विश्व पर्यावरण दिवस: पौधे तो लगाने चाहिए पर लगाएं कहां?
आपने अक्सर सुना होगा कि हर व्यक्ति को पौधे लगाने चाहिए। लेकिन क्या आपको कभी किसी ने यह बात बताई कि पौधे आखिर लगाने कहां चाहिए? इस सवाल के जवाब में अधिकांश लोगों का जवाब नहीं में होगा। अगर आपको यह नहीं बताया जा रहा कि पौधों का रोपण कहा किया जाना चाहिए तो पर्यावरण को लेकर होनी वाली गोष्ठियो का क्या लाभ? दरअसल, सरकारी महकमें सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही पर्यावरण दिवस मनाते हैं। पर्यावरण दिवस का कितना लाभ पर्यावरण को पहुंचना चाहिए और पहुंचता है, इस बात का आकलन को लेकर सरकारी विभाग कभी भी गंभीर नहीं रहते हैं।
दरअसल, हम न सिर्फ वन संरक्षण को लेकर बल्कि वनों के महत्व को लेकर भी उदासीन हैं। अगर पौधे नहीं होंगे तो मिट्टी का कटान कैसे रूकेगा और जंगली जीवन जंतुओं को आश्रय कौन देगा? आपको बता दें कि एक मनुष्य को सालभर में औसतन 750 किलोग्राम आक्सीजन की जरूरत होती है जबकि एक वयस्क वृक्ष साल भर मे लगभग 118 किलोग्राम आक्सीजन का उत्पादन करता है। ऐसे में आप इस तथ्य के महत्व को आसनी से समझ सकते हैं। हर व्यक्ति को अपने जीवनकाल में 5 वृक्ष जरूर लगाने चाहिए।
भारत में बहुत-सी ऐसी भूमि है जहां न कृषि होती है और न ही पौधारोपण। रेलवे अधिकृत भूमिका इसका इच्छा उदाहरण है। अगर रेलवे ही अपनी जरूरत में न आने वाली अधिकृत भूमि पर वृक्षरोपण के लिये गम्भीर हो तो हमारे देश मे बहुत अधिक संख्या मे वृ़क्षरोपण का कार्य सफलता पूर्वक किया जा सकता है। इससे पर्यावरण प्रदूषित होने से बचेगा और इंसानों को शुद्ध हवा मिलेगी। अगर किसान अपने खेतों की हदबंदी पौधारोपण से करें तो किसानों की आय तो बढ़ेगी ही पर्यावरण भी शुद्ध रहेगा। हदबंदी में अगर ज्यादा पौधे लगेंगे तो वर्षा भी अधिक होगी और सूखे जैसे समस्या का भी समाधान होगा।
प्रशासन को चाहिए कि वह इस बात को चिन्हित करे कि अगर कोई व्यक्ति भूमिहीन है तो उसे कहां-कहां वृक्ष लगाने चाहिए। इसे लेकर प्रशासन प्रतियोगिता भी करा सकता है और लोगों को पौधारोपण के लिए प्रोत्साहित भी कर सकता है।
विकसित देशों के मुकाबले भारत में कम हैं वनक्षेत्र
अगर भारत में वनक्षेत्रों की बात करें तो सबसे ज्यादा केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्धीप में हैं। यहां 90 फीसदी वनक्षेत्र हैं। सबसे कम वन क्षेत्र हरियाणा राज्य में हैं। अगर संपूर्ण भारतवर्ष की बात की जाए तो सिर्फ 23.68 प्रतिशत वन क्षेत्र हैं। अब अगर विकसित देशों की बात करें तो ये देश भारत की तुलना में वनक्षेत्रों के मामले में काफी आगे हैं। स्वीडन में 68.95 फीसदी, जापान 67.00 फीसदी , रशिया 49.40 फीसदी , कनाडा 49.24 फीसदी और अमेरिका में 33.84 प्रतिशत वनक्षेत्र हैं। ऐसे में आप इन देशों के वातावरण एंव शुद्ध आक्सीजन के स्तर का अनुमान आसनी से लगा सकते हैं। सभी जानते हैं कि जिस स्थान का वातावरण शुद्ध होता है वहां लोग बहुत कम बीमार पड़ते हैं।