NASA: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के रोवर ने मंगल ग्रह पर ऐसी खोज है, जिसने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है। दरअसल, नासा के रोवर ने लाल ग्रह पर डायनासोर के अंडे जैसी अजीबोगरीब संरचना की खोज की है। इस संरचना ने मंगल पर जीवन के संकेतों को लेकर नई बहस छेड़ दी है। नासा के क्यूरियोसिटी रोवर की मंगल ग्रह पर की गई खोज ने 'डायनासोर के अंडों' जैसी दिखने वाली इन संरचनाओं ने वैज्ञानिक समुदाय और आम जनता के बीच उत्साह और संभावनाओं को पैदा कर दिया है।
NASA: नासा के रोवर ने मंगल ग्रह पर खोजे डायनासोर के अंडे! देखकर वैज्ञानिक भी हैरान
NASA: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के रोवर ने मंगल ग्रह पर ऐसी खोज है, जिसने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है। दरअसल, नासा के रोवर ने लाल ग्रह पर डायनासोर के अंडे जैसी अजीबोगरीब संरचना की खोज की है।
क्यूरियोसिटी मिशन की भूमिका
क्यूरियोसिटी का मिशन 2012 में मंगल पर उतरने के बाद से इस ग्रह की जीवन-योग्यता की जांच करना और जलवायु व भूविज्ञान का अध्ययन करना रहा है। इसने पहले भी प्राचीन जलधाराओं और खनिजों की मौजूदगी की खोज की है, जो संकेत देती हैं कि कभी मंगल पर तरल पानी मौजूद था। इन खोजों ने मंगल के इतिहास को समझने में बड़ी भूमिका निभाई है।
वैज्ञानिक कर रहे हैं जांच
डायनासोर अंडे जैसी संरचनाओं का भूवैज्ञानिक महत्व काफी है। अब वैज्ञानिक पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर इनका निर्माण कैसे हुआ। क्या यह ज्वालामुखी गतिविधि के कारण बनी हैं या लाखों वर्षों की तलछटी परतों के कारण? इससे मंगल के जलवायु और पर्यावरणीय अतीत की जानकारी मिल सकती है।
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छिपे हो सकते हैं प्राचीन जीवन के संकेत
NASA’s Curiosity Rover Just Found ‘Dinosaur Eggs’ on Mars pic.twitter.com/4JBrhZiHVA
इन संरचनाओं में प्राचीन जीवन के संकेत भी छिपे हो सकते हैं। अगर मंगल ग्रह पर पानी और स्थिर जलवायु जैसी अनुकूल परिस्थितियां थीं, तो हो सकता है कि इन आकृतियों में कभी माइक्रोबियल जीवन रहा होगा। पृथ्वी पर ऐसी संरचनाएं अक्सर जैविक गतिविधियों से संबंधित होती हैं।
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नासा के रोवर ने कैसे की खोज?
क्यूरियोसिटी रोवर में अत्याधुनिक उपकरणों लगाए हैं। इसमें मार्स हैंड लेंस इमेजर (MAHLI) लगे हैं, जो चट्टानों की हाई रिजोल्यूशन तस्वीरें लेते हैं और केमकैम जो लेजर -स्पेक्ट्रोस्कोपी से चट्टानों की रासायनिक संरचना का विश्लेषण करता है। यह सैंपल एनालिसिस एट मार्स (SAM) जैसे उपकरणों की मदद से यह बेहद जटिल विश्लेषण भी कर सकता है। वैज्ञानिकों की मंगल ग्रह में काफी दिलचस्पी है। वर्षों से वैज्ञानिक लाल ग्रह पर जीवन की तलाश कर रहे हैं।