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ऐसे कर्ज का भुगतान करेंगे अनिल अंबानी, बेच सकते हैं मुंबई स्थित हेडक्वॉर्टर

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला Published by: ‌डिंपल अलवधी Updated Mon, 01 Jul 2019 12:32 PM IST
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Anil Ambani plan to sale mumbai headquarters to pay off debt
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मुश्किल दौर से गुजर रहे कारोबारी अनिल अंबानी जल्द ही एक बड़ा कदम उठा सकते हैं। अनिल अंबानी मुंबई स्थित अपने हेडक्वॉर्टर को बेच सकते हैं या उसे लॉन्ग-टर्म लीज पर दे सकते हैं। इसके लिए वे ब्लैकस्टोन सहित कुछ ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी फर्मों के साथ बातचीत भी कर रहे हैं। 

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दक्षिण मुंबई स्थित ऑफिस में वापस जा सकते हैं अंबानी 

इकोनॉमिक टाइम्स का खबर के अनुसार, सूत्रों से पता चला कि अंबानी दक्षिण मुंबई स्थित अपने बलार्ड एस्टेट ऑफिस में वापस जा सकते हैं। 

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अंबानी को मिल सकती है इतनी राशि

सांताक्रूज में स्थित रिलायंस सेंटर सात लाख स्क्वायर फुट का है और इसे बेचने से अनिल अंबानी को 1,500-2,000 करोड़ रुपये तक की राशि मिल सकती है। 

इसलिए बेचना चाहते हैं प्रॉपर्टी

दरअसल अनिल अंबानी अपनी प्रॉपर्टीज बेचकर धन जमा करना चाहते हैं, जिससे उनके कर्ज का बोझ कम हो सके। इतना ही नहीं, आपको बता दें कि रेटिंग एजेंसियों ने रिलायंस ग्रुप की कुछ कंपनियों की क्रेडिट रेटिंग भी घटा दी है। 


इसलिए कर्ज का भुगतान करने के लिए अनिल अंबानी प्रॉपर्टी को बेचकर या उसे लॉन्ग-टर्म लीज पर देने की योजना पर विचार कर रहे हैं। 

रिलायंस ग्रुप के प्रवक्ता ने की पुष्टि 

इस बात की पुष्टि खुद रिलायंस ग्रुप के प्रवक्ता ने की है कि कर्ज का भुगतान करने के लिए रियल एस्टेट ऐसेट्स को बेचने पर विचार किया जा रहा है। इंटरनेशनल प्रॉपर्टी कंसल्टंसी जेएलएल (JLL) को हेडक्वॉर्टर को बेचने की जिम्मेदारी मिल सकती है। 

हेडक्वॉर्टर को लेकर चल रहा है कानूनी विवाद

इस हेडक्वॉर्टर की मालिक रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर है। बता दें कि इस हेडक्वॉर्टर को लेकर एक कानूनी विवाद भी चल रहा है। महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन (MERC) ने अडानी ट्रांसमिशन की ओर से साल 2017 में रिलायंस इंफ्रा के रिटेल इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन को खरीदने की अनुमति देने के बाद कहा था कि सांताक्रूज का हेडक्वॉर्टर रिलायंस और अडानी के बीच डील से बाहर रखा गया था।

ट्राइब्यूनल में लंबित है यह मामला

इसके बाद अपीलेट ट्राइब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी में उपभोक्ताओं के एक समूह ने अपील दायर कर कहा था कि जमीन को अडानी ट्रांसमिशन को ट्रांसफर करने की जरूरत है वरना यूजर्स को उनके बिलों में जमीन की कीमत के बराबर छूट मिलनी चाहिए। बता दें कि यह कीमत दो हजार करोड़ रुपये है। फिलहाल यह मामला ट्राइब्यूनल में लंबित है।

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