Indigo Airlines Row: एक साल में 54 फीसदी यात्री इंडिगो की लेटलतीफी के कारण हुए परेशान, सर्वे में बड़ा दावा
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो बीते कुछ दिनों से गंभीर परिचालन संकट से जूझ रही है। एयरलाइन को क्रू की भारी कमी और डीजीसीए के नए फ्लाइट ड्यूटी नियमों (एफडीटीएल) के चलते दिल्ली, मुंबई और बंगलूरू जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर लगातार तीसरे दिन 300 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी है। लोकल सर्किल्स के एक हालिया सर्वे ने एयरलाइन की गिरती सेवाओं की पोल खोली है, जिसके अनुसार पिछले 12 महीनों में 54% यात्रियों को उड़ानों में देरी और स्टाफ के खराब व्यवहार का सामना करना पड़ा है। रिपोर्ट में और क्या दावे हैं, आइए जानें।
विस्तार
देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन इंडिगो में परिचालन संकट लगातार तीसरे दिन जारी है। गुरुवार को देश के तीन बड़े हवाई अड्डों दिल्ली, मुंबई और बंगलूरू में इंडिगो की 300 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। दिन खत्म होने तक रद्द उड़ानों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। जानकारों के अनुसार, इंडिगो एयरलाइन क्रू के कमी और डीजीसीए के नए फ्लाइट ड्यूटी नियमों के कारण परेशानियों से जूझ रही है। अब एक सर्वे में कुछ ऐसे दावे किए गए हैं, जो एयरलाइन की जमीनी हकीकत बयां कर रहे हैं।
नाराज यात्री बोले- एयरलाइन बदले अपना टैगलाइन 'ऑन टाइम इज वनडरफुल'
कम्यूनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोकल सर्किल्स ने अपनी एक रिपोर्ट में चौंकाने वाले दावे किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 12 महीनों में इंडिगो से उड़ान भरने वाले 54% यात्रियों उड़ानों में देरी के कारण परेशानी झेलनी पड़ी। एअरलाइन से सफर करने वाले 54% यात्रियों ने स्टाफ के रवैये और शिष्टाचार से जुड़ी समस्याओं का अनुभव साझा किया। 12 महीनों में 45% यात्रियों ने बताया कि सूचना की समयबद्धता और पारदर्शिता की कमी के कारण उन्हें परेशानी हुई। कुछ यात्रियों ने एयरलाइन को सलाह देते हुए कि उन्हें अपनी टैगलाइन 'ऑन टाइम इज वनडरफुल' बदल लेनी चाहिए। लोकल सर्किल्स सर्वेक्षण को भारत के 301 जिलों में एयरलाइन यात्रियों से 15,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं।
पिछले हफ्ते इंडिगो की सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गई हैं क्योंकि बाजार हिस्सेदारी के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन को 1 नवंबर से लागू हुए संशोधित फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) के तहत नए पायलट/क्रू रोस्टरिंग नियमों के बाद क्रू की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
4 दिसंबर को इंडिगो की 300 से अधिक उड़ानें रद्द
अकेले 3 दिसंबर को 200 से ज्यदा उड़ानें रद्द होने की सूचना मिली। 4 दिसंबर को भी दोपहर तक ही 300 से अधिक उड़ान रद्द किए गए। नियामकीय आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में इंडिगो ने 1,232 उड़ानें रद्द कीं। रद्द की गई उड़ानों के अलावा, इंडिगो को हाल ही में अपनी धीमी सेवाओं, उड़ानों में देरी और यात्रियों के साथ अभद्र व्यवहार के लिए भी कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। 'एक्स' प्लेटफॉर्म पर साझा की गई कुछ शिकायतों के अनुसार, यात्रियों से लगातार धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करने की अपेक्षा की गई, लेकिन कर्मचारियों का यात्रियों के साथ व्यवहार सही नहीं रहा।
एयरलाइन ने बताया- परिचालन में क्यों हो रही परेशानी?
इंडिगो को वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 2,582 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ है, जो पिछली तिमाही (अप्रैल-जून) में दर्ज किए गए 2,176 करोड़ रुपये के मुनाफे के बिल्कुल विपरीत है। एयरलाइन के अनुसार, इस नुकसान का कारण मुद्रा बाजार में जारी उतार-चढ़ाव को बताया है। इसके चलते एयरलाइन को करीब 2,892 करोड़ रुपये का भारी 'फॉरेक्स लॉस' (विदेशी मुद्रा घाटा) झेलना पड़ा है, जो पिछले साल इसी अवधि में केवल 241 करोड़ रुपये था। एयरलाइन के अनुसार अगर यह स्थिति नहीं होती तो कंपनी 104 करोड़ रुपये के मुनाफे में होती।
हालांकि, एविएशन एनालिटिक्स फर्म सिरियम के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय और परिचालन चुनौतियों- जैसे बढ़ती लागत और इंजन की समस्याओं- के बावजूद इंडिगो ने अपनी क्षमता में विस्तार जारी रखा है और अब यह पिछले साल की तुलना में 12.7% की वृद्धि के साथ साप्ताहिक 15,768 उड़ानें संचालित कर रही है, जो कंपनी के मौजूदा मिले-जुले प्रदर्शन को दर्शाता है।