Bihar News: इन दो चीनी मिलों को जल्द शुरू करने की तैयारी में नीतीश सरकार, मंत्री बोले- मास्टर प्लान तैयार है
सहकारिता मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि सरकार बंद पड़े चीनी मिलों को जल्द से जल्द शुरू करना चाहती है। इस दिशा में काम भी शुरू हो चुका है। धान बिक्री के 48 घंटे के भीतर किसानों को भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए नियंत्रण कक्ष की स्थापना भी की गई है।
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राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई सरकार बनने के बाद नीतीश सरकार ने बिहार में बंद पड़ी नौ चीनी मिलों को फिर से चालू करने का निर्णय लिया है। इनमें से दो चीनी मिलें (मधुबनी की रैयाम और दरभंगा की सकरी मिलें) सहकारिता विभाग की ओर संचालित की जाएगी। अब इस पर काम भी शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर सहकारिता विभाग ने इन दोनों मिलों के पूर्ण संचालन के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है। यह जानकारी सहकारिता मंत्री प्रमोद कुमार ने सोमवार को सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी। मंत्री ने बताया कि राज्य की दोनों बंद पड़ी चीनी मिलों का संचालन सहकारिता विभाग के माध्यम से किया जाएगा। फिलहाल इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कैबिनेट से अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद सहकारी समितियों के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी और इसके बाद ही चीनी मिलों का संचालन संभव हो सकेगा
2025-26 में 9.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद
मंत्री प्रमोद कुमार ने खरीफ विपणन मौसम 2025-26 की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि निर्धारित लक्ष्य 36.85 लाख मीट्रिक टन के विरुद्ध प्रदेश की 6620 समितियों ने 1.32 लाख किसानों से 9.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की है। इसके एवज में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में 1755 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जा चुका है। मंत्री ने बताया कि समितियों के माध्यम से किसानों का धान क्रय कार्य 28 फरवरी 2026 तक जारी रहेगा। इसके लिए किसानों की सूची तैयार कर तिथि निर्धारित करने का निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दिया गया है। उन्होंने कहा कि धान बिक्री के 48 घंटे के भीतर किसानों को भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए नियंत्रण कक्ष की स्थापना भी की गई है।
मंत्री ने बताया कि राज्य में सहकारी समितियों के तहत 7221 गोदामों का निर्माण पूरा हो चुका है। वहीं वर्ष 2025-26 में 278 नए गोदामों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इन गोदामों की क्षमता 200, 500 और 1000 मीट्रिक टन की होगी, जिससे कुल 2.49 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता का सृजन होगा। इसके अलावा दो जनवरी से राज्य की सभी पंचायतों में पैक्स सदस्यता सह जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
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पैक्सों में खुले कॉमन सर्विस सेंटर
मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि सहकारिता विभाग के माध्यम से कुल 25 योजनाएं संचालित की जा रही हैं। बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजना के तहत राज्य की 114 प्राथमिक सब्जी उत्पादक समितियों में आधारभूत संरचना विकसित की जा रही है। इसके तहत कोल्ड स्टोरेज, 20 मीट्रिक टन ड्राई कोल्ड स्टोरेज, सॉर्टिंग-ग्रेडिंग-पैकिंग यूनिट और प्राथमिक प्रसंस्करण सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिससे फसल उपरांत नुकसान कम होगा। उन्होंने बताया कि मुंगेर जिले के पांच और प्रखंडों में इस योजना के तहत आधारभूत संरचना निर्माण को स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 6292 पैक्सों में कॉमन सेवा केंद्र की स्थापना की जा चुकी है, जिनमें 5262 पैक्स सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। इन केंद्रों के माध्यम से करीब 300 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और अब तक पांच करोड़ रुपये से अधिक का व्यवसाय किया जा चुका है। स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के जरिए 24 लोगों को 75 लाख रुपये का गोल्ड लोन भी दिया गया है।
फसल सहायता योजना से 33.19 लाख किसानों को लाभ
मंत्री ने बताया कि आने वाले समय में सहकारिता विभाग के माध्यम से कई नई योजनाएं शुरू की जाएंगी। इनमें मेगा फूड पार्क, प्रोसेसिंग यूनिट, पॉली हाउस, रीफर वाहनों की खरीद, पैकेजिंग हाउस, डिहाइड्रेशन यूनिट, हल्दी और टमाटर प्रसंस्करण यूनिट सहित अन्य योजनाएं प्रस्तावित हैं। सहकारिता मंत्री ने बताया कि बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत खरीफ मौसम में धान, मक्का, सोयाबीन, आलू, बैगन, टमाटर, गोभी और मखाना, जबकि रबी मौसम में गेहूं, रबी मक्का, चना, मसूर और अरहर समेत कई फसलों को आच्छादित किया गया है। योजना की शुरुआत से अब तक 33.19 लाख किसानों को कुल 2206.84 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है।