{"_id":"692922be3d4cefc1f5008c00","slug":"selection-disaster-and-one-dimensional-planning-manoj-tiwary-urge-bcci-to-rethink-gautam-gambhir-role-in-test-2025-11-28","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"कोच गौतम गंभीर पर बड़ा हमला: मनोज तिवारी बोले- गलत चयन, गलत रणनीति और कागजी ऑलराउंडरों ने डुबोया टेस्ट क्रिकेट","category":{"title":"Cricket News","title_hn":"क्रिकेट न्यूज़","slug":"cricket-news"}}
कोच गौतम गंभीर पर बड़ा हमला: मनोज तिवारी बोले- गलत चयन, गलत रणनीति और कागजी ऑलराउंडरों ने डुबोया टेस्ट क्रिकेट
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Fri, 28 Nov 2025 09:51 AM IST
सार
तिवारी ने स्पष्ट कहा, 'अगर भारतीय टेस्ट क्रिकेट बचाना है तो गंभीर को हटाकर अलग रेड-बॉल कोच लाना पड़ेगा।' उन्होंने यह भी जोड़ा कि गंभीर के पास ग्राउंड लेवल रेड-बॉल कोचिंग का अनुभव नहीं है, इसलिए उनसे निरंतर नतीजे की अपेक्षा करना अव्यवहारिक है।
विज्ञापन
मनोज तिवारी और गौतम गंभीर
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में 0-2 की हार सिर्फ एक नतीजा नहीं, बल्कि भारतीय टीम मैनेजमेंट और कोचिंग फिलॉसफी पर बड़ा प्रश्नचिह्न बनकर सामने आई है। मुख्य कोच गौतम गंभीर की रणनीतियों की तीखी आलोचना हो रही है। इसी बीच पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने बीसीसीआई से कहा है कि भारतीय टीम मैनेजमेंट में अब बदलाव का समय आ चुका है। तिवारी ने कहा कि गंभीर के नेतृत्व में टीम लगातार गलत चयन, अस्थिर रणनीति और अजीब प्रयोगों की शिकार रही है। उनकी नजर में यह परिणाम पहले से दिखाई दे रहा था।
Trending Videos
'ये नतीजा तय था', तिवारी का तीखा हमला
तिवारी ने दावा किया कि खिलाड़ियों को लगातार बदलने और भूमिका स्पष्ट न करने की वजह से टीम का संतुलन बिगड़ गया। उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, 'टीम का प्रोसेस गलत था। यह पहली बार नहीं, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी, न्यूजीलैंड सीरीज और अब दक्षिण अफ्रीका, हर जगह यही पैटर्न दिखा।' उनका कहना है कि गंभीर टेस्ट फॉर्मेट को सफेद गेंद की सोच से चला रहे हैं।
तिवारी ने दावा किया कि खिलाड़ियों को लगातार बदलने और भूमिका स्पष्ट न करने की वजह से टीम का संतुलन बिगड़ गया। उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, 'टीम का प्रोसेस गलत था। यह पहली बार नहीं, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी, न्यूजीलैंड सीरीज और अब दक्षिण अफ्रीका, हर जगह यही पैटर्न दिखा।' उनका कहना है कि गंभीर टेस्ट फॉर्मेट को सफेद गेंद की सोच से चला रहे हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
तिवारी ने गंभीर को लेकर बयान दिया
- फोटो : ANI
अनुभवहीन कोच? अलग कोच की मांग तेज
तिवारी ने स्पष्ट कहा, 'अगर भारतीय टेस्ट क्रिकेट बचाना है तो गंभीर को हटाकर अलग रेड-बॉल कोच लाना पड़ेगा।' उन्होंने यह भी जोड़ा कि गंभीर के पास ग्राउंड लेवल रेड-बॉल कोचिंग का अनुभव नहीं है, इसलिए उनसे निरंतर नतीजे की अपेक्षा करना अव्यवहारिक है।
तिवारी ने स्पष्ट कहा, 'अगर भारतीय टेस्ट क्रिकेट बचाना है तो गंभीर को हटाकर अलग रेड-बॉल कोच लाना पड़ेगा।' उन्होंने यह भी जोड़ा कि गंभीर के पास ग्राउंड लेवल रेड-बॉल कोचिंग का अनुभव नहीं है, इसलिए उनसे निरंतर नतीजे की अपेक्षा करना अव्यवहारिक है।
गंभीर का बचाव और तिवारी की प्रतिक्रिया
हार के बाद गंभीर ने खुद को बचाते हुए कहा था कि उन्होंने टीम को चैंपियंस ट्रॉफी, एशिया कप और इंग्लैंड टेस्ट ड्रॉ दिलाया, लेकिन तिवारी ने इस बयान को चुनौती दी। तिवारी ने कहा, 'मैंने गंभीर एक वीडियो देखा जिसमें वह दावा कर रहे थे कि भारत उनकी देखरेख में चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जीता। मैं बता दूं कि उस टीम को रोहित शर्मा, राहुल द्रविड़ और उससे पहले विराट कोहली ने बनाया था। अगर गंभीर इन दोनों टूर्नामेंटों के लिए टीम इंडिया के कोच नहीं भी होते, तो भी भारत जीत जाता क्योंकि टीम पहले से ही बनी हुई थी। एक सफेद गेंद के मेंटर को भारत का मुख्य कोच बनते देखना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर आपके पास जमीनी स्तर का अनुभव नहीं है, तो आप शीर्ष स्तर पर परिणाम देने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? यह लगभग असंभव है।'
