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क्या कहते हैं हरियाणा के परिणाम: भूपेंद्र हुड्डा ही कांग्रेस का चेहरा, मनोहर के बाद सीएम सैनी के सामने चुनौती
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Wed, 05 Jun 2024 01:19 PM IST
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सार
लोकसभा चुनावों से ठीक पहले भाजपा ने जहां मनोहर लाल को सीएम से बदल कर करनाल से प्रत्याशी बनाया और नायब सैनी को सीएम बनाया। हालांकि, इसके बावजूद दसों सीटों पर प्रचार की जिम्मेदारी मनोहर लाल ने निभाई। हरियाणा भाजपा का मनोहर लाल ही बड़ा चेहरे रहे।

भूपेंद्र हुड्डा और मनोहर लाल।
- फोटो : अमर उजाला
विस्तार
हरियाणा में लोकसभा चुनावों के परिणामों से साफ हो गया है कि प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही कांग्रेस का चेहरा हैं। उनके नेतृत्व में प्रदेश में लोकसभा चुनाव लड़ा गया और परिणाम कांग्रेस के लिए सकारात्मक माने जा रहे हैं। पांच सीटों पर जीतने के अलावा, अन्य सीटों पर भी कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दी है।
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प्रारंभिक परिणामों के आधार पर कांग्रेस प्रदेश की 56 विधानसभा सीटों पर आगे चल रही है, ऐसे में कांग्रेस विधानसभा चुनाव को लेकर खासी उत्साहित है। प्रदेश में पांच सीटें जीतने पर हुड्डा कांग्रेस हाईकमान में और मजबूत हुए हैं। इसलिए आगामी विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण से लेकर अन्य मामलों में हुड्डा की चलनी तय है।
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दावा पूरा नहीं कर पाए मनोहर लाल
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल दसों सीटों पर कमल खिलाने का अपना दावा पूरा नहीं कर पाए। हालांकि, उन्होंने पूरी ताकत के साथ दसों सीटों पर ताबड़तोड़ प्रचार किया, लेकिन अलग अलग समीकरण पांच सीटों पर भारी पड़े। हालांकि, मनोहर लाल चुनाव जीत गए हैं और वह अब केंद्रीय राजनीति करेंगे, इसलिए आगामी विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के लिए तीसरी बार प्रदेश में कमल खिलाने के लिए बड़ी चुनौती है।
लोकसभा चुनावों से ठीक पहले भाजपा ने जहां मनोहर लाल को सीएम से बदल कर करनाल से प्रत्याशी बनाया और नायब सैनी को सीएम बनाया। हालांकि, इसके बावजूद दसों सीटों पर प्रचार की जिम्मेदारी मनोहर लाल ने निभाई। हरियाणा भाजपा का मनोहर लाल ही बड़ा चेहरे रहे। हालांकि, उनके खिलाफ एंटीइंकमबेंसी के चलते ही उनको बदलकर ओबीसी वोटबैंक को देखते हुए सैनी को जिन्मेदारी दी गई थी, लेकिन सैनी मनोहर की छवि से बाहर नहीं निकल पाए। अब क्योंकि सैनी के पास विधानसभा चुनावों से पहले मात्र तीन माह का समय है, दूसरा उनको अभी सरकार चलाने का अनुभव भी नहीं है। इसलिए उनके लिए सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा है। विधानसभा में टिकटों के वितरण से लेकर संगठन को मजबूती की जिम्मेदारी भी सैनी के ही कंधों पर है।
लोकसभा चुनाव जीतते ही सैलजा ने सीएम पद पर साधा निशाना
लोकसभा चुनाव जीतने के तुरंत बाद ही कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री पद पर अपना निशाना साध लिया है। कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करते हुए सैलजा ने कहा कि अब अक्तूबर में कांग्रेस का झंडा बुलंद करना है। इस दौरान भावी मुख्यमंत्री कुमारी सैलजा के नारे भी लगे। सैलजा ने कहा कि अब अगली लड़ाई हरियाणा की लड़नी है। हरियाणा के नए भविष्य की नींव रखी गई है, मिलकर सभी ने आगे बढ़ना है। कुमारी सैलजा की टीम ने इसको लेकर एक पोस्टर भी लांच किया है। हमारा अगला पड़ाव हरियाणा की राजनीति में बदलाव लाने का है।
इस बार कुमारी सैलजा लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ना चाह रही थी, बल्कि वह विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छुक थी, लेकिन गुटबाजी और हाईकमान के निर्देश पर कुमारी सैलजा चुनावी मैदान में उतरी थी। पूरे चुनाव के दौरान हुड्डा ने सिरसा से दूरी बनाए रखी। कुमारी सैलजा हुड्डा की धुर विरोधी मानी जाती हैं और उनके सात रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी भी साथ हैं।