JDU Party Crisis : नीतीश कुमार की पार्टी में इस्तीफों का दौर, सांसद अजय मंडल की आई चिट्ठी; वजह भी जानिए
Bihar Election 2025 : बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड में उठापटक मची है। विधायक धरने पर हैं। इस्तीफा देने वालों की लाइन में अब सांसद अजय मंडल का भी नाम जुड़ गया है। इस्तीफे की पेशकश की वजह भी रोचक है।

विस्तार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी से लगातार नई खबर सामने आ रही है। कुछ घंटे पहले भागलपुर के गोपालपुर से विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल के धरने की खबर आई। अब उनके धुर विरोधी भागलपुर के सांसद अजय मंडल के इस्तीफे की पेशकश सामने आई है। गोपाल मंडल से विधायकी छिनने का खतरा है तो अजय मंडल ने खुद सांसदी छोड़ने के लिए जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से अनुमति मांगी है। उन्होंने कहा कि अब संगठन में समर्पित कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेतृत्व की राय का कोई महत्व नहीं रह गया है। अपने आत्मसम्मान और पार्टी के भविष्य की चिंता करते हुए सांसद पद पर मेरा बने रहने का क्या औचित्य है? इसलिए मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूं।

क्या लिखा है अजय मंडल ने इस्तीफे की चिट्ठी में
सांसद अजय मंडल ने सीएम नीतीश कुमार भेजे गए पत्र में लिखा कि मेरी पार्टी के कुछ लोग गलत व्यक्तियों को पार्टी में शामिल कर रहे हैं। इसकी जानकारी न तो मुझे दी गई और न ही अब दी जा रही है। इससे जदयू कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है। एक तरह से, इससे पार्टी भी कमजोर हो सकती है। मुझे बिना परामर्श या जानकारी दिए, पार्टी के ही कुछ लोग संगठनविरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। ऐसी स्थिति में कार्य करना कठिन होता जा रहा है। इसलिए, यह उचित होगा कि मैं पार्टी से त्यागपत्र दे दूं। अजय मंडल ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि वह यह फैसला आत्मसम्मान एवं संगठन की निष्ठा के लिए ले रहे हैं। पत्र में उन्होंने लिखा कि पिछले 25 साल से भागलपुर क्षेत्र में विधायक एवं सांसद बनकर जनता की सेवा कर रहे हैं। जदयू को अपने परिवार की तरह मानकर इसे सींचा है। पार्टी के संगठन, कार्यकर्ता व जनसंपर्क को सुदृढ़ करने का काम किया है। लेकिन स्थिति अब अलग हो चुकी है।
मुझे मुख्यमंत्री से मिलने तक की अनुमति नहीं दी जा रही
अजय मंडल ने आरोप लगाया कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व, खासकर मुख्यमंत्री नीतिश ने उन्हें पूरी तरह से उपेक्षित किया है। पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो गया है। पार्टी में अब समर्पित कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेतृत्व की राय का कोई महत्व नहीं रह गया है।
उन्होंने कहा कि बिहार में विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण की प्रक्रिया में स्थानीय सांसद होने के बावजूद उनसे कोई सलाह नहीं किया गया। उन्होंने यह गंभीर आरोप लगाया कि पार्टी के लिए कभी काम न करने वाले लोगों को टिकट देने की चर्चा हो रही है।
जिससे जमीनी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है। मुझे मुख्यमंत्री से मिलने तक की अनुमति नहीं दी जा रही है। यह मेरे लिए अपमानजनक है।
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कुमारी अपर्णा और अनुज मंडल के लिए टिकट की चाह
एक समय अजय मंडल जदयू के विधायक थे। गोपाल मंडल भी। गोपाल मंडल विधायक ही रह गए और अजय मंडल आगे बढ़कर सांसद हो गए। उनके सांसद बनने के बाद से वह विधायक के रूप में अपने भाई अनुज मंडल के नाम को आगे बढ़ाना चाहते हैं। भागलपुर जदयू के अंदर यह बात सभी को पता है। इसके अलावा, वह जदयू नेत्री कुमारी अपर्णा को भी टिकट दिलाने के लिए प्रयासरत बताए जाते हैं। गोपाल मंडल ने पिछले दिनों अजय मंडल का अपर्णा के साथ गलत संबंध बताया था, जिसपर हंगामा मच गया था। अपर्णा रिश्ते में अजय मंडल की भांजी लगती है और अपर्णा ने पवित्र रिश्ते को कलंकित करने के प्रयास पर गोपाल मंडल को खरी-खोटी सुनाई थी। गोपाल मंडल की विधायकी पर खतरे की एक वजह यह विवाद भी रहा है। दूसरी तरफ, ऐन वक्त पर इन्हीं मुद्दों पर सीएम तक बात पहुंचाने में असमर्थ रहे अजय मंडल ने इस्तीफे की पेशकश की है। वह सांसदी से इस्तीफे के लिए पार्टी अध्यक्ष को लिख चुके हैं। इस्तीफा स्वीकार होने की उम्मीद नहीं है, लेकिन इसी बहाने बात पहुंच गई है।
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