हार के बाद गंभीर ने खुद को बचाते हुए कहा था कि उन्होंने टीम को चैंपियंस ट्रॉफी, एशिया कप और इंग्लैंड टेस्ट ड्रॉ दिलाया, लेकिन तिवारी ने इस बयान को चुनौती दी। तिवारी ने कहा, 'मैंने गंभीर एक वीडियो देखा जिसमें वह दावा कर रहे थे कि भारत उनकी देखरेख में चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जीता। मैं बता दूं कि उस टीम को रोहित शर्मा, राहुल द्रविड़ और उससे पहले विराट कोहली ने बनाया था। अगर गंभीर इन दोनों टूर्नामेंटों के लिए टीम इंडिया के कोच नहीं भी होते, तो भी भारत जीत जाता क्योंकि टीम पहले से ही बनी हुई थी। एक सफेद गेंद के मेंटर को भारत का मुख्य कोच बनते देखना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर आपके पास जमीनी स्तर का अनुभव नहीं है, तो आप शीर्ष स्तर पर परिणाम देने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? यह लगभग असंभव है।'
करुण नायर
- फोटो : PTI
घरेलू प्रतिभाओं को नजरअंदाज किया गया
तिवारी ने चयन पर भी बड़ी आपत्ति जताई और कहा कि टीम ऐसे खिलाड़ियों को मौका दे रही है जिन्हें लाल गेंद में अनुभव नहीं है। उन्होंने कहा, 'सरफराज खान और करुण नायर को क्यों नहीं चुना गया? दोनों घरेलू क्रिकेट में रन मशीन हैं। ऐसे खिलाड़ियों को टेस्ट में मौका मिलना चाहिए था। करुण को इंग्लैंड में एक सीरीज ही दी गई। जिन खिलाड़ियों ने घरेलू परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन किया है, वे गैर-विशेषज्ञों की तुलना में अधिक प्रभाव डाल सकते हैं।' उन्होंने मोहम्मद शमी की अनुपस्थिति पर कहा, 'यदि शमी होते तो यानसेन और मुथुसामी जैसी साझेदारियां कभी नहीं होतीं।'
तिवारी ने चयन पर भी बड़ी आपत्ति जताई और कहा कि टीम ऐसे खिलाड़ियों को मौका दे रही है जिन्हें लाल गेंद में अनुभव नहीं है। उन्होंने कहा, 'सरफराज खान और करुण नायर को क्यों नहीं चुना गया? दोनों घरेलू क्रिकेट में रन मशीन हैं। ऐसे खिलाड़ियों को टेस्ट में मौका मिलना चाहिए था। करुण को इंग्लैंड में एक सीरीज ही दी गई। जिन खिलाड़ियों ने घरेलू परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन किया है, वे गैर-विशेषज्ञों की तुलना में अधिक प्रभाव डाल सकते हैं।' उन्होंने मोहम्मद शमी की अनुपस्थिति पर कहा, 'यदि शमी होते तो यानसेन और मुथुसामी जैसी साझेदारियां कभी नहीं होतीं।'
ऑलराउंडर पर गंभीर की सोच और तिवारी की असहमति
गौतम गंभीर लंबे समय से मल्टी-स्किल्ड खिलाड़ियों को प्रमोट करते आए हैं। वॉशिंगटन सुंदर, नीतीश रेड्डी और हर्षित राणा जैसे खिलाड़ियों को इसी रणनीति के तहत जगह मिली है। हालांकि, तिवारी इस मॉडल से पूरी तरह असहमत हैं। यहां तक कि तिवारी ने रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, 'भारत के पास एक भी असली ऑलराउंडर नहीं है।' उन्होंने कपिल देव, जैक कैलिस और इयान बॉथम का उदाहरण देते हुए कहा, 'ये असली ऑलराउंडर थे, जो अकेले मैच जिता सकते थे। आज के भारतीय ऑलराउंडर रोल प्लेयर्स हैं, मैच-विनर्स नहीं।'
गौतम गंभीर लंबे समय से मल्टी-स्किल्ड खिलाड़ियों को प्रमोट करते आए हैं। वॉशिंगटन सुंदर, नीतीश रेड्डी और हर्षित राणा जैसे खिलाड़ियों को इसी रणनीति के तहत जगह मिली है। हालांकि, तिवारी इस मॉडल से पूरी तरह असहमत हैं। यहां तक कि तिवारी ने रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, 'भारत के पास एक भी असली ऑलराउंडर नहीं है।' उन्होंने कपिल देव, जैक कैलिस और इयान बॉथम का उदाहरण देते हुए कहा, 'ये असली ऑलराउंडर थे, जो अकेले मैच जिता सकते थे। आज के भारतीय ऑलराउंडर रोल प्लेयर्स हैं, मैच-विनर्स नहीं।'
भारतीय टीम
- फोटो : ANI
मनोज तिवारी ने कहा, 'हमें टेस्ट क्रिकेट में विशेषज्ञों की जरूरत है। घरेलू क्रिकेट में कई खिलाड़ी हैं और वे जानते हैं कि परिस्थितियों के अनुसार कैसे ढलना है और क्रीज पर कैसे जमना है। अगर वे खिलाड़ी नहीं होंगे और अगर आपके पास सफेद गेंद वाले खिलाड़ी होंगे, तो परिणाम हमेशा नकारात्मक ही होंगे। मुझे लगता है कि यह मानसिकता सही रणनीति नहीं है, और हर चीज की समीक्षा करने की जरूरत है।'