जेट एयरवेज को एक और झटका, DGCA ने रद्द किया इंजीनियरिंग विभाग का ऑथराइजेशन
नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज को एक और झटका लगा है। जेट का परिचालन तो अप्रैल में ही बंद हो गया था। अब एविएशन रेगुलेटर ने कंपनी के इंजीनियरिंग विभाग का ऑथराइजेशन रद्द कर दिया है यानी जेट का इंजीनियरिंग विभाग अब कामकाज नहीं कर सकेगा। डीजीसीए द्वारा उठाए गए इस कदम का सीधा असर कंपनी के विमानों और एसेट्स पर पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि विमानों को उड़ान न भरने के बावजूद मेंटेनेंस की जरूरत होती है। जेट एयरवेज में लगभग 500 इंजीनियर्स हैं।
जेट के पास अब मात्र 14 विमान हैं। अन्य विमान कंपनी ने लीज पर लिए थे, लेकिन मंथली रेंटल न भरने के कारण उन्हें लीज पर देने वाली कंपनियों ने डीरजिस्टर कर दिया है।
इस संदर्भ में सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, 'जेट एयरवेज अपने इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के लिए विमानों के मेंटेनेंस के न्यूनतम मापदंड को पूरा नहीं कर रही थी इसलिए यह कार्रवाई की गई है।'
20 जून तक स्थगित की जेट एयरवेज से संबंधित सुनवाई
बता दें कि जेट एयरवेज के दिवाला एवं शोधन अक्षमता से जुड़े मामले की सुनवाई राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने 20 जून तक के लिए स्थगित कर दी है। जेट एयरवेज को एनसीएलटी में घसीटने वाले दो परिचालकीय ऋणदाताओं शमन व्हील्स और गग्गर एंटरप्राइजेज को न्यायाधिकरण ने एयरलाइन को दोबारा कानूनी नोटिस भेजने का निर्देश दिया है। न्यायाधिकरण ने दिवाला प्रक्रिया से जुड़ी इस याचिका को सुनवाई के लिए अब तक दाखिल नहीं किया है।
जेट एयरवेज पर शमन व्हील्स की 8.74 करोड़ रुपये और गग्गर एंटरप्राइजेज की 53 लाख रुपये की देनदारी है। जेट एयरवेज पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले बैंकों के समूह का 8,000 करोड़ रुपये, आपूर्तिकर्ताओं का 10 हजार करोड़ रुपये और कर्मचारियों के वेतन का 3,000 करोड़ रुपये का बकाया है।
28 जून से जेट एयरवेज के शेयर की ट्रेडिंग पर पाबंदी
इसके साथ ही आपको बता दें कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज जेट एयरवेज के शेयरों की ट्रेडिंग पर 28 जून से पाबंदी लगा देगा। जेट के कर्जदाता कंपनी के लिए नया खरीदार ढूंढ रहे हैं।
इसपर नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ने कहा है कि कंपनी अपने बारे में विभिन्न अफवाहों का जवाब देने में नाकाम रही है। जेट का जवाब स्पष्ट और संतोषजनक नहीं था। यह फैसला एक्सचेंजों ने संयुक्त रूप से लिया है और यह 28 जून से प्रभावी हो जाएगा।