टाटा ग्रुप बना रहा यह खास योजना, खरीद सकता है जेट एयरवेज के एसेट्स
टाटा ग्रुप विमानन कंपनी जेट एयरवेज के कुछ एसेट्स पर बोली लगाने की योजना बना रही है। इस मामले से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि, 'जब बैंक जेट का मामला बैंकरप्सी कोर्ट में ले जा रहे थे, तब टाटा ग्रुप ने बैंकों को यह जानकारी दी थी।
इन एसेट पर रहेगा ध्यान
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, टाटा ग्रुप का ध्यान जेट के ऐसे एसेट्स पर केंद्रित रहेगा, जिनका उपयोग वह कारोबार बढ़ाने में और जेट का कामकाज ठप होने से पैदा हुए गैप को भरने में कर सके।
अक्टूबर में भी सामने आई थी खबर
बता दें कि टाटा ग्रुप पहले ही सिंगापुर एयरलाइंस के साथ विस्तारा एयरलाइंस को चला रहा है। ग्रांट थॉर्नटन पार्टनर आशीष छावछरिया को जेट का इन्सॉल्वेंसी रेज्योलूशन प्रोफेशनल नियुक्त किया गया है। इससे पहले अक्टूबर में खबर आई थी कि टाटा समूह जेट एयरवेज की काम से काम 26 फीसदी हिस्सेदारी चाहती है।
जेट के कर्मचारियों के समूह ने कही थी बोली लगाने की बात
हाल ही में दिवालिया मामले का सामना कर रही निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज की 75 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए उसके कर्मचारियों के समूह ने लंदन की कंपनी के साथ बोली लगाने की बात कही थी। कर्मचारी समूह ने बताया था कि वह लंदन के आदि समूह के साथ मिलकर बोली लगाएगा।
दिवालिया प्रक्रिया का सामना करने वाली पहली विमानन कंपनी है जेट
बता दें कि कर्ज के बोझ से दबी जेट एयरवेज देश की पहली ऐसी विमानन कंपनी है जो एनसीएलटी की दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रही है। एनसीएलटी में कंपनी के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में 26 कर्जदाता बैंकों ने दिवालिया एवं ऋणशोधन अक्षमता कानून के तहत समाधान प्रक्रिया शुरू करने की याचिका लगाई है।
कंपनी पर है इतना कर्ज
इन बैंकों को कंपनी से 8.5 हजार करोड़ रुपये की वसूली करनी है। इसके अलावा कंपनी पर वेंडरों, पट्टा देने वालों और कर्मचारियों का भी 25,000 करोड़ रुपये बकाया है।
हर कर्मचारी होगा मालिक
कर्मचारियों के समूह और आदि ग्रुप ने साझा बयान जारी कर कहा है कि यह भारतीय विमानन उद्योग के इतिहास में एक नए सवेरे की शुरुआत है। यह पहली बार होगा जब किसी विमानन कंपनी का प्रत्येक कर्मचारी उसका मालिक होगा और उसका परिचालन भी कर रहा होगा। दोनों भागीदार 2,500 से 5,000 करोड़ के बीच में बोली लगा सकते हैं।