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Bilaspur Train Accident Analysis: बिलासपुर ट्रेन हादसे के लिए जिम्मेदार कौन? लोको पायलट या लापरवाह सिस्टम

Lalit Kumar Singh ललित कुमार सिंह
Updated Wed, 05 Nov 2025 09:23 AM IST
सार

Bilaspur CG Train Accident Analysis: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पिछले दिनों हुए भीषण रेल हादसे का रेस्क्यू और रीस्टोरेशन का कार्य खत्म हो चुका है।

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Bilaspur Train Accident Analysis: Who is responsible for Bilaspur train accident? loco pilot or system?
ग्रॉफिक्स: अमर उजाला डिजिटल - फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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विस्तार
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Bilaspur CG Train Accident Analysis: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के लालखदान में पिछले दिनों हुए भीषण रेल हादसे का रेस्क्यू और रीस्टोरेशन का कार्य खत्म हो चुका है। अब इस हादसे को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिरकार यह हादसा किसकी गलती से हुई? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? मामले की कब जांच होगी? दोषियों पर कब करवाई होगी? रेलवे अगला कदम क्या उठाएगा? भविष्य में हादसे ना हो इसके लिए क्या रणनीति अपनाई जाएगी? आदि सुलगते सवाल हैं जो लोगों के जेहन में उठ रहे हैं।
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सवाल खड़ा हो रहा है कि मेमू लोकल ट्रेन ने आखिर सिग्नल क्यों तोड़ा? हालांकि शुरुआती जांच में जो इनपुट मिले हैं, उसे मालूम चलता है कि लोकल ट्रेन ने तय सिग्नल पार कर दिया और सामने खड़ी मालगाड़ी के पिछले हिस्से से जा टकराई।  यही कारण इस दुर्घटना का प्रमुख वजह मानी जा रही है। हालांकि कई और सवाल भी हैं जिस पर जांच होना जरूरी है? 
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लालखदान के पास हुए मेमू लोकल और मालगाड़ी हादसे में 11 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 20 लोग घायल हुए हैं, जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। रेलवे प्रशासन और राज्य की विष्णुदेव सरकार ने फौरन कदम उठाते हुए आर्थिक मदद किए हैं। अस्पतालों में पहुंचकर तुरंत 50  हजार रुपये नगद आर्थिक सहायता की है, लेकिन जिम्मेदारी केवल इतने से ही खत्म नहीं हो जाती। जिन लोगों ने अपने परिजन खोये हैं, जिन लोगों पर यह हादसा आफत बनकर टूटी है, वह कौन  हैं? रेलवे किसे बचाने की कोशिश कर रहा है? मामले में यह भी कहा जा रहा है की सुरक्षा अधिकारी कमिश्नर स्तर पर इस मामले की जांच कराएंगे, लेकिन अभी तक इस मामले की जांच शुरू नहीं हुई है। दूसरी ओर केंद्रीय रेल मंत्री ने दिल्ली वार्ड रूम से ही इस मामले पर कड़ी नजर बनाए रखी और प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए संबंधित अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए।  

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से मिले सूत्रों के अनुसार, प्रथम दृष्टया हादसे का कारण मेमू लोकल ट्रेन का सिग्नल ओवरसूट होना दिख रहा है। रेलवे ऑपरेशन विभाग के अनुसार, जब ट्रेन बिलासपुर स्टेशन के पास पहुंची, तब  सामने वाली लाइन पर एक मालगाड़ी पहले से ही खड़ी थी।
ऐसा माना जा रहा है कि मेमू ट्रेन का ड्राइवर शायद सिग्नल पर रुक नहीं सका और ट्रेन सीधे मालगाड़ी को भीषण टक्कर मारते हुए उसके ऊपर चढ़ गई। टक्कर के बाद बिलासपुर स्टेशन यार्ड में अफरा तफरी मच गई। राहत और बचाव टीमों ने तुरंत मोर्चा संभाला और यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। 11 यात्रियों की मौत और 20 के घायल होने की पुष्टि हो चुकी है। मौके पर रेलवे के उच्च अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ मौजूद हैं। घटना को लेकर रेलवे ने सुरक्षा स्तर पर कमिश्नर जांच के आदेश दिए हैं। दूसरी ओर इस मामले में यह पहलू भी देखा जा रहा है कि मेमू ट्रेन के ड्राइवर को समय पर सिग्नल की सही जानकारी मिली थी या नहीं? 

रेलवे की जांच टीम यह पता लगाने में जुटी है कि सिग्नल ओवरशूट होने के पीछे तकनीकी दिक्कत थी या मानवीय भूल। क्योंकि रेलवे अधिकारियों की ओर से जैसा बताया जा रहा है कि मेमू लोकल ट्रेन में आधुनिक सिग्ननल और ब्रेकिंग सिस्टम होता है, जिससे इस तरह की गलती होने की गुंजाइश बहुत ही कम ही रहती है। हादसे के दौरान ट्रेन की गति कितनी थी? बैक सिस्टम सही तरीके से काम कर रहा था या नहीं? 

सूत्रों के मुताबिक , इस हादसे में फिलहाल यह कहना जल्दबाजी होगी कि लोको पायलट की गलती थी या सिस्टम फेलियर।  रेलवे इस हादसे की जांच और विश्लेषण करने में लगा है।
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