बजट 2025-26: आम आदमी की उम्मीदों को नया संबल देने वाला बजट
बजट में छोटे और मझोले उद्योगों के लिए भी विशेष घोषणाएं की गई हैं। टर्म लोन के रूप में ₹20 करोड़ तक की राशि दी जाएगी, जिससे उनके व्यवसाय को विस्तार मिलेगा और उन्हें अतिरिक्त पूंजी प्राप्त होगी। इसके अलावा, सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए भी पांच साल तक कंपनी के पंजीकरण के लाभ को बढ़ाने का प्रस्ताव किया है, जिससे नए व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा।
बजट में छोटे और मझोले उद्योगों के लिए भी विशेष घोषणाएं की गई हैं। टर्म लोन के रूप में ₹20 करोड़ तक की राशि दी जाएगी, जिससे उनके व्यवसाय को विस्तार मिलेगा और उन्हें अतिरिक्त पूंजी प्राप्त होगी। इसके अलावा, सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए भी पांच साल तक कंपनी के पंजीकरण के लाभ को बढ़ाने का प्रस्ताव किया है, जिससे नए व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा।
विस्तार
भारत सरकार ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में 2025-26 का बजट प्रस्तुत किया है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और आम नागरिकों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने का वादा करता है। इस बजट में सरकार ने हर वर्ग, खासतौर पर गरीब, युवाओं और महिलाओं के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है, जो उनकी उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद करेंगे। इस बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, और सामाजिक कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया है। आइए जानते हैं इस बजट में क्या खास है और यह आम आदमी के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है।
सरकार ने किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं का प्रस्ताव किया है। कृषि क्षेत्र में अंडरएम्प्लॉयमेंट (कम रोजगार के अवसर) को संबोधित करने के लिए, वित्त मंत्री ने यह घोषणा की है कि 1.7 करोड़ किसान विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित होंगे। इसके तहत, एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया जाएगा जो उच्च उपज देने वाले बीजों के विकास पर केंद्रित होगा। साथ ही, कपास उत्पादन बढ़ाने के लिए एक 5 वर्षीय कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। इसके अतिरिक्त, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा ₹5 लाख तक बढ़ा दी गई है, जिससे 7.7 करोड़ किसानों को ज्यादा वित्तीय सहायता मिलेगी।
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बजट में अन्य क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय घोषणाएं की गई हैं। जैसे कि, भारत पोस्ट को एक बड़ा सार्वजनिक लॉजिस्टिक संगठन बनाने का प्रस्ताव है, जिससे देशभर में परिवहन और वितरण नेटवर्क को मजबूत किया जा सके। इसके अलावा, सरकार ने 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स स्थापित करने का लक्ष्य रखा है, जो 5 वर्षों में सरकारी स्कूलों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, और गणित शिक्षा को बढ़ावा देंगी। इससे बच्चों को तकनीकी कौशल में बेहतर शिक्षा मिल सकेगी और वे भविष्य के लिए तैयार हो सकेंगे।
स्वास्थ्य क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। सरकार ने मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 10,000 अतिरिक्त सीटों की घोषणा की है, और अगले 5 वर्षों में 75,000 नई मेडिकल सीटें बनाई जाएंगी। इससे अधिक डॉक्टर तैयार होंगे और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार होगा। इसके साथ ही, 36 जीवनरक्षक दवाओं को कस्टम ड्यूटी से पूरी तरह मुक्त किया गया है, जिससे इन दवाओं की कीमतों में कमी आएगी और यह आम जनता के लिए सस्ती हो सकेगी।
टैक्स प्रणाली में भी कई सुधार किए गए हैं। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि आयकर में कोई भी कर ₹12 लाख तक की आय पर नहीं लिया जाएगा। साथ ही, आयकर की दरों में बदलाव किया गया है। अब ₹18 लाख तक की आय पर ₹70,000 का कर लाभ मिलेगा और ₹24 लाख तक की आय पर 30ः टैक्स दर लागू होगी। यह बदलाव विशेष रूप से मध्यम वर्ग के लिए राहत की बात है, क्योंकि इससे उनकी कर का बोझ कम होगा। इसके अलावा, नए आयकर विधेयक में कई सुधारों की घोषणा की गई है, जिनसे करदाताओं के लिए प्रक्रिया को और सरल बनाया जाएगा।
