Rohit Sharma Hits Back: रोहित का धमाकेदार इंटरव्यू, नहीं देखा होगा हिटमैन का यह अंदाज, पढ़ें उनके 10 बड़े बयान
रोहित ने संन्यास की खबरों को खारिज कर दिया है। रोहित ने एक इंटरव्यू में कप्तानी और इससे जुड़ी कई अहम बातें कहीं। आइए उनके इंटरव्यू के 10 बड़े बयान पर नजर डालते हैं...
विस्तार
बीते कुछ दिनों से कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि उन्हें बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट को टेस्ट से संन्यास की जानकारी दे दी है और सिडनी टेस्ट के बाद वह इसकी जानकारी दे देंगे। हालांकि, अब रोहित ने इसे खारिज कर दिया है। रोहित ने आधिकारिक ब्रॉडकास्टर को दिए इंटरव्यू में कई और अहम बातें कहीं। आइए उनके इंटरव्यू के 10 बड़े बयान पर नजर डालते हैं...
रोहित ने कहा- यह संन्यास का फैसला नहीं है और न ही मैं पीछे हटने वाला हूं। सिडनी टेस्ट से मैं बाहर हुआ हूं क्योंकि मेरा बल्ला नहीं चल रहा है। कोई गारंटी नहीं है कि पांच महीने के बाद बल्ला नहीं चलेगा...कोई गारंटी नहीं है कि दो महीने के बाद बल्ला नहीं चलेगा। क्रिकेट में हम सबने देखा है कि हर सेकंड, हर क्षण जिंदगी बदलती है। मुझे अपने आप पर विश्वास है कि चीजें बदलेंगी। हालांकि, मुझे इस क्षण में क्या जरूरी है, उस पर भी ध्यान देना था। मेरे दिमाग में चल रहा था कि मेरी बैटिंग फॉर्म अच्छी नहीं चल रही है। आप आउट ऑफ फॉर्म खिलाड़ियों को ज्यादा मौके नहीं दे सकते। इसलिए मेरी यह समझ थी कि मैं ये बात कोच और चयनकर्ताओं को बताऊं कि ये चीजें मेरे मन में चल रही हैं। उन्होंने मेरे फैसले की सराहना की और कहा कि आप इतने समय से खेल रहे हो और आपको पता है कि आप क्या कर रहे हो और क्या नहीं कर रहे हो। मेरे लिए यह फैसला लेना मुश्किल था, लेकिन अगर सबकुछ सामने रखा जाए तो यह फैसला जरूरी था।
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— Maahi (@urs_lovingly999) January 4, 2025
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रोहित ने संन्यास की रिपोर्ट्स देने वाले मीडिया की भी क्लास ली। उन्होंने कहा- अगर किसी व्यक्ति के पास माइक, लैपटॉप या कलम है तो वह क्या लिखता है या क्या बोलता है, इससे हमारी जिंदगी नहीं बदलती। हम इतने साल से खेलते आ रहे हैं। ये लोग तय नहीं कर सकते कि हमें कब जाना चाहिए या कब नहीं खेलना चाहिए। मै समझदार इंसान हूं और परिपक्व भी। मैं दो बच्चों का पिता हूं लिहाजा मेरे पास भी थोड़ा दिमाग है कि जीवन में मुझे क्या चाहिए। जो कुछ भी लिखा जा रहा है वह हमारे नियंत्रण में नहीं है और जिस चीज पर हम नियंत्रण नहीं रख सकते, उस पर ध्यान नहीं देना चाहिए। हमें अपना गेम खेलना है और सोचना है कि कैसे जीत हासिल करें। इससे ज्यादा हम क्या कर सकते हैं।
यह पूछने पर कि क्या उन्होंने मेलबर्न टेस्ट की हार के बाद यह फैसला लिया था, रोहित ने कहा, 'नहीं। मैंने यह फैसला सिडनी आने के बाद लिया। मैच के बाद हमारे पास बीच में दो ही दिन थे और एक दिन नए साल का था और मैं नए साल में कोच और चयनकर्ता से यह नहीं बोलना चाहता था। यह मेरे दिमाग में चल रहा था कि मैं लगातार कोशिश कर रहा हूं, लेकिन रन नहीं बन रहे। मुझे यह स्वीकार करना होगा कि रन नहीं बन रहे और ऐसे में मेरे लिए अलग हटना जरूरी था।'
