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Women's World Cup: मोगा की हरमनप्रीत कौर ने रचा इतिहास, रोहतक की शेफाली के घर देर रात तक होती रही आतिशबाजी

अमर उजाला नेटवर्क, मोगा/रोहतक Published by: विजय पुंडीर Updated Mon, 03 Nov 2025 02:51 AM IST
सार

 देश की बेटियों ने आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप में इतिहास रच दिया है। पहली बार भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने विश्न कप का खिताब अपने नाम किया है। मोगा में भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर का गांव दुनेका भी जश्न में डूब गया। लोग सड़कों पर निकल आए और आतिशबाजी की। वहीं, रोहतक में भारतीय क्रिकेट टीम की स्टार खिलाड़ी शेफाली वर्मा के घर के बाहर रविवार रात देर तक आतिशबाजी होती रही।

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Harmanpreet Kaur of Moga created history, fireworks continued till late night at Shaifali's house in Rohtak
Womens World Cup 2025 - फोटो : ICC/amar ujala
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विस्तार
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भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने रविवार की रात इतिहास रच दिया। पंजाब के मोगा की शान हरमनप्रीत कौर ने अपने जज्बे, कौशल और नेतृत्व से 1.5 सौ करोड़ भारतीयों के सपने को साकार कर दिया। नवी मुंबई में हुए फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने विश्व कप अपने नाम कर लिया। हरमनप्रीत ने जैसे ही अफ्रीकी खिलाड़ी क्लार्क का कैच पकड़ा पकड़ा पूरा स्टेडियम खुशी से झूम उठा। हरमन ने 20 रन भी बनाए। इस जीत के साथ ही भारतीय क्रिकेट का इतिहास स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर लिया गया। इसके साथ ही मोगा में उनका गांव दुनेका भी जश्न में डूब गया। लोग सड़कों पर निकल आए और आतिशबाजी की। वहीं, हरियाणा में भी लोगों ने जीत का जश्न मनाया। रोहतक में भारतीय क्रिकेट टीम की स्टार खिलाड़ी शेफाली वर्मा के घर पर आतिशबाजी देखने को मिली। 

मोगा जिले की रहने वाली हरमनप्रीत कौर ने दुनिया भर में मोगा का नाम रोशन किया है। आज मोगा में हर कोई अपनी इस बेटी पर गर्व महसूस कर रहा है। लोगों को कई वर्षों से इस ऐतिहासिक पल का इंतजार था, जिसे हरमनप्रीत कौर ने साकार कर दिखाया है।

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संघर्ष, समर्पण और सफलता की मिसाल
8 मार्च, 1989 को पंजाब के मोगा में जन्मी हरमनप्रीत कौर की कहानी संघर्ष, समर्पण और सफलता की मिसाल है। उनके पिता हरमिंदर सिंह स्थानीय जिला अदालत में क्लर्क हैं और माता सत्विंदर कौर ने हमेशा बेटी के खेल के प्रति जुनून को प्रोत्साहित किया है। बचपन में हरमनप्रीत अपने पिता के साथ खेल मैदानों में जाया करती थीं जहां खेल के प्रति उनका प्रेम और आत्मविश्वास पनपा। हरमनप्रीत की यात्रा मोगा की मिट्टी से लेकर विश्व क्रिकेट के सबसे बड़े मंच तक हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने का साहस रखती हैं।

माता-पिता स्टेडियम में बढ़ाते रहे हौसला
हरमनप्रीत ने पढ़ाई मोगा के सरकारी कन्या विद्यालय में प्राप्त की और बाद में क्रिकेट को गंभीरता से आगे बढ़ाने के लिए निजी स्कूल में दाखिला लिया। उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए कमलदीश सिंह सोढी मोगा-फिरोजपुर रोड स्थित ज्ञान ज्योति क्रिकेट अकादमी और स्कूल के मालिक हैं। उन्होंने हरमन को प्रशिक्षण और मंच प्रदान किया। हरमनप्रीत के परिवार ने हमेशा उनका साथ दिया। उनकी एक बहन कनाडा में और भाई ऑस्ट्रेलिया में सेटल हैं। उनके माता-पिता फाइनल में मुंबई में स्टेडियम से बेटी का हौसला बढ़ाते रहे।

