सब्सक्राइब करें

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
Hindi News ›   Uttarakhand ›   Dehradun News ›   Uttarakhand High Court: assembly secretariat dismissed Employee challenged the order of termination

Uttarakhand: हाईकोर्ट पहुंचे विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारी, सेवा समाप्ति के आदेश को दी चुनौती

संवाद न्यूज एजेंसी, नैनीताल Published by: अलका त्यागी Updated Sat, 01 Oct 2022 08:53 PM IST
विज्ञापन
सार

याचिकाकर्ताओं के अनुसार विधान सभा में सरकार की नियमावली लागू नहीं की जा रही है। सरकारी नियमों के तहत छह माह की तदर्थ सेवा के बाद नियमित किए जाने का प्रावधान है। उन्होंने कोर्ट से अपनी सेवा बहाली और नियमितीकरण की मांग की है।

Uttarakhand High Court: assembly secretariat dismissed Employee challenged the order of termination
नैनीताल हाईकोर्ट - फोटो : PTI

विस्तार
Follow Us

उत्तराखंड विधान सभा के अपर निजी सचिव पद से बर्खास्त किए गए भूपेंद्र सिंह बिष्ट और अन्य ने अपनी सेवा समाप्ति के आदेश को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी है।उत्तराखंड विधान सभा के अपर निजी सचिव पद से बर्खास्त किए गए भूपेंद्र सिंह बिष्ट और अन्य ने अपनी सेवा समाप्ति के आदेश को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी है। न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष, विधान सभा सचिव और उप सचिव को 14 अक्तूबर तक प्रति शपथपत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। इसी दिन अगली सुनवाई होगी। 

विज्ञापन
loader
Trending Videos


हत्याकांड के दिन: 'हेल्प मी... मुझे यहां से बाहर निकालो, मुझे जाना है' चिल्ला रही थी अंकिता, हुआ एक और खुलासा
विज्ञापन
विज्ञापन


अपर निजी सचिव पद से बर्खास्त किए गए भूपेंद्र सिंह बिष्ट और अन्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि नया राज्य बनने के बाद विधान सभा में रिक्त पदों के सापेक्ष अपर निजी सचिव पदों पर तदर्थ नियुक्तियां निर्धारित प्रक्रिया के तहत की गईं।

उन्हें उपनल के माध्यम से नियुक्ति दी गई। इसके बाद 20 दिसंबर 2016 को उन्हें तदर्थ नियुक्ति मिली। 2014 तक तदर्थ रूप से नियुक्त हुए अन्य कर्मचारियों को चार वर्ष से कम की सेवा में नियमित नियुक्ति दे दी गई किंतु उन्हें छह वर्ष के बाद भी स्थायी नहीं किया गया। अब उनकी सेवा समाप्त कर दी गई है। 

याचिकाकर्ताओं के अनुसार विधान सभा में सरकार की नियमावली लागू नहीं की जा रही है। सरकारी नियमों के तहत छह माह की तदर्थ सेवा के बाद नियमित किए जाने का प्रावधान है। उन्होंने कोर्ट से अपनी सेवा बहाली और नियमितीकरण की मांग की है। हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत कर रहे हैं जबकि विधान सभा ने अपना पक्ष रखने के लिए विजय भट्ट को अधिकृत किया है।

हाईकोर्ट में दशहरा अवकाश घोषित, 10 को खुलेगा कोर्ट
हाईकोर्ट में दशहरा अवकाश घोषित कर दिया गया है। अवकाश तीन अक्तूबर से सात अक्तूबर तक रहेगा। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल विवेक भारती शर्मा की ओर से जारी आदेश में ये जानकारी दी गई है। आदेश के अनुसार आठ को शनिवार और नौ अक्तूबर को रविवार का अवकाश रहेगा। अवकाश के बाद कोर्ट दस अक्तूबर को खुलेगा।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed