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आई फ्लू : गौरेला पेंड्रा में मिले 130 मरीज, डीएम ने नजदीकी अस्पताल में जांच कराने की अपील की

अमर उजाला नेटवर्क, गौरेला पेंड्रा मरवाही Published by: श्याम जी. Updated Fri, 28 Jul 2023 06:54 PM IST
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सार

गौरेला पेंड्रा मरवाही में कलेक्टर ने आई फ्लू के लक्षण होने पर नजदीकी शासकीय अस्पतालों में जांच कराने की अपील की। कलेक्टर के निर्देश के बाद सीएमएचओ ने नेत्र चिकित्सकों के साथ बैठक की। अब तक आई फ्लू के लगभग 130 मरीज मिले हैं।
 

130 patients of eye flu found in Gaurela Pendra Marwahi
आई फ्लू की जांच - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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इन दिनों मौसम में बदलाव और बारिश की वजह से आई फ्लू बीमारी के मरीज अस्पतालों में आ रहे हैं। कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया ने आई फ्लू के लक्षण होने पर नजदीकी शासकीय अस्पतालों में उपचार कराने की अपील की है। कलेक्टर के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आई नागेश्वर राव ने जिला नोडल अंधत्व निवारण डॉ. हेमंत तंवर, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. रागनी मरावी और नेत्र सहायक अधिकारियों के साथ बैठक कर आंखों की जांच, उपचार और रोकथाम के लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं। 

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कलेक्टर के निर्देशानुसार पिछले दिनों जिले के तीनों विकासखंडों में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय कन्या विद्यालयों में अध्ययनरत सभी बच्चों की नेत्र सहायक अधिकारियों द्वारा आंखों की जांच कर कंजक्टिवाइटिस प्रभावित बच्चों का उपचार किया गया। साथ ही उन्हें रोकथाम के उपाय भी बताए गए। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. रागनी मरावी द्वारा पिछले दिनों गुरुकुल विद्यालय के बच्चों की आंखों का परीक्षण कर उपचार किया गया और रोकथाम के उपाय के संबंध में उचित मार्गदर्शन दिया गया। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक लगभग कंजक्टिवाइटिस के 130 मरीज मिले हैं, उनका इलाज किया गया है। जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में प्रतिदिन आई फ्लू के लगभग 20 से 30 मरीज आ रहे हैं, जिनका इलाज करने के साथ ही बचाव के उपाय के संबंध में जागरूक किया जा रहा है। 
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चिकित्सको की मानें तो कंजक्टिवाइटिस आंखों की आम बीमारी है, जिसे हम आंख आना भी कहते हैं। यह संक्रमण 7 से 10 दिन तक रहता है। इसका लक्षण आंख लाल होना, चुभन होना, कीचड़ आना, आंसू आना और कभी-कभी सूजन आना भी है। इसका संक्रमण आंख को बार-बार छूने से प्रभावित मरीज का तौलिया, रुमाल, तकिया, चस्मा आदि का उपयोग करने से फैलता है। संक्रमण से बचाव के लिए आंखों को बार-बार न छुएं, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचे एवं उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाली वस्तुओं का उपयोग नहीं करें, हाथों को साबुन से धोएं और स्वच्छता पर ध्यान रखें।

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