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Kanker: दुर्गम जंगलों में बीएसएफ जवानों का ऑपरेशन, 14 फीट ऊंचा नक्सल स्मारक को किया ध्वस्त
अमर उजाला नेटवर्क, कांकेर
Published by: अमन कोशले
Updated Sat, 13 Sep 2025 01:08 PM IST
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सार
जवानों ने वालेर नदी और कई नालों को पार करते हुए गांव वाट्टेकल और परालमस्पी के गहरे जंगलों तक पहुंचकर यह ऑपरेशन पूरा किया। गश्त के दौरान जवानों को मृत नक्सली नागेश का स्मारक मिला, जिसे तुरंत उखाड़कर नष्ट कर दिया गया।

बीएसएफ जवानों ने 14 फीट ऊंचा नक्सल स्मारक को किया ध्वस्त
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
छत्तीसगढ़ के कांकेर में नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। 47 बटालियन बीएसएफ, पाखंजुर के जवानों ने कांकेर जिले के परतापुर थाना क्षेत्र के दुर्गम जंगलों में नक्सलियों द्वारा बनाया गया 14 फीट ऊँचा शहीद स्मारक को धवस्त कर दिया है।
भारी बारिश और दुर्गम रास्तों के बावजूद जवानों ने वालेर नदी और कई नालों को पार करते हुए गांव वाट्टेकल और परालमस्पी के गहरे जंगलों तक पहुंचकर यह ऑपरेशन पूरा किया। गश्त के दौरान जवानों को मृत नक्सली नागेश का स्मारक मिला, जिसे तुरंत उखाड़कर नष्ट कर दिया गया।
कमांडेंट विजेंद्र नाथ गांगोली ने बताया कि नक्सली अक्सर अपने मारे गए साथियों की याद में स्मारक खड़े करते हैं, जिससे वे स्थानीय युवाओं को बरगलाकर संगठन से जोड़ने की कोशिश करते हैं। ऐसे स्मारकों को ध्वस्त करना नक्सलियों के हौसले पस्त करने और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ की तैनाती के बाद से लगातार प्रयास किया जा रहा है कि अबूझमाड़ और आसपास के क्षेत्रों से नक्सलवाद का खात्मा हो सके। जवान न केवल जंगलों में अभियान चला रहे हैं बल्कि स्थानीय लोगों की मदद और विकास कार्यों में भी योगदान दे रहे हैं। गांववालों से भी इस अभियान को समर्थन और सराहना मिल रही है।

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भारी बारिश और दुर्गम रास्तों के बावजूद जवानों ने वालेर नदी और कई नालों को पार करते हुए गांव वाट्टेकल और परालमस्पी के गहरे जंगलों तक पहुंचकर यह ऑपरेशन पूरा किया। गश्त के दौरान जवानों को मृत नक्सली नागेश का स्मारक मिला, जिसे तुरंत उखाड़कर नष्ट कर दिया गया।
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कमांडेंट विजेंद्र नाथ गांगोली ने बताया कि नक्सली अक्सर अपने मारे गए साथियों की याद में स्मारक खड़े करते हैं, जिससे वे स्थानीय युवाओं को बरगलाकर संगठन से जोड़ने की कोशिश करते हैं। ऐसे स्मारकों को ध्वस्त करना नक्सलियों के हौसले पस्त करने और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ की तैनाती के बाद से लगातार प्रयास किया जा रहा है कि अबूझमाड़ और आसपास के क्षेत्रों से नक्सलवाद का खात्मा हो सके। जवान न केवल जंगलों में अभियान चला रहे हैं बल्कि स्थानीय लोगों की मदद और विकास कार्यों में भी योगदान दे रहे हैं। गांववालों से भी इस अभियान को समर्थन और सराहना मिल रही है।