Bihar Election 2025: विधानसभा चुनाव से पहले JDU को बड़ा झटका, औरंगाबाद में पूरी जिला कमेटी ने दिया इस्तीफा
Bihar Election: इस्तीफे के बाद पूर्व जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह ने रविवार को प्रेसवार्ता कर बताया कि रफीगंज विधानसभा सीट से पार्टी ने जिस व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया है, वह जदयू का प्राथमिक सदस्य तक नहीं है।

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जनता दल (यू) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी की पूरी औरंगाबाद जिला कमेटी ने अपने पदों से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इस कदम से जिले में जदयू संगठन में भूचाल आ गया है। पार्टी ने संभावित नुकसान की भरपाई के लिए तत्काल प्रभाव से पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह को कार्यकारी जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है।

प्रत्याशी चयन बना इस्तीफे की वजह
इस्तीफे के बाद पूर्व जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह ने रविवार को प्रेसवार्ता कर बताया कि रफीगंज विधानसभा सीट से पार्टी ने जिस व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया है, वह जदयू का प्राथमिक सदस्य तक नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी जदयू के किसी पुराने नेता को या एनडीए के किसी घटक दल के नेता को टिकट देती, तो कार्यकर्ताओं को कोई आपत्ति नहीं होती। लेकिन पार्टी के इस फैसले से कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हुई हैं। इसी कारण मेरे समेत पूरी जिला कमिटी ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।अशोक सिंह ने स्पष्ट किया कि उन्होंने पद से इस्तीफा दिया है, पार्टी से नहीं। वे रफीगंज विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर जिले की बाकी पांचों विधानसभा सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करते रहेंगे।
शमशान घाट तक नीतीश कुमार के साथ
अशोक सिंह ने कहा कि 2009 में जब मैंने अपने पिता और पूर्व विधायक रामाधार सिंह की मौजूदगी में जदयू ज्वाइन किया था, तब उन्होंने नीतीश कुमार को आश्वासन दिया था कि उनका बेटा जीवनभर उनके साथ रहेगा। मैं आज भी उस वचन पर कायम हूं और शमशान घाट तक नीतीश कुमार के साथ रहूंगा। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया है। 2010 और 2015 में टिकट देकर विधायक बनाया और 2020 में भी उम्मीदवार बनाया। दुर्भाग्य से 2020 में उसी उम्मीदवार के कारण मेरी हार हुई जिसे अब पार्टी ने टिकट दे दिया है।
जिन्होंने झंडा फूंका, वही प्रत्याशी बन गए
अशोक सिंह ने बिना नाम लिए रफीगंज से जदयू प्रत्याशी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने पार्टी का झंडा फूंका, नीतीश कुमार को गाली दी, वही आज प्रत्याशी बना दिया गया। यह कार्यकर्ताओं को मंजूर नहीं। उनकी भावनाएं आहत हुई हैं, इसलिए सबने इस्तीफा दिया है।
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संगठन को घर-घर तक पहुंचाया
पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि अपने कार्यकाल में उन्होंने पार्टी संगठन को घर-घर तक पहुंचाया, गुटबाजी को समाप्त किया और पूरे जिले में हर बूथ पर बीएलए-2 की नियुक्ति कराई। उन्होंने कहा कि पद से इस्तीफा देने के बाद भी मैं पार्टी के लिए समर्पित हूं और रफीगंज को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों में एनडीए प्रत्याशियों को जिताने के लिए काम करूंगा।
प्रत्याशी बनने के बाद ‘शिष्टाचार’ भी भूले: अशोक सिंह
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रफीगंज से जदयू प्रत्याशी बनने के बाद वह व्यक्ति सामान्य शिष्टाचार तक भूल गए। जिला अध्यक्ष होने के नाते कम से कम फोन पर तो बात करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा भी नहीं किया। उन्होंने संगठन के किसी पदाधिकारी से बात किए बिना ही सीधे नामांकन कर दिया। प्रदेश कमिटी ने पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह को कार्यकारी जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि रूठों को मनाना और संगठन को आगे बढ़ाना मेरी जिम्मेदारी होगी। जरूरत पड़ी तो नए-पुराने सभी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देकर संगठन को मजबूती देंगे।
छोटे भाई हैं, मान जाएंगे- प्रमोद सिंह
रफीगंज से जदयू प्रत्याशी बने प्रमोद सिंह ने कहा कि अशोक सिंह मेरे छोटे भाई हैं। वे मान जाएंगे, मैं उन्हें मना लूंगा। राजनीति में ऐसी बातें होती रहती हैं, कोई रूठता है तो उसे मनाया भी जाता है।