SBI: QIP से एसबीआई की क्षमता बढ़ी, शेट्टी बोले- पांच से छह वर्षों में होगा 12 लाख करोड़ रुपये तक कर्ज विस्तार
एसबीआई के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा है कि बैंक की पूंजी स्थिति मजबूत बनी हुई है और हाल ही में जुटाई गई इक्विटी पूंजी ने इसकी क्षमता को और बढ़ाया है। शेट्टी के मुताबिक, यह पूंजी अगले 5-6 वर्षों में लगभग 12 लाख करोड़ रुपये के कर्ज विस्तार का समर्थन करेगी।
विस्तार
भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा है कि इस वर्ष की शुरुआत में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिए जुटाई गई 25,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी बैंक की ऋण क्षमता को मजबूत करेगी। शेट्टी के मुताबिक, यह पूंजी अगले 5-6 वर्षों में लगभग 12 लाख करोड़ रुपये के कर्ज विस्तार का समर्थन करेगी और बैंक को 15% की पूंजी पर्यप्तता अनुपात (CAR) बनाए रखने में मदद देगी। क्यूआईपी एक तरीका है जिसके जरिए कोई सूचीबद्ध कंपनी भारत में मौजूद योग्य संस्थागत निवेशकों को सीधे शेयर जारी करके पूंजी जुटाती है।
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क्यूआईपी से पहले भी बैंक को क्रेडिट ग्रोथ में नहीं थी चुनौती
शेट्टी ने आगे बताया कि ऋण पूंजी के मोर्चे पर एसबीआई 12,500 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करेगा। QIP से पहले भी बैंक को क्रेडिट ग्रोथ फंडिंग में कोई चुनौती नहीं थी, लेकिन पूंजी अनुपात को और मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया।
शेट्टी के अनुसार बैंक की दीर्घकालिक रणनीति कैपिटल टू रिस्क एसेट रेशियो (CRAR) को 15% और कॉमन इक्विटी टियर-1 (CET-1) को 12% बनाए रखने की है। यह स्तर बैंक को 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक के अग्रिम देने की क्षमता देता है। उन्होंने कहा कि अगर मौजूदा लाभप्रदता अगले 5-6 वर्षों तक बनी रहती है तो बैंक को CET-1 आधार पर किसी अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
एसबीआई ने इस वर्ष जुटाए 25,000 करोड़ रुपये
एसबीआई ने इस वर्ष जुलाई में 25,000 करोड़ रुपये जुटाकर देश का सबसे बड़ा QIP पूरा किया था। इससे पहले बैंक ने जून 2017 में 15,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। टियर-II बॉन्ड्स के जरिये फंड जुटाने पर शेट्टी ने कहा कि बैंक नियमित अंतराल पर परिपक्व हो रहे बॉन्ड्स को बदलने के लिए यह प्रक्रिया अपनाता है और इस साल 12,500 करोड़ रुपये के नए बॉन्ड जारी किए जाएंगे।
एसबीआई तीन प्रतिशत के ब्याज मार्जिन को हासिल करेगा
ब्याज मार्जिन के मोर्चे पर शेट्टी ने भरोसा जताया कि रिजर्व बैंक अगर अगले सप्ताह होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25% की कटौती भी करता है, तो भी बैंक 3% नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) के अपने अनुमान को हासिल कर लेगा।