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CG: गौरेला पेंड्रा मरवाही में 'रक्त शक्ति महाअभियान' की शुरुआत, 65,000 महिलाओं में हीमोग्लोबिन की होगी जांच
अमर उजाला नेटवर्क, गौरेला पेंड्रा मरवाही
Published by: श्याम जी.
Updated Thu, 26 Jun 2025 12:37 PM IST
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सार
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में 'रक्त शक्ति महा अभियान' की शुरुआत हुई। जिले के 218 ग्रामीण और 12 शहरी केंद्रों सहित कुल 230 स्थानों पर मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं।

रक्त शक्ति महाअभियान
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में महिलाओं के स्वास्थ्य को समर्पित 'रक्त शक्ति महा अभियान' की गुरुवार को शुरुआत हुई। यह अभियान 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' और 'एनीमिया मुक्त भारत' के लक्ष्यों को मजबूती देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा शुरू किया गया है। जिला कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट कार्यालय से इस महाअभियान का शुभारंभ हुआ, जहां कलेक्टर, अतिरिक्त कलेक्टर नम्रता डोंगरे, एसडीएम रिचा चंद्राकर और अन्य महिला अधिकारियों ने स्वयं एनीमिया जांच करवाकर प्रेरणादायी संदेश दिया।

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अभियान का उद्देश्य और दायरा
इस अभियान के तहत 13 से 45 वर्ष आयु वर्ग की लगभग 65,000 महिलाओं का हीमोग्लोबिन (HB) टेस्ट किया जाएगा है। जिले के 218 ग्रामीण और 12 शहरी केंद्रों सहित कुल 230 स्थानों पर मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं। जांच के लिए बड़े स्कूल, पंचायत भवन और स्वास्थ्य उपकेंद्रों को विशेष जांच केंद्रों के रूप में उपयोग किया जा रहा है।
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एनीमिया की चुनौती और अभियान की आवश्यकता
सुशासन त्योहार के दौरान हुई जांच में पता चला कि जिले की बड़ी संख्या में महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। पहले सटीक डेटा की कमी के कारण उचित स्वास्थ्य उपाय लागू करना मुश्किल था। पिछले अभियान में पूरे महीने में केवल 2,500 महिलाओं की जांच हो पाई थी। इसलिए, इस बार एक दिन में जिले भर में व्यापक स्तर पर जांच सुनिश्चित करने के लिए इसे महा अभियान का रूप दिया गया।
संयुक्त प्रयास और प्रभाव
महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से संचालित यह अभियान न केवल स्वास्थ्य जांच तक सीमित है, बल्कि बेटियों की सुरक्षा और सम्मान का उत्सव भी है। जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि यह अभियान गौरेला-पेंड्रा-मरवाही को एनीमिया मुक्त जिले के रूप में स्थापित करे। 'रक्त शक्ति महा अभियान' जिले में महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति एक अभूतपूर्व कदम है। यह पहल न केवल स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देगी, बल्कि आने वाले समय में जिले को एनीमिया मुक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।