AAP का आरोप: कांग्रेस ने चुनाव जीतने नहीं, भाजपा को जिताने के लिए लड़ा; 44 करोड़ के चंदे की जांच की मांग
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस की रणनीति का मकसद आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं को हराना था। देवेंद्र यादव खुद यह स्वीकार कर रहे हैं कि कांग्रेस ने भाजपा को जीतने देने और आम आदमी पार्टी को रोकने का निश्चय किया था।

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आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि भाजपा को जिताने और आम आदमी पार्टी को हराने के लिए चुनाव लड़ा। पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव के हालिया इंटरव्यू से यह बात साफ हो गई है।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस की रणनीति का मकसद आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं को हराना था। देवेंद्र यादव खुद यह स्वीकार कर रहे हैं कि कांग्रेस ने भाजपा को जीतने देने और आम आदमी पार्टी को रोकने का निश्चय किया था। उन्होंने सवाल उठाया कि कांग्रेस ने भाजपा नेताओं के खिलाफ ऐसी कोई रणनीति क्यों नहीं बनाई, जबकि आम आदमी पार्टी को निशाना बनाने के लिए विशेष तैयारी की गई।
उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस का अब तक का सबसे घिनौना चेहरा 2025 के चुनाव में सामने आया। उन्होंने 1984 के दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय से भी ज्यादा गंभीर रूप से कांग्रेस का असली चेहरा उजागर हुआ है। सौरभ ने आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस दोनों मिलकर गरीबों की झुग्गियां और रोजगार उजाड़ने का काम कर रहे हैं। वहीं चुनावी खर्च के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने जहां 14 करोड़ रुपये खर्च किए, वहीं भाजपा ने 57 करोड़ रुपये और कांग्रेस ने 46 करोड़ रुपये खर्च किए। इसमें से 44 करोड़ रुपये कांग्रेस ने नकद चंदे के रूप में दिखाए हैं, जबकि चुनाव आयोग के नियम अनुसार 2000 रुपये से अधिक नकद चंदा स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का नकद चंदा रहस्यमय है और इसकी जांच होनी चाहिए।
सौरभ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि जब आम आदमी पार्टी को चेक से एक करोड़ रुपये का चंदा मिला था तो उन्होंने सवाल उठाए थे, लेकिन कांग्रेस को नकद में 44 करोड़ रुपये मिलने पर भाजपा चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने कहा कि आज की प्रेस वार्ता का उद्देश्य कांग्रेस और भाजपा की मिलीभगत को जनता के सामने लाना था।