Biz Updates: ब्लिंकिट के सीएफओ का एक साल में ही इस्तीफा; नौ शहरों में मकानों का पंजीकरण 5% घटकर 5.45 लाख इकाई
वाणिज्यिक परिवहन सेगमेंट में उतरी ह्यूंडई
ह्यूंडई मोटर इंडिया ने प्राइम टैक्सी शृंखला के साथ वाणिज्यिक परिवहन सेगमेंट में प्रवेश की मंगलवार को घोषणा की। कंपनी ने कहा, फ्लीट संचालकों एवं टैक्सी उद्यमियों की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की गई इस श्रृंखला में प्राइम एचबी (हैचबैक) और प्राइम एसडी (सेडान) मॉडल शामिल हैं। इन मॉडल की शुरुआती कीमत क्रमशः 5,99,900 रुपये और 6,89,900 रुपये (एक्स-शोरूम) है।
एरियल और टाइड की निर्माता प्रॉक्टर एंड गैंबल होम प्रोडक्ट्स को 2024-25 में 683.29 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। उसके पहले के साल की तुलना में यह 19.1 फीसदी अधिक है। परिचालन से राजस्व 3.4 फीसदी बढ़कर 9,054.11 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। कुल आय दो फीसदी घटकर 9,228.83 करोड़ रुपये रह गई।
देश के नौ शहरों में इस साल 25 दिसंबर तक आवासीय संपत्तियों का पंजीकरण पांच फीसदी घटकर 5.45 लाख इकाई रहा। इस दौरान कुल मूल्य 11 फीसदी बढ़कर 4.46 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। वर्ष 2024 के दौरान 5.77 लाख मकान पंजीकृत हुए थे, जिनका कुल मूल्य 4.03 लाख करोड़ रुपये था।
रियल एस्टेट सलाहकार स्क्वायर यार्ड्स के मुताबिक, ये आंकड़े पुणे, ठाणे, मुंबई, नवी मुंबई, बंगलूरू, हैदराबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में पंजीकृत नए एवं पुराने दोनों प्रकार के संपत्तियों से जुड़े हैं। कंपनी के संस्थापक एवं सीईओ तनुज शोरी ने कहा, अधिक खर्च योग्य आय वाले समृद्ध भारतीयों की संख्या में तेज बढ़ोतरी के बीच 2025 में खासकर मुंबई महानगरीय क्षेत्र जैसे बाजारों में प्रीमियम और लग्जरी मकानों का कुल मूल्य में वर्चस्व रहा। हालांकि, मांग संरचनात्मक रूप से मजबूत बनी हुई है, लेकिन नए साल यानी 2026 में लग्जरी मकानों की बिक्री में वृद्धि की रफ्तार धीमी रह सकती है।
देशभर के एफएमसीजी वितरकों की संस्था अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्पाद वितरक महासंघ (AICPDF) ने बाजार नियामक SEBI से बड़ी मांग की है। संगठन ने घाटे में चल रही क्विक-कॉमर्स कंपनियों के आईपीओ पर अस्थायी रोक लगाने को कहा है। AICPDF का कहना है कि कई क्विक-कॉमर्स और ई-कॉमर्स कंपनियां लगातार भारी नुकसान में हैं। ये कंपनियां मुनाफा कमाने के बजाय निवेशकों के पैसे से भारी छूट, सब्सिडी और डार्क-स्टोर जैसी महंगी व्यवस्थाओं पर खर्च कर रही हैं। इसके बावजूद ये कंपनियां शेयर बाजार में ऊंचे मूल्यांकन पर उतर रही हैं।
संस्था ने आरोप लगाया कि जौमैटो और स्विगी जैसी कंपनियों के आईपीओ में शुरुआती निवेशकों ने मुनाफा कमा लिया, जबकि आम खुदरा निवेशकों पर जोखिम डाल दिया गया। AICPDF ने यह भी बताया कि उसने इन कंपनियों के खिलाफ CCI में अनुचित प्रतिस्पर्धा और शिकारी मूल्य निर्धारण की शिकायतें दर्ज कराई हैं, जो अभी लंबित हैं। AICPDF अध्यक्ष धैर्यशील पाटिल ने कहा कि घाटे में चल रहे बिजनेस मॉडल को आईपीओ के जरिए बाहर निकलने का रास्ता नहीं बनाया जाना चाहिए। इससे न केवल छोटे निवेशकों को नुकसान होगा, बल्कि देश के लाखों किराना दुकानदारों की रोजी-रोटी भी खतरे में पड़ जाएगी।
मुंबई स्थित कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल ने चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल ने दावा किया है कि उसने भारत की पहली सीमा-पार रिमोट रोबोटिक सर्जरी सफलतापूर्वक की है। इस सर्जरी को डॉक्टर टी. बी. युवराज ने अंजाम दिया। खास बात यह रही कि मरीज मुंबई में मौजूद थे, जबकि डॉक्टर चीन के शंघाई शहर में थे। अत्याधुनिक रोबोटिक तकनीक की मदद से उन्होंने दो अलग-अलग मरीजों की सर्जरी की।
पहली सर्जरी रोबोट-सहायता प्राप्त रेडिकल प्रोस्टेक्टॉमी थी, जो प्रोस्टेट कैंसर से जुड़ी होती है। दूसरी सर्जरी रोबोट-सहायता प्राप्त आंशिक किडनी ऑपरेशन (पार्शियल नेफ्रेक्टॉमी) थी। दोनों सर्जरी सफल रहीं और मरीज सुरक्षित हैं। अस्पताल के अनुसार, यह उपलब्धि भारत में टेली-मेडिसिन और रोबोटिक सर्जरी के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इससे दूर-दराज़ या विदेशों में बैठे विशेषज्ञ डॉक्टर भी भारत में मरीजों का इलाज कर सकेंगे। यह तकनीक न सिर्फ समय और दूरी की बाधा को खत्म करेगी, बल्कि गंभीर बीमारियों के इलाज को भी ज्यादा सुलभ बनाएगी।
वित्तीय विवरण और वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 जनवरी तक बढ़ी
कंपनी मामलों के मंत्रालय ने मंगलवार को कंपनी कानून के तहत वित्तीय विवरण और वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 जनवरी, 2026 तक बढ़ा दी है। समय सीमा को आगे बढ़ाने का निर्णय, जो पहले 31 दिसंबर को समाप्त होने वाली थी, विभिन्न हितधारकों की आपत्तियों के मद्देनजर लिया गया है। इनमें से कई हितधारकों को फाइलिंग सिस्टम में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
ये दस्तावेज वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए हैं। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने मंगलवार को एक परिपत्र में कहा, "हितधारकों से प्राप्त अभ्यावेदनों को ध्यान में रखते हुए, सक्षम प्राधिकारी ने कंपनियों को वित्तीय वर्ष 2024-25 से संबंधित अपने वार्षिक फाइलिंग [ई-फॉर्म एमजीटी7, एमजीटी-7ए, एओसी-4, एओसी-4 सीएफएस, एओसी-4 एनबीएफसी (इंड एएस), एओसी-4 सीएफएस एनबीएफसी (इंड एएस), एओसी4 (एक्सबीआरएल)] को 31 जनवरी, 2026 तक बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के पूरा करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है।"