हरमन के नाम कई रिकॉर्ड
हरमनप्रीत एक आक्रामक दाहिने हाथ की बल्लेबाज और उपयोगी ऑफ-स्पिन गेंदबाज हैं। उनका 2017 विश्व कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई 171 रनों की नाबाद पारी आज भी भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे यादगार पारियों में गिनी जाती है। वह पहली भारतीय महिला क्रिकेटर हैं जिन्हें किसी विदेशी टी-20 फ्रेंचाइजी (ऑस्ट्रेलिया की वीमेंस बिग बैश लीग) में खेलने का मौका मिला। वह टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक लगाने वाली पहली भारतीय महिला हैं और अब तक 3,000 से अधिक टी-20 अंतरराष्ट्रीय रन बनाने वाली इकलौती भारतीय महिला क्रिकेटर हैं। सभी प्रारूपों में उनके नाम 8,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय रन दर्ज हैं। हरमनप्रीत कौर सिर्फ एक कप्तान नहीं, बल्कि नई, आत्मविश्वासी भारत की प्रतीक हैं।

शेफाली के घर देर रात तक होती रही आतिशबाजी
हरियाणा के रोहतक में भारतीय क्रिकेट टीम की स्टार खिलाड़ी शेफाली वर्मा के घर के बाहर रविवार रात देर तक आतिशबाजी होती रही। टीम की जीत के बाद परिवार व आसपास के लोगों ने पटाखे चलाकर अपनी खुशी जाहिर की। जीत के इस जश्न में शेफाली के दादा संतलाल, पिता संजीव वर्मा, मां प्रवीन बाला, बहन नैंसी वर्मा, भाई साहिल के अलावा परिवार व आसपास के लोग शामिल रहे। पिता ने टीम की जीत के बाद घर के मंदिर में पूजा-अर्चना की और बेटी की तरक्की की कामना की।

शेफाली...गली क्रिकेट से अंतरराष्ट्रीय शिखर तक
  • 2013-लाहली स्टेडियम (रोहतक) में सचिन तेंदुलकर को रणजी ट्रॉफी खेलते देखा। उसी दिन ठान लिया, क्रिकेटर बनना है।
  • 2016-हरियाणा महिला अंडर-16 टीम में चुनी गईं। लड़कों के साथ अभ्यास का फायदा मिला।
  • सितंबर 2019-15 साल की उम्र में भारत की ओर से महिला टी-20 इंटरनेशनल डेब्यू किया। शेफाली भारत की सबसे कम उम्र की टी-20 खिलाड़ी बनीं।
  • नवंबर 2019-वेस्ट इंडीज के खिलाफ 49 गेंदों में 73 रन की धमाकेदार पारी खेली। भारत की सबसे कम उम्र की महिला अर्धशतक-बल्लेबाज बनीं।
  • जून 2021-इंग्लैंड के खिलाफ ब्रिस्टल में टेस्ट पदार्पण। पहले ही मैच में दोनों पारियों में अर्धशतक लगाकर इतिहास रचा।
  • जून 2021-इंग्लैंड के खिलाफ एक दिवसीय क्रिकेट में पदार्पण किया।
  • अक्तूबर 2022-महिला टी-20 इंटरनेशनल में सबसे कम उम्र में 1000 रन पूरे करने वाली भारतीय खिलाड़ी बनीं।
  • जनवरी 2023-भारत को आईसीसी अंडर-19 महिला टी-20 विश्व कप जिताया। कप्तान के रूप में भारत की पहली ट्रॉफी।
  • मार्च 2023-(वीमेन प्रीमियर लीग) दिल्ली कैपिटल्स टीम से जुड़ीं। ₹2 करोड़ में खरीदी गईं। लीग में कई अर्धशतक और सर्वाधिक स्ट्राइक रेट में अग्रणी।
  • फरवरी 2025-दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ धमाकेदार वापसी, एक साल बाद टीम में लौटकर 78 गेंदों पर 87 रन और 2 विकेट लेकर मैच की हीरो बनीं।
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