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Jokihat Chunav Result: दिलचस्प लड़ाई, शहनवाज आलम को पीछे छोड़ JDU के मंजर आलम ने बनाई बढ़त
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जोकीहाट
Published by: अर्पित याज्ञनिक
Updated Fri, 14 Nov 2025 10:43 AM IST
सार
Jokihat Vidhan Sabha Result 2025 Live: जोकीहाट सीट पर वोटों की गिनती जारी है। दूसरे दौर की मतगणना में जनता दल के मंजर आलम आगे चल रहे हैं। एआईएमआईएम के मोहम्मद मुर्शिद आलम दूसरे नंबर पर हैं।
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शहनवाज आलम को पीछे छोड़ मंजर निकले आगे।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
Jokihat vidhan Sabha Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम के लिए वोटों की गिनती सुबह से शुरू हो चुकी है। अब तक के रुझानों पर नजर डालें तो जोकीहाट निर्वाचन क्षेत्र में RJD ने शहनवाज आलम की रफ्तार कुछ कम हो गई है। फिलहाल JDU ने मंजर आलम दौड़ में आगे चल रहे हैं। जोकीहाट विधानसभा चुनाव में दो भाइयों शहनवाज आलम और सरफाराज आलम के बीच विरासत की लड़ाई है। दोनों ही अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं। RJD ने शहनवाज आलम को उम्मीदवार बनाया। वहीं जनसुराज से सरफराज आलम को उतारा गया है। जोकीहाट विधानसभा सीट पर इस बार JDU ने मंजर आलम पर दांव आजमाया है।
अररिया जिले की सीट है जोकीहाट
बिहार के 38 जिलों में से एक अररिया जिला भी है। यह जिला 2 अनुमंडल और 09 ब्लाक में बंटा हुआ है। अररिया जिले में कुल 06 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें जोकीहाट विधानसभा सीट भी शामिल है। जोकीहाट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अररिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। इस सीट पर सबसे पहले चुनाव 1967 में हुआ था। जोकीहाट सीमांचल की एक मुस्लिम बहुल सीट है।
ये था पिछला परिणाम
जोकीहाट में 2020 के चुनाव में 59.36% मतदान हुआ था। चुनाव में 34.22% वोट पाकर AIMIM के शाहनवाज आलम जीते थे। बाद में शाहनवाज आलम समेत एआईएमआईएम के चार विधायक राजद में शामिल हो गए।
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अररिया जिले की सीट है जोकीहाट
बिहार के 38 जिलों में से एक अररिया जिला भी है। यह जिला 2 अनुमंडल और 09 ब्लाक में बंटा हुआ है। अररिया जिले में कुल 06 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें जोकीहाट विधानसभा सीट भी शामिल है। जोकीहाट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अररिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। इस सीट पर सबसे पहले चुनाव 1967 में हुआ था। जोकीहाट सीमांचल की एक मुस्लिम बहुल सीट है।
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ये था पिछला परिणाम
जोकीहाट में 2020 के चुनाव में 59.36% मतदान हुआ था। चुनाव में 34.22% वोट पाकर AIMIM के शाहनवाज आलम जीते थे। बाद में शाहनवाज आलम समेत एआईएमआईएम के चार विधायक राजद में शामिल हो गए।
जोकीहाट विधानसभा सीट।
- फोटो : अमर उजाला
लगातार तीन बार जोकीहाट से जीते तस्लीमुद्दीन
1969 में बिहार में मध्याविधि चुनाव हुए। इस चुनाव में तस्लीमुद्दीन पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए जोकीहाट सीट पर उतरे। कांग्रेस के टिकट पर उतरे तस्लीमुद्दीन ने जीत दर्ज की। तस्लीमुद्दीन ने भारतीय जन संघ के सत्य नारायण यादव को 8,582 वोट से हरा दिया था। आगे चलकर यह जोकीहाट सीट और तस्लीमुद्दीन एक दूसरे का पर्याय बन गए। संसद की वेबसाइट के मुताबिक पूर्व लोकसभा सांसद तस्लीमुद्दीन का जन्म 4 जनवरी 1943 को अररिया जिले के सिसौना में हुआ था। महज छह साल की उम्र में एक फरवरी 1949 को अख्तरी बेगम से उनका निकाह हुआ। 16 साल की उम्र में उन्होंने अपनी सियासी पारी शुरू की। जब पहली बार 1959 में ग्राम पंचायत, सिसौना से सरपंच बने। इसके बाद 1964 में सिसौना ग्राम पंचायत के मुखिया बने। यहां से उनके शुरुआत हुई वहां से होते हुए वह विधानसभा और लोकसभा भी पहुंचे। 1972 में तस्लीमुद्दीन को कांग्रेस का टीकट नहीं मिला। इस बार उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत दर्ज की। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस ने जहीउद्दीन को 23,708 वोट से हरा दिया। 1977 में बिहार के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर फिर से तस्लीमुद्दीन ने ही जीत दर्ज की थी। इस बार तस्लीमुद्दीन ने जनता पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की। जनता पार्टी के तस्लीमुद्दीन ने कांग्रेस के मोइदुर रहमान को 3,170 वोट से हरा दिया।
1969 में बिहार में मध्याविधि चुनाव हुए। इस चुनाव में तस्लीमुद्दीन पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए जोकीहाट सीट पर उतरे। कांग्रेस के टिकट पर उतरे तस्लीमुद्दीन ने जीत दर्ज की। तस्लीमुद्दीन ने भारतीय जन संघ के सत्य नारायण यादव को 8,582 वोट से हरा दिया था। आगे चलकर यह जोकीहाट सीट और तस्लीमुद्दीन एक दूसरे का पर्याय बन गए। संसद की वेबसाइट के मुताबिक पूर्व लोकसभा सांसद तस्लीमुद्दीन का जन्म 4 जनवरी 1943 को अररिया जिले के सिसौना में हुआ था। महज छह साल की उम्र में एक फरवरी 1949 को अख्तरी बेगम से उनका निकाह हुआ। 16 साल की उम्र में उन्होंने अपनी सियासी पारी शुरू की। जब पहली बार 1959 में ग्राम पंचायत, सिसौना से सरपंच बने। इसके बाद 1964 में सिसौना ग्राम पंचायत के मुखिया बने। यहां से उनके शुरुआत हुई वहां से होते हुए वह विधानसभा और लोकसभा भी पहुंचे। 1972 में तस्लीमुद्दीन को कांग्रेस का टीकट नहीं मिला। इस बार उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत दर्ज की। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस ने जहीउद्दीन को 23,708 वोट से हरा दिया। 1977 में बिहार के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर फिर से तस्लीमुद्दीन ने ही जीत दर्ज की थी। इस बार तस्लीमुद्दीन ने जनता पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की। जनता पार्टी के तस्लीमुद्दीन ने कांग्रेस के मोइदुर रहमान को 3,170 वोट से हरा दिया।
जोकीहाट विधानसभा सीट।
- फोटो : अमर उजाला
सबसे पहले चुनाव में जीते नजामुद्दीन
जोकीहाट सीट पर सबसे पहले चुनाव 1967 में चुनाव हुए थे। इस चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी को जीत मिली। प्रसपा के नजामुद्दीन ने निर्दलीय उम्मीदवार डब्ल्यू रहमान को 2,344 वोट से हरा दिया था।
जोकीहाट सीट पर सबसे पहले चुनाव 1967 में चुनाव हुए थे। इस चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी को जीत मिली। प्रसपा के नजामुद्दीन ने निर्दलीय उम्मीदवार डब्ल्यू रहमान को 2,344 वोट से हरा दिया था।