{"_id":"68f4206e2dd81a58b5009e53","slug":"then-problem-will-not-be-anymore-if-you-are-determined-to-fight-them-these-five-steps-are-helpful-2025-10-19","type":"story","status":"publish","title_hn":"तब समस्या, समस्या नहीं रहेगी: अगर आपने इनसे लड़ने की ठानी है, तो ये पांच चरण आपके काम के हैं","category":{"title":"Opinion","title_hn":"विचार","slug":"opinion"}}
तब समस्या, समस्या नहीं रहेगी: अगर आपने इनसे लड़ने की ठानी है, तो ये पांच चरण आपके काम के हैं
जान्सी डन, द न्यूयॉर्क टाइम्स।
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Sun, 19 Oct 2025 05:38 AM IST
विज्ञापन
निरंतर एक्सेस के लिए सब्सक्राइब करें
सार
आगे पढ़ने के लिए लॉगिन या रजिस्टर करें
अमर उजाला प्रीमियम लेख सिर्फ रजिस्टर्ड पाठकों के लिए ही उपलब्ध हैं
अमर उजाला प्रीमियम लेख सिर्फ सब्सक्राइब्ड पाठकों के लिए ही उपलब्ध हैं
फ्री ई-पेपर
सभी विशेष आलेख
सीमित विज्ञापन
सब्सक्राइब करें


सांकेतिक तस्वीर ( AI Photo)
- फोटो :
freepik
विस्तार
जब भी मैं अपने जीवन के उन बड़े फैसलों पर गौर करती हूं, जिनको लेकर मैं झिझकती रही, तो हैरानी होती है। मुझे मां बनने का संकल्प लेने में एक दशक लग गया। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल की प्रोफेसर फ्रांसिस फ्रेई और फॉर्च्यून 500 कंपनियों की लीडरशिप सलाहकार ऐनी मॉरिस ने मिलकर मूव फास्ट एंड फिक्स थिंग्स पुस्तक लिखी है। फ्रेई और मॉरिस मानती हैं कि कुछ दुविधाएं दूसरों की तुलना में ज्यादा जटिल होती हैं। पर कई समस्याओं का समाधान ‘तेजी’ से किया जा सकता है। किसी निर्णय पर पहुंचने के लिए वे पांच कदम सुझाती हैं।
मूल कारण पहचानें :
उन्होंने कहा कि जब तक आप अपनी समस्या की असली जड़ को नहीं पहचान लेते, तो आगे बढ़ना मुश्किल होगा। इसलिए बिना किसी निर्णय के पूरी ईमानदारी से, खुद से यह सवाल पूछें कि समस्या असल में क्या है? यह किन भावनाओं को जन्म देती है? फ्रेई कहती हैं, ‘खुद से पूछते हुए एक परत और गहराई में जाएं। कम से कम तीन परतों तक पहुंचने का लक्ष्य रखें।’
योजना के लिए जानकारी जुटाएं :
एक बार जब आप वास्तविक समस्या की पहचान कर लेते हैं, तो जानकारी इकट्ठा करें, ताकि समस्या की पूरी तस्वीर पा सकें। जब आपके पास पर्याप्त जानकारी इकट्ठा हो जाए, तो संभावित रणनीतियों पर विचार करें।
अलग नजरिया भी तलाशें :
फ्रेई और मॉरिस का कहना है कि समस्या के बारे में ज्यादा संतुलित नजरिये के लिए अपने करीबी लोगों से भी राय लें। हो सकता है कि वे ऐसे समाधान भी सुझाएं, जिनके बारे में आपने सोचा भी न हो। किसी पड़ोसी, दोस्त के दोस्त या कार्यस्थल पर किसी दूसरे विभाग के व्यक्ति से सलाह लें। दूसरी पीढ़ी के लोगों से भी उनकी राय पूछी जा सकती है।
संभावित परिवर्तन की कहानी रचें :
इसके बाद आप जो बदलाव लाने वाले हैं, उसके बारे में एक कहानी बनाएं। अपनी समस्या के बारे में स्पष्ट भाषा में लिखें। लिखें कि बदलाव की जरूरत क्यों है, चीजें कैसे बदलेंगी और निर्णय लेने के बाद भविष्य में आपको कैसा लगेगा। मॉरिस ने कहा, ‘स्पष्ट और विशिष्ट शब्दों’ का प्रयोग करें और भविष्य के मार्ग को आशावादी भाषा में लिखें, जो आपको ऊर्जावान बनाएगा।
अब छलांग लगाएं :
अब अपने फैसले पर पूरी तत्परता से अमल करें। मॉरिस ने कहा, ‘अगर आप अपने फैसले को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं, तो कोई बात नहीं, आत्मविश्वास काम का बायप्रोडक्ट है। और यह जरूरी नहीं कि आपका अगला कदम नाटकीय हो या जिंदगी बदल देने वाला हो। बस इस अंतहीन दुविधा के चक्र से बाहर निकलें।’