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— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) January 4, 2025
- Rohit Sharma in a candid chat with Jatin Sapru and Irfan Pathan. 🇮🇳pic.twitter.com/HBdMJSbB4S
रोहित ने कहा, 'मैं जब भी कप्तानी करता हूं तो मैं यह नहीं सोचता कि पांच या छह महीने बाद क्या होगा। आप निकट भविष्य में क्या चाहते हैं, उस पर ध्यान देना जरूरी है। हमारा पूरा फोकस इन पांच मैचों पर था। हमें ट्रॉफी बरकरार रखनी थी, जीतना था। ऐसे फैसले लेते समय टीम को आगे रखा जाता है।'
भारतीय टीम ने पर्थ, एडिलेड और गाबा में शुरुआती तीन टेस्ट में केएल राहुल और यशस्वी से ओपनिंग कराई थी। इसके बाद मेलबर्न में रोहित खुद यशस्वी के साथ ओपनिंग उतरे थे। यह पूछे जाने पर कि आपके मन में प्लेइंग कॉम्बिनेशन को लेकर क्या चल रहा था? इस पर रोहित ने कहा- जब मैं पर्थ पहुंचा था तो मेरे मन में यह बात थी कि हमने वहां क्यों जीत हासिल की। इसकी दो वजहें थीं। पहला तो यह कि हम 150 पर आउट होने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया को 100 रन के आसपास आउट करने में कामयाब रहे थे। इसके बाद मैच कहीं भी जा सकता था। दूसरी पारी में भारत की ओर से ओपनिंग में 200 रन की जो साझेदारी हुई, वह गेमचेंजर साबित हुई। हमें पता है कि यहां पर गेंदबाजों को मदद मिलती है और बल्लेबाजों के लिए चैलेंज है। उस चुनौती को राहुल और यशस्वी ने बड़े अच्छे तरीके से संभाला और टीम को ऐसी स्थिति में ला खड़ा किया, जहां से हम हार नहीं सकते थे। ये सब चीज दिमाग में थी और फिर मुझे लगा कि इसमें कोई छेड़खानी करने की जरूरत नहीं है।
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— Ayush Tiwari (@AyushTiwari_264) January 4, 2025
यह पूछे जाने पर कि अपनी भावनाओं पर काबू कैसे पाया, रोहित ने कहा- मेरे लिए बहुत मुश्किल था। मैं यहां इतनी दूर से बाहर बैठने थोड़ी आया हूं, बेंच पर बैठने थोड़ी आया हूं। मेरे को मैच खेलना है और अपनी टीम को जिताना है। पहली बार 2007 में जब मैं ड्रेसिंग रूम में आया था, तब से लेकर अब तक यही मानसिकता रही है। कभी कभी आपको समझना पड़ेगा कि टीम की जरूरत क्या है। टीम को अगर आप आगे नहीं रखते तो कोई फायदा नहीं है। आप अपने लिए खेलोगे, अपने लिए रन बनाओगे और जाकर ड्रेसिंग रूम में बैठ जाओगे तो उससे क्या होने वाला है। अगर आप टीम के बारे में नहीं सोचते तो ऐसे खिलाड़ी या ऐसे कप्तान हमें नहीं चाहिए। सिर्फ टीम पर ध्यान होना चाहिए। हम टीम क्यों बोलते हैं इसे..क्योंकि इसमें 11 लोग खेल रहे हैं, कोई अकेला थोड़ी खेल रहा है। जो टीम के लिए जरूरी है, वो करने की कोशिश करें।
यह कहे जाने पर कि क्या इसे बेंचमार्क साबित किया जाना चाहिए? रोहित ने कहा- मैं दूसरे लोगों का कुछ नहीं कह सकता। ये सिर्फ मेरे निजी विचार हैं। इसी तरह से मैंने पूरे जीवन में क्रिकेट खेला है और मैदान से बाहर भी मेरी यही धारणा है। ऐसा नहीं है कि मैं कुछ और दिखाने की कोशिश कर रहा हूं। जो है वो दिख रहा है। किसी को अगर पसंद नहीं है तो माफ कीजिए। जो मुझे लगता है वह मैं करता हूं, जो मुझे गलत लगता है वह मैं नहीं करता हूं। एकदम साफ बात। इससे क्या डरना है।
Opt Out? Rested? Dropped?
