Bihar: सावन की तीसरी सोमवारी पर अजगैबीनाथ धाम में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, लगे हर-हर महादेव की जयकारे
Bihar: अजगैबीनाथ मंदिर के महंत प्रेमानंद गिरी ने बताया कि सावन की तीसरी सोमवारी का विशेष महत्व होता है। इस दिन जलाभिषेक करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अजगैबीनाथ से बैद्यनाथ धाम तक की पदयात्रा श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का प्रतीक है।

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सावन की तीसरी सोमवारी पर सोमवार को अजगैबीनाथ धाम श्रद्धा और आस्था से सराबोर नजर आया। रिमझिम बारिश के बीच लाखों श्रद्धालुओं और कांवरियों ने उत्तरवाहिनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और बाबा भोलेनाथ को जल अर्पित किया। चारों ओर हर-हर महादेव और बोल बम के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो उठा।

सुबह से ही बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, नेपाल, बोकारो सहित देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से कांवरियों का तांता गंगा घाट पर लगा रहा। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु अजगैबीनाथ मंदिर पहुंचे और विधिवत पूजा-अर्चना कर बाबा को जल चढ़ाया। इसके बाद श्रद्धालु बैद्यनाथ धाम (देवघर) की ओर रवाना हुए।
सुरक्षा के रहे पुख्ता इंतजाम
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। डीएसपी नवनीत कुमार और सुल्तानगंज थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार ने सुबह से ही दल-बल के साथ गंगा घाट, मंदिर परिसर और कच्ची कांवरिया पथ का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर मुस्तैद पुलिस बल को निर्देशित किया।
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पुजारी ने बताया जलाभिषेक का महत्व
अजगैबीनाथ मंदिर के महंत प्रेमानंद गिरी ने बताया कि सावन की तीसरी सोमवारी का विशेष महत्व होता है। इस दिन जलाभिषेक करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अजगैबीनाथ से बैद्यनाथ धाम तक की पदयात्रा श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का प्रतीक है।
बारिश में भी नहीं डगमगाई आस्था
भीषण बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। हजारों कांवरियों ने बारिश की परवाह किए बिना कंधे पर कांवर उठाकर बाबा भोलेनाथ से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए जल चढ़ाया। भक्तों का कहना था कि यह यात्रा कष्ट नहीं, बल्कि पुण्य है।