बजट में छोटे और मझोले उद्योगों के लिए भी विशेष घोषणाएं की गई हैं। टर्म लोन के रूप में ₹20 करोड़ तक की राशि दी जाएगी, जिससे उनके व्यवसाय को विस्तार मिलेगा और उन्हें अतिरिक्त पूंजी प्राप्त होगी। इसके अलावा, सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए भी पांच साल तक कंपनी के पंजीकरण के लाभ को बढ़ाने का प्रस्ताव किया है, जिससे नए व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा।
परिवहन और उड्डयन क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की गई हैं। सरकार ने न्क्।छ योजना के तहत 120 नए गंतव्यों को जोड़ने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा, बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट्स की योजना बनाई गई है, जिससे वहां की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इसके साथ ही, पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों के विकास का ऐलान किया है। इससे देशभर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
सामाजिक कल्याण योजनाओं में भी बड़े बदलाव किए गए हैं। गरीबों और महिलाओं के लिए कई राहत योजनाएं तैयार की गई हैं। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए विशेष कदम उठाए हैं और हर वर्ग के लिए जन कल्याण योजनाओं को लागू किया है। इसमें महिलाओं के लिए योजनाओं का खास ध्यान रखा गया है, ताकि उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।
बजट में राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन की भी घोषणा की गई है, जिसका उद्देश्य भविष्य में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही, दूसरा जीन बैंक स्थापित किया जाएगा, जो कृषि और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाएगा। इस कदम से भारत को भविष्य में खाद्य संकट से निपटने में मदद मिलेगी और कृषि में और अधिक विकास होगा।
फाइनेंशियल इन्क्लूजन (आर्थिक समावेशन) के तहत, सरकार ने छोटे और मझोले व्यवसायों के लिए टैक्स संबंधित बाधाओं को कम करने का प्रस्ताव किया है। इसमें 100 प्रावधानों को अपराधमुक्त करने का प्रस्ताव किया गया है, जिससे लोगों को व्यवसाय में आसानी होगी और किसी भी प्रकार के कानूनी उलझनों से बचा जा सकेगा। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय लेन-देन में निर्धारण के लिए एक नई योजना की घोषणा की गई है, जिससे कंपनियों के लिए व्यापार में पारदर्शिता बढ़ेगी।
इस बजट में कुल ₹47.16 लाख करोड़ का व्यय अनुमानित किया गया है, जिसमें ₹10.18 लाख करोड़ का पूंजीगत व्यय शामिल है। सरकार ने इस साल के लिए ₹31.47 लाख करोड़ के कुल प्राप्ति का अनुमान लगाया है, जिसमें ₹25.57 लाख करोड़ की टैक्स प्राप्ति है। इस बजट में सरकार ने फिस्कल डेफिसिट को 4.8ः तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, और अगले साल 4.4ः तक इसे कम करने का लक्ष्य रखा है। यह दर्शाता है कि सरकार आर्थिक प्रगति के साथ-साथ वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के प्रति प्रतिबद्ध है।
कुल मिलाकर, बजट 2025-26 भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने के साथ-साथ हर वर्ग के लिए राहत और अवसरों का विस्तार करने वाला है। गरीब, युवा और महिलाओं के लिए कई योजनाओं के जरिए सरकार ने यह संकेत दिया है कि उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में यह बजट एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। यह बजट विशेष रूप से मध्यम वर्ग, किसान, छोटे व्यवसाय और छात्रों के लिए आशा की किरण है, जो इसे अपनी उम्मीदों को पूरा करने का एक अवसर मान रहे हैं।
इस बजट ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं, जो खासकर आम नागरिक, किसानों, युवाओं और छोटे व्यवसायों के लिए सकारात्मक बदलाव लाएंगे। वित्त मंत्री ने जिस तरह से सामाजिक कल्याण, बुनियादी ढांचा और आर्थिक समावेशन पर जोर दिया है, उससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार का उद्देश्य केवल आर्थिक वृद्धि नहीं, बल्कि समग्र समृद्धि है। आयकर में सुधार, कृषि क्षेत्र में निवेश, और स्वास्थ्य-शिक्षा जैसी योजनाओं के जरिए सरकार ने आम आदमी की उम्मीदों को नई दिशा दी है। इस बजट के जरिए भारत अपनी दीर्घकालिक विकास की यात्रा में और मजबूत कदम उठाएगा।
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