— Star Sports (@StarSportsIndia) January 4, 2025
All questions answered! #RohitSharma gets candid about the reason behind his SCG Test absence.
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बुमराह के बारे में पूछे जाने पर रोहित ने कहा- उन्हें गेम का अच्छा आइडिया है। अपनी गेंदबाजी से जैसे वह दूसरे लोगों के लिए उदाहरण सेट करते हैं, वो क्लास है। गेम को समझते हैं और हमेशा टीम को आगे रखते हैं। मैं उन्हें पिछले 11 साल से देख रहा हूं। 2013 में पहली बार मैंने देखा था उनको। उनका भी जो ग्राफ ऊपर गया है, वह अपने आप में एक उदाहरण है। अपनी गेंद को लेकर, अपनी सोच को लेकर, जिस तरह से वह गेंदबाजी करते हैं, पूरी दुनिया देख रही है। वह हमारी मजबूती हैं, इसमें कोई शक नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि बुमराह के अलावा कौन सा खिलाड़ी टेस्ट में कप्तानी करने के लिए तैयार है? रोहित ने कहा- इसके लिए अभी बोलना बहुत मुश्किल है। बहुत से लड़के हैं, लेकिन मैं चाहता हूं कि पहले वो लड़के क्रिकेट की अहमियत समझें। मुझे पता है कि उन्हें जिम्मेदारी देनी चाहिए, लेकिन उन्हें ये हासिल करने दें। उन्हें कप्तानी हासिल करने के लिए अगले कुछ वर्षों तक मुश्किल क्रिकेट खेलने देना चाहिए। मैं हूं, बुमराह हैं, इससे पहले कोहली और एमएस धोनी थे, इन सभी ने कप्तानी मुश्किल क्रिकेट खेलने के बाद हासिल की थी। किसी को भी कप्तानी प्लेट में रखी हुई नहीं मिली। किसी को भी ऐसे ही कप्तानी नहीं मिलनी चाहिए। मेहनत करें। भारतीय टीम की कप्तानी करना कोई मामूली बात नहीं है। दबाव अलग चीज है, लेकिन यह सबसे बड़ा सम्मान है। हमारा जो इतिहास रहा है और जिस तरीके से हमने क्रिकेट खेला है, कप्तानी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
रोहित ने कहा- हम मैदान पर जाकर मैच थोड़ी हारना चाहते। ऐसा कौन सोचता है। सभी मैदान पर जाकर जीतना चाहते हैं। जिस तरह के ऑस्ट्रेलियाई फैंस मैच देखने आते हैं, हमें उनका मुंह बंद करना है। कौन सी टीम यहां आकर दो बार सीरीज जीती है? आप मुझे बताओ। हमारे लिए सुनहरा मौका है ट्रॉफी रिटेन करने का। हम सीरीज जीत तो नहीं सकते, लेकिन ड्रॉ कर सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया को भी नहीं जीतने देना है। तीन बार ऑस्ट्रेलिया आकर अगर हम सकारात्मक नतीजे लेकर घर जाते हैं तो इससे शानदार कुछ नहीं होगा। (आखिर में रोहित ने जाते-जाते अपने अंदाज में कहा- अरे भाई! मैं किधर भी जा नहीं रहा हूं।)