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Bihar News : सीएम नीतीश कुमार पर एक और किताब आई; पटना पुस्तक मेला में खुद किया विमोचन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Fri, 05 Dec 2025 05:35 PM IST
सार
Nitish Kumar : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक और किताब आई है। किताब का नाम है विकास पुरुष। शुक्रवार को इस किताब का विमोचन पटना पुस्तक मेला के उद्घाटन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद किया।
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CM नीतीश कुमार
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक और किताब प्रकाशित हुई है, जिसका नाम है 'विकास पुरुष'। शुक्रवार को पटना पुस्तक मेला उद्घाटन के मौके पर स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुस्तक का औपचारिक विमोचन किया। गांधी मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी भी उपस्थित रहे। सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट की ओर से आयोजित यह मेला 16 दिसंबर तक चलेगा।
उद्घाटन समारोह के बाद मुख्यमंत्री ने विभिन्न प्रकाशन संस्थानों के स्टॉल का अवलोकन किया। पटना पुस्तक मेला के कन्वेनर अमित झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी को अंग वस्त्र और पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया। सीआरडी के अध्यक्ष रत्नेश्वर ने बताया कि यह पुस्तक मेला अपने 41वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने कहा कि ज्ञान और साहित्य की बात आने पर देश की नजर हमेशा बिहार की ओर रहती है। इस बार मेले की थीम ‘वेलनेस-अ वे ऑफ लाइफ’ रखी गई है।
किताब का प्रमुख अंश
लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने अपनी पुस्तक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 24 नवंबर, 2005 के पहले शपथ ग्रहण समारोह का उल्लेख करते हुए लिखा है कि उस दिन पटना का गांधी मैदान लोगों से खचाखच भरा था। उम्मीदों की नई सुबह थी और लोगों के मन में नीतीश कुमार को लेकर गहरा उत्साह दिख रहा था। मंच पर मौजूद गणमान्य अतिथियों के बीच नीतीश कुमार की पत्नी मंजू सिन्हा, उनके पुत्र निशांत कुमार और अन्य परिजन मौजूद थे। एक शिक्षिका होने के नाते मंजू सिन्हा हमेशा सुर्खियों और चमक-दमक से दूर रहीं, लेकिन उस क्षण उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक रहे थे। पत्रकारों के पूछने पर उन्होंने कहा, 'ये सही और आम आदमी की जीत है। इसे असत्य पर सत्य की विजय कहा जाएगा। जनता को जो उम्मीदें हैं, वे जरूर पूरी होंगी। बिहार में सुशासन की सरकार कायम होगी।'
पढ़ें: रोहतास में पीएचईडी विभाग पर 12 करोड़ का बिजली बिल बकाया, डीएम के निर्देश के बाद भी नहीं हुआ भुगतान
उनके इस बयान को अगले दिन बिहार ही नहीं, देशभर के प्रमुख अखबारों ने पहले पन्ने पर प्रकाशित किया। उस समय मंजू सिन्हा पटना के यारपुर स्थित कमला नेहरू कन्या विद्यालय में शिक्षिका थीं। नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उनके रहन-सहन, दिनचर्या और व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया। वे रोज की तरह स्कूल जाती रहीं और आम नागरिक की तरह ही जीवन जीती रहीं। उनकी यही सादगी नीतीश कुमार की छवि को और मजबूती देती है। इससे पहले भी नीतीश कुमार पर एक किताब उनके मित्र उदयकांत द्वारा लिखी गई थी, जिसका विमोचन महागठबंधन सरकार के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने किया था। उस पुस्तक का शीर्षक था ‘अंतरंग दोस्तों की नजर से नीतीश कुमार’।
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उद्घाटन समारोह के बाद मुख्यमंत्री ने विभिन्न प्रकाशन संस्थानों के स्टॉल का अवलोकन किया। पटना पुस्तक मेला के कन्वेनर अमित झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी को अंग वस्त्र और पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया। सीआरडी के अध्यक्ष रत्नेश्वर ने बताया कि यह पुस्तक मेला अपने 41वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने कहा कि ज्ञान और साहित्य की बात आने पर देश की नजर हमेशा बिहार की ओर रहती है। इस बार मेले की थीम ‘वेलनेस-अ वे ऑफ लाइफ’ रखी गई है।
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किताब का प्रमुख अंश
लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने अपनी पुस्तक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 24 नवंबर, 2005 के पहले शपथ ग्रहण समारोह का उल्लेख करते हुए लिखा है कि उस दिन पटना का गांधी मैदान लोगों से खचाखच भरा था। उम्मीदों की नई सुबह थी और लोगों के मन में नीतीश कुमार को लेकर गहरा उत्साह दिख रहा था। मंच पर मौजूद गणमान्य अतिथियों के बीच नीतीश कुमार की पत्नी मंजू सिन्हा, उनके पुत्र निशांत कुमार और अन्य परिजन मौजूद थे। एक शिक्षिका होने के नाते मंजू सिन्हा हमेशा सुर्खियों और चमक-दमक से दूर रहीं, लेकिन उस क्षण उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक रहे थे। पत्रकारों के पूछने पर उन्होंने कहा, 'ये सही और आम आदमी की जीत है। इसे असत्य पर सत्य की विजय कहा जाएगा। जनता को जो उम्मीदें हैं, वे जरूर पूरी होंगी। बिहार में सुशासन की सरकार कायम होगी।'
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उनके इस बयान को अगले दिन बिहार ही नहीं, देशभर के प्रमुख अखबारों ने पहले पन्ने पर प्रकाशित किया। उस समय मंजू सिन्हा पटना के यारपुर स्थित कमला नेहरू कन्या विद्यालय में शिक्षिका थीं। नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उनके रहन-सहन, दिनचर्या और व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया। वे रोज की तरह स्कूल जाती रहीं और आम नागरिक की तरह ही जीवन जीती रहीं। उनकी यही सादगी नीतीश कुमार की छवि को और मजबूती देती है। इससे पहले भी नीतीश कुमार पर एक किताब उनके मित्र उदयकांत द्वारा लिखी गई थी, जिसका विमोचन महागठबंधन सरकार के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने किया था। उस पुस्तक का शीर्षक था ‘अंतरंग दोस्तों की नजर से नीतीश कुमार’।