Bihar News: 'बिहार को क्या मिला तीन बार मोदी को प्रधानमंत्री बनाकर?', ओवैसी ने साधा निशाना
किशनगंज में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चुनावी जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखे हमले किए। ओवैसी ने पीएम मोदी पर बिहार को नजरअंदाज करने, झूठे वादे करने और संविधान कमजोर करने की कोशिश का आरोप लगाया।
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बिहार विधानसभा चुनाव के बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने किशनगंज के बंगाली चौक और तुलसीया में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार को अब तक कुछ नहीं दिया और बार-बार जनता से झूठे वादे किए हैं।
ओवैसी ने अपने भाषण में पीएम मोदी के सऊदी अरब दौरे का जिक्र करते हुए एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री ने एक सऊदी शेख से पूछा कि उनकी तोप कितनी दूर तक मार करती है, तो शेख ने जवाब दिया, “आपसे कम।” ओवैसी ने इस बात को मोदी सरकार के अधूरे वादों से जोड़ते हुए कहा कि “15 लाख रुपये खाते में डालने”, “एक करोड़ नौकरियां देने” और “काला धन वापस लाने” जैसे वादे कभी पूरे नहीं हुए। उन्होंने सवाल किया कि बिहार की जनता ने तीन बार मोदी को प्रधानमंत्री बनाया, लेकिन राज्य को उसका क्या लाभ मिला?
ओवैसी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी पिछले 20 वर्षो से नीतीश कुमार के साथ है, जबकि तेजस्वी यादव सिर्फ एक साल उनके साथ रहे। उन्होंने नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “वो सुबह उठते हैं और सोचते हैं आज किसके साथ चाय पीनी है और किससे गठबंधन तोड़ना है।” ओवैसी ने नीतीश की कार्यशैली की तुलना बिहार में गिरते पुलों से करते हुए कहा कि “बिहार में पुलों की तरह नीतीश का पाला भी बार-बार बदल जाता है।”
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AIMIM प्रमुख ने सीमांचल की बदहाली के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तेजस्वी यादव और राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सीमांचल आज भी पिछड़ा है, जबकि राज्य में मुस्लिम आबादी करीब 17% है। बावजूद इसके, विधानसभा में मुस्लिम प्रतिनिधित्व केवल 8% तक सिमटा हुआ है। उन्होंने दलित समाज का उदाहरण देते हुए कहा कि 25% मतदाता होने के बावजूद दलित समाज से 35% विधायक विधानसभा में पहुंचते हैं, तो मुसलमानों की हिस्सेदारी इतनी कम क्यों है? ओवैसी ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि “नरेंद्र मोदी की पार्टी ने आज तक एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया, तो फिर सबका साथ कैसे?”