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Ruturaj Gaikwad: 16 महीनों की चुप्पी के बाद, ऋतुराज ने रनों से दिया जवाब; जानें कैसे खुला टीम इंडिया का दरवाजा
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Mon, 24 Nov 2025 09:23 AM IST
सार
अब मंच तैयार है। गिल की गैरमौजूदगी, शानदार फॉर्म और चयनकर्ताओं की उम्मीद, सब कुछ एक जगह आ चुका है। अगर वह इस फॉर्म को वनडे में बदल पाए, तो यह वापसी उनके करियर का वह मोड़ हो सकती है जिसका वह इतने समय से इंतजार कर रहे थे।
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ऋतुराज गायकवाड़
- फोटो : ANI
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विस्तार
किस्मत कभी-कभी इंतजार करवाती है, लेकिन मेहनत और निरंतर प्रदर्शन के सामने देर ज्यादा टिक नहीं पाती। ऋतुराज गायकवाड़ इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। 16 महीनों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार उन्हें टीम इंडिया में दोबारा जगह मिल गई है। वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज में भारतीय टीम में शामिल किए गए हैं।
ऋतुराज की वापसी किसी संयोग का परिणाम नहीं, बल्कि लगातार प्रदर्शन और धैर्य का नतीजा है। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका-ए के खिलाफ उन्होंने तीन पारियों में 201 रन ठोके और अपनी दमदार फॉर्म का मजबूत सबूत दिया। इससे पहले घरेलू क्रिकेट में भी वह रनों की मशीन बने हुए थे। आठ पारियों में 514 रन, औसत 85.66, जो किसी भी चयनकर्ता को सोचने पर मजबूर कर दे।
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ऋतुराज की वापसी किसी संयोग का परिणाम नहीं, बल्कि लगातार प्रदर्शन और धैर्य का नतीजा है। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका-ए के खिलाफ उन्होंने तीन पारियों में 201 रन ठोके और अपनी दमदार फॉर्म का मजबूत सबूत दिया। इससे पहले घरेलू क्रिकेट में भी वह रनों की मशीन बने हुए थे। आठ पारियों में 514 रन, औसत 85.66, जो किसी भी चयनकर्ता को सोचने पर मजबूर कर दे।
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छूटते-छूटते मिला मौका
ऋतुराज पिछली बार भारत की ओर से जिम्बाब्वे दौरे 2024 में खेले थे, लेकिन उसके बाद उन्हें लगातार बाहर बैठना पड़ा। वह एक टी20 सीरीज थी। वहीं, उनका पिछला वनडे मैच 2023 में दिसंबर में आया था, जब वह दक्षिण अफ्रीका दौरे पर टीम इंडिया के साथ गए थे। चयनकर्ताओं की निगाहें अन्य खिलाड़ियों पर रही, जबकि उनके नाम के आगे प्रदर्शन के आंकड़े लगातार चमक रहे थे।
ऋतुराज पिछली बार भारत की ओर से जिम्बाब्वे दौरे 2024 में खेले थे, लेकिन उसके बाद उन्हें लगातार बाहर बैठना पड़ा। वह एक टी20 सीरीज थी। वहीं, उनका पिछला वनडे मैच 2023 में दिसंबर में आया था, जब वह दक्षिण अफ्रीका दौरे पर टीम इंडिया के साथ गए थे। चयनकर्ताओं की निगाहें अन्य खिलाड़ियों पर रही, जबकि उनके नाम के आगे प्रदर्शन के आंकड़े लगातार चमक रहे थे।
ऋतुराज ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने दलीप ट्रॉफी में 232 रन, रणजी ट्रॉफी में 330 रन बनाए, लेकिन फिर भी दरवाजा नहीं खुला। खासकर टी20 प्रारूप में माना जा रहा था कि वह टीम इंडिया की नई आक्रामक रणनीति में पूरी तरह फिट नहीं बैठते। हालांकि, उनका टी20 इंटरनेशनल रिकॉर्ड और भी शानदार है।
वह टी20 अंतरराष्ट्रीय में 39.56 की औसत और 143.53 के स्ट्राइक रेट से 633 रन बना चुके हैं। वह उन खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय में शतक जड़े हैं। ऋतुराज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगाया था। इसके अलावा उनके नाम चार अर्धशतक भी हैं। इसके बावजूद उन्हें लगातार नजरअंदाज किया गया।
वह टी20 अंतरराष्ट्रीय में 39.56 की औसत और 143.53 के स्ट्राइक रेट से 633 रन बना चुके हैं। वह उन खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय में शतक जड़े हैं। ऋतुराज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगाया था। इसके अलावा उनके नाम चार अर्धशतक भी हैं। इसके बावजूद उन्हें लगातार नजरअंदाज किया गया।
गिल की चोट, ऋतुराज का अवसर
शुभमन गिल की गर्दन की चोट ने ऋतुराज के लिए यह दरवाजा खोला है। अब यह उनके लिए सिर्फ वापसी नहीं, बल्कि अपना स्थान साबित करने का निर्णायक मौका है। वनडे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके आंकड़े अभी तक औसत रहे हैं। छह मैचों में केवल 115 रन बना सके हैं, लेकिन मोहोली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 71 रन की पारी ने उनकी क्षमता को दर्शाया था।
शुभमन गिल की गर्दन की चोट ने ऋतुराज के लिए यह दरवाजा खोला है। अब यह उनके लिए सिर्फ वापसी नहीं, बल्कि अपना स्थान साबित करने का निर्णायक मौका है। वनडे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके आंकड़े अभी तक औसत रहे हैं। छह मैचों में केवल 115 रन बना सके हैं, लेकिन मोहोली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 71 रन की पारी ने उनकी क्षमता को दर्शाया था।
किस्मत बदलने वाला मोड़?
ऋतुराज की कहानी प्रेरणा देती है। उन्होंने टीम के लिए एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीताने में कप्तानी की, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज में 223 रन बनाए और चेन्नई सुपर किंग्स के लिए आईपीएल में पिछले दो सीजन में 590 और 583 रन ठोके। अब मंच तैयार है। गिल की गैरमौजूदगी, शानदार फॉर्म और चयनकर्ताओं की उम्मीद, सब कुछ एक जगह आ चुका है। अगर वह इस फॉर्म को वनडे में बदल पाए, तो यह वापसी उनके करियर का वह मोड़ हो सकती है जिसका वह इतने समय से इंतजार कर रहे थे।
ऋतुराज की कहानी प्रेरणा देती है। उन्होंने टीम के लिए एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीताने में कप्तानी की, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज में 223 रन बनाए और चेन्नई सुपर किंग्स के लिए आईपीएल में पिछले दो सीजन में 590 और 583 रन ठोके। अब मंच तैयार है। गिल की गैरमौजूदगी, शानदार फॉर्म और चयनकर्ताओं की उम्मीद, सब कुछ एक जगह आ चुका है। अगर वह इस फॉर्म को वनडे में बदल पाए, तो यह वापसी उनके करियर का वह मोड़ हो सकती है जिसका वह इतने समय से इंतजार कर रहे थे।