Mohsin Naqvi: चोरी ऊपर से सीना जोरी! भारत की 'नो हैंडशेक' नीति से बिफरे मोहसिन नकवी; बोले- हमारी भी इच्छा नहीं
मोहसिन नकवी ने कहा कि अगर भारत हाथ नहीं मिलाना चाहता तो पाकिस्तान को भी इसकी कोई इच्छा नहीं है और दोनों देशों के बीच रिश्ते बराबरी के स्तर पर रहेंगे।
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लाहौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मोहसिन नकवी ने कहा, 'हमारा विश्वास आज भी वही है। खुद प्रधानमंत्री ने मुझसे दो बार कहा है कि खेल में राजनीति नहीं आनी चाहिए। शुरू से ही हमारा रुख रहा है कि क्रिकेट और राजनीति अलग रहने चाहिए।' उन्होंने आगे कहा, 'अगर वे हाथ नहीं मिलाना चाहते, तो हमें भी इसकी कोई खास इच्छा नहीं है। भारत के साथ जो भी होगा, वह बराबरी के स्तर पर होगा। ऐसा नहीं हो सकता कि वे कुछ और करें और हम पीछे हट जाएं ऐसा बिल्कुल नहीं होगा।'
If India does not want to handshake with us, we will also do the same. Prime Minister Shehbaz Sharif has told me to keep the politics away from cricket - Mohsin Naqvi
— Khel Shel (@khelshel) December 28, 2025
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इस महीने हुए अंडर-19 एशिया कप फाइनल के दौरान भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों के बीच मैदान पर तनाव देखने को मिला। पाकिस्तानी तेज गेंदबाज अली रजा द्वारा भारतीय कप्तान आयुष म्हात्रे को आउट करने के बाद दोनों के बीच बहस हुई। बाद में अली रज़ की भारतीय बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी के साथ भी तीखी नोकझोंक देखने को मिली। इन घटनाओं की पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सरफराज अहमद ने कड़ी आलोचना की। उन्होंने भारतीय अंडर-19 टीम पर अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया और कहा कि भारतीय खिलाड़ी जरूरत से ज्यादा भावुक हो रहे थे। सरफराज ने दावा किया कि भारतीय खिलाड़ियों के कुछ इशारे अनैतिक थे, जबकि उन्होंने अपने खिलाड़ियों को संयमित जश्न मनाने की सलाह दी थी। मैच में पाकिस्तान ने भारत को हर विभाग में पछाड़ते हुए 191 रन से बड़ी जीत दर्ज की और अपना दूसरा अंडर-19 एशिया कप खिताब जीता।
मोहसिन नकवी पुरुष एशिया कप फाइनल के बाद भी विवादों में आ गए थे। भारत की जीत के बावजूद मैदान पर ट्रॉफी नहीं सौंपी गई, जिससे भ्रम और आलोचना हुई। बताया गया कि भारतीय खिलाड़ियों ने कूटनीतिक कारणों से नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था। नकवी ने बाद में सफाई दी कि वे एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष के तौर पर तय प्रोटोकॉल का पालन कर रहे थे और भारतीय कप्तान या बीसीसीआई का कोई प्रतिनिधि एसीसी कार्यालय से ट्रॉफी ले सकता है। हालांकि, उनकी सफाई से विवाद शांत नहीं हुआ। सोशल मीडिया पर नक़वी के ट्रॉफी लेकर स्टेडियम से जाते हुए वीडियो सामने आए, जिसके बाद आलोचना और तेज हो गई। भारतीय क्रिकेट अधिकारियों और पूर्व खिलाड़ियों ने इस पूरे प्रकरण को अनावश्यक बताया और खेल में राजनीति घुसने पर चिंता जताई। हालांकि, नकवी ने जोर देकर कहा कि यह मामला पूरी तरह प्रशासनिक था, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि शीर्ष स्तर पर लिए गए फैसले कैसे क्रिकेट से ध्यान हटाकर बड़े विवाद का रूप ले सकते हैं।