Bihar News: सीवान में पार्टी नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसाने की साजिश, भाकपा (माले) का आरोप
Bihar: भाकपा (माले) ने सिवान जिला प्रशासन पर पार्टी नेताओं विकास यादव और सोहेल मांझी को झूठे मामलों में फंसाने का आरोप लगाया है। पार्टी ने निष्पक्ष जांच, दोषियों की गिरफ्तारी और नेताओं को सुरक्षा देने की मांग की है।
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भाकपा (माले) ने सिवान जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पार्टी नेताओं विकास यादव और सोहेल मांझी को साजिश के तहत झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। पार्टी ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
भाकपा (माले) जिला कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिला सचिव हंसनाथ राम, पूर्व विधायक अमरनाथ यादव और अमरजीत कुशवाहा ने संयुक्त रूप से यह आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह साजिश पार्टी नेताओं द्वारा उठाए जा रहे पुराने मामलों का बदला लेने के लिए रची जा रही है।
हंसनाथ राम ने बताया कि 1 दिसंबर 2023 को कल्याणपुर गांव में संटू सिंह सहित अन्य अपराधियों ने गांजा, स्मैक और शराब माफिया होने के आरोप में सोहेल मांझी के भाई जमादार मांझी को उनके घर के दरवाजे से घसीटकर बेरहमी से पीटा, जिससे उनकी मौत हो गई। जमादार मांझी की पटना के पीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हुई थी। उन्होंने बताया कि मृतक ने मरने से पहले बयान दिया था, जिसके आधार पर आरोपी चिन्हित हो चुके हैं और हाईकोर्ट से उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी है। इसके बावजूद आरोपी अब तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं। इसी मामले को उठाने पर पार्टी नेताओं को लगातार धमकियां दी जा रही हैं।
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पूर्व विधायक अमरनाथ यादव ने कहा कि इसी हत्या मामले को उठाने के बदले 24 मार्च 2024 को पार्टी नेताओं पर एक गोलीकांड का झूठा मुकदमा दर्ज कर उन्हें फंसाने की कोशिश की गई थी। हालांकि, जिला प्रशासन द्वारा की गई निष्पक्ष जांच में सभी नेता निर्दोष साबित हुए। अब एक बार फिर विकास यादव और सोहेल मांझी को झूठे मामले में फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और झूठे आरोप लगाने वालों पर कार्रवाई की जाए।
अमरजीत कुशवाहा ने एफआईआर का हवाला देते हुए बताया कि 20 दिसंबर 2025 को शाम करीब 7 बजे कर्णपुरा बाजार से दवा लेकर लौट रहे रिशु सिंह, दीपक सिंह और अमन सिंह को विकास यादव और सोहेल मांझी द्वारा रोकने और गोली चलाने का आरोप लगाया गया है, जिसमें दीपक सिंह को बाएं सीने के नीचे गोली लगने की बात कही गई है। घायल को पहले सिवान सदर अस्पताल और फिर बेहतर इलाज के लिए पटना पीएमसीएच भेजा गया। उन्होंने कहा कि एफआईआर और बयानों में कई विरोधाभास हैं, क्योंकि उस दिन विकास यादव सिवान में मौजूद ही नहीं थे।
भाकपा (माले) ने निष्पक्ष जांच की मांग दोहराते हुए कहा कि जमादार मांझी हत्याकांड में हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो रही है। पार्टी ने दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी, पार्टी नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराने और धमकियों पर रोक लगाने की मांग की है।