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बिहार: बेगूसराय ट्रिपल मर्डर केस में आजीवन कारावास और अर्थ दंड; जहानाबाद में दहेज हत्या केस में पति-ससुर दोषी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेगूसराय / जहानाबाद
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Tue, 12 Mar 2024 10:56 PM IST
सार
बिहार की अदालतों ने दो अहम फैसले पारित किए। बेगूसराय ट्रिपल मर्डर केस में निचली अदालत ने आजीवन कारावास और अर्थ दंड का फैसला पारित किया। जहानाबाद में एक निचली अदालत ने दहेज हत्या केस में पति और ससुर को दोषी करार दिया।
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कोर्ट (प्रतीकात्मक)
- फोटो : istock
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विस्तार
जहानाबाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-II जावेद अहमद खान की अदालत ने दहेज के लिए मिट्टी का तेल डालकर विवाहिता को जलाकर मारने के आरोपी पति और ससुर को दोषी करार दिया। मामले में सरकार की ओर से पैरवी कर रहे हैं अपर लोक अभियोजक शारदानंद कुमार ने बताया, यह मामला महिला थाना कांड संख्या 08/14 से संबंधित है। उन्होंने बताया कि शकूराबाद थाना क्षेत्र के सलेमपुर ग्राम निवासी अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने 29 जनवरी 2014 को बयान दर्ज कराया था। बयान के मुताबिक उन्होंने अपनी पुत्री ममता कुमारी की शादी वर्ष 2012 में भीमपुरा मखदुमपुर थाना क्षेत्र निवासी गजेंद्र शर्मा के साथ की थी।
शादी के बाद पुत्री का पति,सास, ससुर चंद्रेश शर्मा दहेज में मोटरसाइकिल एवं 50,000 रुपए की मांग कर उत्पीड़न करने लगे उसके साथ बराबर मारपीट किया करते थे। 28 जनवरी 2014 की शाम आरोपितों ने ममता देवी के ऊपर केरोसिन तेल डालकर आग लगा दी। जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गई। उसे आनन फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने पर पटना पीएमसीएच रेफर किया गया, जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई थी। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय की अदालत में हुई।
अपर लोक अभियोजक शारदानंद कुमार एवं बचाव पक्ष की दलीलें सुनने तथा मौजूद दस साक्षियों के साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद भारतीय दंड विधि की धारा 304 बी के तहत मृत महिला के पति एवं ससुर को दहेज़ हत्या में दोषी करार दिया। सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अदालत ने 10 वर्ष सश्रम कारावास कि सजा सुनाई।
वर्ष 2011 में कावर झील परिक्षेत्र के बखरीरही चौर में घटित तीहरे हत्याकांड में चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के करोड़ निवासी राम उदगार सहनी, रेशमी सहनी, भरत सहनी, नरेश सहनी, विशो सहनी, रामाशीष सहनी, और चंदन सहनी को हत्या और अपहरण में भारतीय दंड विधान की धारा 302, 364, 149, 148, 341 के तहत न्यायालय ने दोषी माना।
अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक राकेश कुमार ने कुल 11 गवाहों की गवाही कराई। पूर्व लोक अभियोजक वरीय अधिवक्ता मंसूर आलम ने भी इस मामले में पैरवी की। आरोप के मुताबिक 6 सितंबर 2011 को 11:30 बजे दिन में फुलवड़िया थाना के बारो निवासी सूचक एस एम ताजवर जो श्रीपुर एकंबा मौजा स्थित अपने खेत में मजदूरों से मकई तोड़वा रहा था। उसी समय सभी अभियुक्त हरवे हथियार से लैस होकर आए और सूचक के मुंशी मोहम्मद अलाउद्दीन, मजदूर सिपाही पासवान एवं झड़ी सहनी के साथ बुरी तरह से मारपीट करके गंभीर रूप से जख्मी कर दिया।
विवाद बढ़ने के बाद मोहम्मद अलाउद्दीन और सिपाही पासवान की मौत इलाज के दरम्यान हो गई। झड़ी सहनी को मारपीट के वक्त ही आरोपितों ने वहां से अपहरण करके गायब कर दिया था। जिसका शव आज तक नहीं मिला है। एडीजे मंझौल ने सजा सुनाते हुए हत्या एवं अपहरण के मामले में सात लोगों को आजीवन कारावास की सजा दी।
