Bihar: किशनगंज में आयोजित हुआ बिहार आइडिया फेस्टिवल 2025, युवाओं और कारीगरों को स्टार्टअप से जोड़ने की पहल
Bihar: अपने संबोधन में डॉ. राम ने कहा कि बिहार के युवाओं में अपार क्षमता है। उन्हें केवल उचित मार्गदर्शन और संसाधनों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह फेस्टिवल युवाओं को एक ऐसा मंच प्रदान करता है, जहां वे अपने विचारों को व्यवसायिक मॉडल में बदल सकते हैं।

विस्तार
बिहार सरकार के उद्योग विभाग और जीविका के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को किशनगंज स्थित राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में बिहार आइडिया फेस्टिवल 2025 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जिले के युवाओं, विद्यार्थियों, कारीगरों और ग्रामीण नवाचारियों को स्टार्टअप और उद्यमिता की ओर प्रेरित करना था। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें जिले और राज्य स्तर के कई प्रतिष्ठित अतिथि उपस्थित रहे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. भगवान श्री राम ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

अपने संबोधन में डॉ. राम ने कहा कि बिहार के युवाओं में अपार क्षमता है। उन्हें केवल उचित मार्गदर्शन और संसाधनों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह फेस्टिवल युवाओं को एक ऐसा मंच प्रदान करता है, जहां वे अपने विचारों को व्यवसायिक मॉडल में बदल सकते हैं। उद्योग विभाग के सहायक निदेशक ने राज्य सरकार की स्टार्टअप नीति 2022 की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि सरकार नवाचार आधारित विचारों को साकार करने के लिए 10 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त सीड फंड, तीन वर्षों तक मेंटरशिप, प्रशिक्षण और विभिन्न सरकारी पोर्टलों से जुड़ाव जैसी सुविधाएं दे रही है। स्टार्टअप सेल के जिला समन्वयक महीन रजा ने कार्यक्रम के संचालन, अतिथि समन्वय और छात्र सहभागिता में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने जिले के युवाओं को इस पहल से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।
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स्थानीय स्टार्टअप को बढ़ावा देने पर जोर
जिला उद्योग केंद्र, किशनगंज के महाप्रबंधक अनिल कुमार मंडल ने कहा कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कारीगरों, किसानों और महिलाओं के पास पारंपरिक कौशल है। इन्हें आधुनिक तकनीक और बाजार से जोड़कर स्थानीय स्तर पर स्टार्टअप्स में बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि किशनगंज जैसे सीमावर्ती जिले के लिए यह एक सुनहरा अवसर है।
महिलाओं के लिए ‘स्टार्टअप दीदी’ अभियान
कार्यक्रम में जीविका की जिला परियोजना प्रबंधक अनुराधा चंद्रा ने महिलाओं की उद्यमिता में भागीदारी पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जीविका के माध्यम से ‘स्टार्टअप दीदी’ अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपने उत्पाद और सेवाएं तैयार कर रही हैं। बिहार सरकार इन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म, वित्तीय सहायता और बाजार तक पहुंच उपलब्ध करा रही है।
युवाओं में दिखा उत्साह
फेस्टिवल में बड़ी संख्या में छात्रों, नवाचारियों और स्थानीय उद्यमियों ने भाग लिया। उन्हें स्टार्टअप नीति, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, फंडिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई। प्रतिभागियों ने अपने विचार भी साझा किए और विशेषज्ञों से परामर्श लिया।
राज्य के 4875 प्रतिभागियों ने लिया भाग
बिहार आइडिया फेस्टिवल उद्योग विभाग और योरस्टोरी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ-साथ जीविका के सहयोग से शुरू की गई एक अनूठी पहल है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं, छात्रों, स्वयं सहायता समूहों कारीगरों, किसान समेत अन्य ने 10 हजार 000 उद्यमशील विचारों को जमीनी स्तर सेखोजना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से विभाग का लक्ष्य राज्य के उभरते उद्यमियों की पहचान करना, बाजार संपर्क स्थापित करना है। इस आयोजन के विजेताओं को स्टार्टअप बिहार नीति के तहत 10 लाख रुपये की सीड फंडिंग के लिए पिचिंग राउंड में वाइल्ड कार्ड अवसर प्राप्त होगा। उन्हें ट्रॉफी और स्टार्टअप बिहार नीति के तहत अन्य प्रोत्साहनों से भी सम्मानित किया जाएगा।