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Economy: भारत 2025 में जापान को पीछे छोड़ चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना, अब जर्मनी को पीछे छोड़ना लक्ष्य
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Tue, 30 Dec 2025 09:03 PM IST
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भारतीय अर्थव्यवस्था।
- फोटो : amarujala
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भारतीय अर्थव्यवस्था ने साल 2025 के अंत में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया। केंद्र सरकार की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत अब 4.18 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के साथ जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। यह उपलब्धि भारत के लिए एक बड़े रणनीतिक मोड़ का संकेत है। यह वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच देश की आंतरिक मजबूती और सुधारों की सफलता की कहानी है।
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मजबूत विकास दर और 'गोल्डिलॉक्स' फेज
वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (Q2) के आंकड़ों ने विश्लेषकों को भी चौंका दिया है। इस अवधि में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 8.2% रही। यह आंकड़ा पिछली छह तिमाहियों में सबसे अधिक है। इससे पूर्व पहली तिमाही में यह नंबर 7.8% और पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7.4% दर्ज की गई थी।
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सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया, "4.18 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ भारत अब चौथे स्थान पर है। हमारी अर्थव्यवस्था अगले ढाई से तीन वर्षों में जर्मनी को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। अनुमान है कि 2030 तक भारत की जीडीपी 7.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी।" वर्तमान में अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी और चीन दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
घरेलू मांग और व्यापक आर्थिक स्थिरता
इस आर्थिक छलांग के पीछे मुख्य इंजन निजी उपभोग और मजबूत घरेलू मांग रही है। वैश्विक व्यापार में जारी उतार-चढ़ाव के बावजूद, भारत के शहरी उपभोग और वाणिज्यिक क्षेत्र में ऋण प्रवाह ने इस विकास को गति दी है। आर्थिक मोर्चे पर अन्य प्रमुख संकेतकों ने भी राहत दी है। नवंबर 2025 में खुदरा महंगाई गिरकर 0.71% के निचले स्तर पर आ गई। नवंबर 2025 में बेरोजगारी दर घटकर 4.7% रह गई, जो अप्रैल के बाद का न्यूनतम स्तर है। नवंबर में व्यापारिक निर्यात बढ़कर 38.13 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का भरोसा
भारत की इस तेज रफ्तार पर वैश्विक रेटिंग एजेंसियों और संस्थाओं ने भी मुहर लगाई है। मूडीज का अनुमान है कि भारत 2026 और 2027 में भी G20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
क्या है 'विकसित भारत' का लक्ष्य?
सरकार का कहना है कि भारत अब 2047 तक 'उच्च मध्यम-आय' वाला देश बनने के अपने विजन की ओर मजबूती से बढ़ रहा है। बैंकिंग और कॉर्पोरेट सेक्टर की मजबूत बैलेंस शीट, संरचनात्मक सुधार और सामाजिक प्रगति की नींव ने भारत को एक लंबी रेस के लिए तैयार कर दिया है। हालांकि, जानकारों का मानना है कि इतनी बड़ी आबादी के लिए गुणवत्तापूर्ण रोजगार सृजित करना और प्रति व्यक्ति आय में सुधार करना आने वाले वर्षों में सबसे बड़ी चुनौती बनी रहेगी।