सजा पाने वाले अभियुक्तों में नरेश सहनी, राम उदगार सहनी, रेशमी सहनी, भरत सहनी, रामाशीष सहनी, चंदन सहनी तथा बीसो सहनी शामिल हैं। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक राकेश कुमार ने अधिकतम सजा की मांग की। अतिरिक्त जिला जज (एडीजे) ने सभी धाराओं में अलग-अलग सजा के साथ आर्थिक जुर्माना भी लगाया। इस आपराधिक वारदात में हताहत हुए तीनों के आश्रितों को जिला विधिक प्राधिकार को चार-चार लाख आर्थिक सहायता की अनुशंसा भी की गई।
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शादी के बाद पुत्री का पति,सास, ससुर चंद्रेश शर्मा दहेज में मोटरसाइकिल एवं 50,000 रुपए की मांग कर उत्पीड़न करने लगे उसके साथ बराबर मारपीट किया करते थे। 28 जनवरी 2014 की शाम आरोपितों ने ममता देवी के ऊपर केरोसिन तेल डालकर आग लगा दी। जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गई। उसे आनन फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने पर पटना पीएमसीएच रेफर किया गया, जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई थी। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय की अदालत में हुई।
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अपर लोक अभियोजक शारदानंद कुमार एवं बचाव पक्ष की दलीलें सुनने तथा मौजूद दस साक्षियों के साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद भारतीय दंड विधि की धारा 304 बी के तहत मृत महिला के पति एवं ससुर को दहेज़ हत्या में दोषी करार दिया। सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अदालत ने 10 वर्ष सश्रम कारावास कि सजा सुनाई।
बेगूसराय के ट्रिपल मर्डर मामले में सात आरोपियों को सजा; आर्थिक दंड के साथ आजीवन कारावास
बिहार के ही एक अन्य अहम आपराधिक मामले में निचली अदालत ने ट्रिपल मर्डर केस में फैसला सुनाया। बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर के मझौल अनुमंडल न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार प्रधान ने चेरिया बरियारपुर थाना कांड संख्या 118 /2011 की सुनवाई की। इस तिहरे हत्याकांड मामले के सात आरोपितों को हत्या और अपहरण का दोषी पाया गया। अदालत ने आर्थिक दंड के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई।वर्ष 2011 में कावर झील परिक्षेत्र के बखरीरही चौर में घटित तीहरे हत्याकांड में चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के करोड़ निवासी राम उदगार सहनी, रेशमी सहनी, भरत सहनी, नरेश सहनी, विशो सहनी, रामाशीष सहनी, और चंदन सहनी को हत्या और अपहरण में भारतीय दंड विधान की धारा 302, 364, 149, 148, 341 के तहत न्यायालय ने दोषी माना।
अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक राकेश कुमार ने कुल 11 गवाहों की गवाही कराई। पूर्व लोक अभियोजक वरीय अधिवक्ता मंसूर आलम ने भी इस मामले में पैरवी की। आरोप के मुताबिक 6 सितंबर 2011 को 11:30 बजे दिन में फुलवड़िया थाना के बारो निवासी सूचक एस एम ताजवर जो श्रीपुर एकंबा मौजा स्थित अपने खेत में मजदूरों से मकई तोड़वा रहा था। उसी समय सभी अभियुक्त हरवे हथियार से लैस होकर आए और सूचक के मुंशी मोहम्मद अलाउद्दीन, मजदूर सिपाही पासवान एवं झड़ी सहनी के साथ बुरी तरह से मारपीट करके गंभीर रूप से जख्मी कर दिया।
विवाद बढ़ने के बाद मोहम्मद अलाउद्दीन और सिपाही पासवान की मौत इलाज के दरम्यान हो गई। झड़ी सहनी को मारपीट के वक्त ही आरोपितों ने वहां से अपहरण करके गायब कर दिया था। जिसका शव आज तक नहीं मिला है। एडीजे मंझौल ने सजा सुनाते हुए हत्या एवं अपहरण के मामले में सात लोगों को आजीवन कारावास की सजा दी।
सजा पाने वाले अभियुक्तों में नरेश सहनी, राम उदगार सहनी, रेशमी सहनी, भरत सहनी, रामाशीष सहनी, चंदन सहनी तथा बीसो सहनी शामिल हैं। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक राकेश कुमार ने अधिकतम सजा की मांग की। अतिरिक्त जिला जज (एडीजे) ने सभी धाराओं में अलग-अलग सजा के साथ आर्थिक जुर्माना भी लगाया। इस आपराधिक वारदात में हताहत हुए तीनों के आश्रितों को जिला विधिक प्राधिकार को चार-चार लाख आर्थिक सहायता की अनुशंसा भी की गई।