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'7 FIR कैसे हुईं दर्ज?': हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, बहुचर्चित सूदखोर तोमर बंधुओं की याचिका से जुड़ा है मामला
अमर उजाला नेटवर्क, बिलासपुर
Published by: अनुज कुमार
Updated Tue, 19 Aug 2025 04:57 PM IST
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सार
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बहुचर्चित सूदखोर तोमर बंधुओं की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सात एफआईआर दर्ज करने पर कड़ी फटकार लगाई और दो सप्ताह में जवाब मांगा है।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
- फोटो : highcourt.cg.gov.in
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विस्तार
हाईकोर्ट में रायपुर के बहुचर्चित सूदखोर तोमर बंधुओं की याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज सात एफआईआर पर सवाल उठाते हुए रायपुर एसपी से पूछा कि किस आधार पर एक साथ इस तरह का केस दर्ज किया गया है। कोर्ट ने उन्हें व्यक्तिगत शपथपत्र के साथ दो सप्ताह में जवाब मांगा है।

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रायपुर के तेलीबांधा और पुरानीबस्ती थाने में सूदखोर वीरेंद्र तोमर व उसके भाई रोहित तोमर पर एक्साटर्शन और सूदखोरी का केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने उसके घर में दबिश दी, तब चेक और जमीनों के दस्तावेज मिले। जांच में यह पता चला कि मामला आर्गेनाइज क्राइम से जुड़ा हुआ है।
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लिहाजा, पुलिस ने तोमर बंधुओं के खिलाफ अलग-अलग सात एफआईआर दर्ज कर सख्ती से कार्रवाई शुरू कर दी। इस कार्रवाई के दौरान वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर पुलिस की गिरफ्तारी के डर से फरार हो गए।
पुलिस के अनुसार, रोहित ने अपनी पत्नी भावना के नाम से ये ऑफिस खोला था। जहां से सूदखोरी का धंधा ऑपरेट करता था। दो माह से पुलिस उनकी तलाश कर रही है। साथ ही दोनों हिस्ट्रीशीटर भाइयों की जानकारी देने पर रायपुर पुलिस ने इनाम भी घोषित किया है।
पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए तोमर बंधुओं ने वकील सजल गुप्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई है। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने पुलिस पर दबाव और दुर्भावनापूर्वक कार्रवाई करने का आरोप लगाया। कहा गया कि उन्हें सूदखोरी और आर्गेनाइज क्राइम जैसे केस में फंसाया गया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने केस डायरी तलब की थी।