीतीश के मन की बात खुलकर कह दी है।
मंत्री ने बताई नीतीश के मन की बात
हमेशा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास दिखने वाले बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा- "हर चुनाव, चाहे वह एक प्रदेश में हो या अनेक राज्यों में, कुछ स्पष्ट संदेश देता है। पांच राज्यों में से चार राज्यों से स्पष्ट संदेश दिख रहा है कि इंडी एलायंस के सभी घटक दलों को ज्यादा समझदारी से काम करना होगा। इस चुनाव मे भी इंडी एलायंस एकजुट होकर चुनाव नही लड़ा था। हमलोग शुरू से कहते हैं कि आपस की समझदारी बननी चाहिए। सारे विपक्षी दल एकजुट हो जाते हैं तो भाजपा परास्त हो जाती। एकजुट नहीं होने पर भाजपा परास्त नहीं होती है। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और इन चुनावों में कांग्रेस को ज्यादा घाटा हुआ है। नीतीश कुमार की पहल के आधार पर ही गठबंधन बना था। पटना से ही इसकी शुरुआत हुई थी। दिल्ली में खुले मन से सभी को बैठकर सोचना चाहिए कि चुनावों में साझा उम्मीदवार हों। हमलोग उम्मीद करते हैं कांग्रेस अब आगे बढ़कर सभी क्षेत्रीय दलों को उच्चित समान देकर, साथ लेकर चलेगी।"
विश्वसनीय चेहरा लेकर आगे चुनाव लड़ें
विजय चौधरी ने नीतीश कुमार के चेहरे पर सीधे कुछ नहीं कहा, लेकिन नकारा भी नहीं। उन्होंने कहा- "कोई शक नहीं है कि नीतीश कुमार के अथक प्रयास पर यह गठबंधन बना था और सबलोग जानते हैं और सभी पार्टी का एक स्पष्ट फैसला हुआ था कि भाजपा को सत्ता से बेदखल कर नेता तय किया जाएगा। पहले बेदखल कर दें और फिर आगे बैठक हो। क्षेत्रीय दल को भी उचित भूमिका देकर आगे चुनाव लड़ें। नीतीश कुमार को लेकर अभी कोई जल्दबाजी नहीं है। हमारा एक ही लक्ष्य है कि मिलकर चुनाव लड़ें ताकि भाजपा वाले बोलते हैं तो वेकैंसी क्रिएट करें। आगे एक विश्वसनीय चेहरा पर चुनाव लड़ा जाए। अगर एकसाथ चुनाव नहीं लड़े तो सबको पता है कि क्या रिजल्ट हुआ। अभी देखे ही हैं कि किस तरह के चुनाव परिणाम आए हैं और मध्यप्रदेश में एलायंस की एक साथ रैली होती तो क्या होता, यह भी समझें।"
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मंत्री ने बताई नीतीश के मन की बात
हमेशा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास दिखने वाले बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा- "हर चुनाव, चाहे वह एक प्रदेश में हो या अनेक राज्यों में, कुछ स्पष्ट संदेश देता है। पांच राज्यों में से चार राज्यों से स्पष्ट संदेश दिख रहा है कि इंडी एलायंस के सभी घटक दलों को ज्यादा समझदारी से काम करना होगा। इस चुनाव मे भी इंडी एलायंस एकजुट होकर चुनाव नही लड़ा था। हमलोग शुरू से कहते हैं कि आपस की समझदारी बननी चाहिए। सारे विपक्षी दल एकजुट हो जाते हैं तो भाजपा परास्त हो जाती। एकजुट नहीं होने पर भाजपा परास्त नहीं होती है। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और इन चुनावों में कांग्रेस को ज्यादा घाटा हुआ है। नीतीश कुमार की पहल के आधार पर ही गठबंधन बना था। पटना से ही इसकी शुरुआत हुई थी। दिल्ली में खुले मन से सभी को बैठकर सोचना चाहिए कि चुनावों में साझा उम्मीदवार हों। हमलोग उम्मीद करते हैं कांग्रेस अब आगे बढ़कर सभी क्षेत्रीय दलों को उच्चित समान देकर, साथ लेकर चलेगी।"
विश्वसनीय चेहरा लेकर आगे चुनाव लड़ें
विजय चौधरी ने नीतीश कुमार के चेहरे पर सीधे कुछ नहीं कहा, लेकिन नकारा भी नहीं। उन्होंने कहा- "कोई शक नहीं है कि नीतीश कुमार के अथक प्रयास पर यह गठबंधन बना था और सबलोग जानते हैं और सभी पार्टी का एक स्पष्ट फैसला हुआ था कि भाजपा को सत्ता से बेदखल कर नेता तय किया जाएगा। पहले बेदखल कर दें और फिर आगे बैठक हो। क्षेत्रीय दल को भी उचित भूमिका देकर आगे चुनाव लड़ें। नीतीश कुमार को लेकर अभी कोई जल्दबाजी नहीं है। हमारा एक ही लक्ष्य है कि मिलकर चुनाव लड़ें ताकि भाजपा वाले बोलते हैं तो वेकैंसी क्रिएट करें। आगे एक विश्वसनीय चेहरा पर चुनाव लड़ा जाए। अगर एकसाथ चुनाव नहीं लड़े तो सबको पता है कि क्या रिजल्ट हुआ। अभी देखे ही हैं कि किस तरह के चुनाव परिणाम आए हैं और मध्यप्रदेश में एलायंस की एक साथ रैली होती तो क्या होता, यह भी समझें।"