उत्तराखंड में उपभोक्ता जल्द अपनी सहूलियत के हिसाब से किसी भी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से राशन ले सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट (एनएफएसए) के तहत राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी की सुविधा देने की तैयारियां कर रही है।
यह व्यवस्था लागू होने के बाद प्रदेश के 23 लाख उपभोक्ता राज्य में किसी भी सस्ते गल्ले की दुकान से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का खाद्यान्न का लाभ ले सकेंगे दरअसल, केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत पोर्टेबिलिटी व्यवस्था को शुरू करने की कवायद चल रही है।
एनएफएसए के तहत राशन कार्ड और सदस्यों का ब्योरा खाद्य विभाग के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में फीड किया जा रहा है। जो सस्ता गल्ला विक्रेताओं की ई-पास मशीनों से लिंक होगा।
पोर्टेबिलिटी के तहत कोई उपभोक्ता दूसरी जगह राशन की दुकान पर जाकर बॉयोमेट्रिक सिस्टम के जरिये थंब इंप्रेशन कर खाद्यान्न ले सकेगा। विभाग की ओर से पीडीएस सिस्टम के सॉफ्टवेयर को अपडेट किया जा रहा है।
इसमें अगर कोई बाहरी उपभोक्ता दूसरी जगह के सस्ता गल्ला विक्रेता से लगातार तीन बार खाद्यान्न लेता है तो साफ्टवेयर थंब इंप्रेशन कैप्चरिंग के आधार पर राशन कार्ड को ऑटोमेटिक उस सस्ता गल्ला विक्रेता दुकान से लिंक कर देगा। विभाग इसी आधार पर संबंधित सस्ता गल्ला विक्रेता को खाद्यान्न का कोटा आवंटित करेगा।
विभाग के मुताबिक इस प्रक्रिया का लाभ उन्हें भी मिलेगा जो किन्हीं कारणों से अपने सस्ता गल्ला विक्रेता की दुकानों से राशन नहीं ले पा रहे हैं। ऐसे लोग अस्थायी तौर पर दूसरी जगह रहने लगे हैं या सस्ता गल्ला विक्रेता के व्यवहार से नाखुश हैं। पोर्टेबिलिटी की सुविधा सस्ता गल्ला विक्रेता की ई-पास मशीन पर बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर मिलेगी। इसके लिए आधार नंबर को राशन कार्ड से लिंक करवाना होगा।
इस व्यवस्था को लागू करने की कवायद चल रही है। विभाग की ओर से राशन कार्ड के डाटा का कंप्यूटर में फीड किया जा रहा है। सारा डाटा ऑनलाइन होने पर यह व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी।
- तेज बल सिंह, जिला आपूर्ति अधिकारी
उत्तराखंड में उपभोक्ता जल्द अपनी सहूलियत के हिसाब से किसी भी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से राशन ले सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट (एनएफएसए) के तहत राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी की सुविधा देने की तैयारियां कर रही है।
यह व्यवस्था लागू होने के बाद प्रदेश के 23 लाख उपभोक्ता राज्य में किसी भी सस्ते गल्ले की दुकान से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का खाद्यान्न का लाभ ले सकेंगे दरअसल, केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत पोर्टेबिलिटी व्यवस्था को शुरू करने की कवायद चल रही है।
एनएफएसए के तहत राशन कार्ड और सदस्यों का ब्योरा खाद्य विभाग के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में फीड किया जा रहा है। जो सस्ता गल्ला विक्रेताओं की ई-पास मशीनों से लिंक होगा।