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बिभव कुमार vs स्वाति मालीवाल मामला: मुख्य बिंदुओं में समझिए उस केस को जो बन गया आम आदमी पार्टी के गले की हड्डी
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: शाहरुख खान
Updated Fri, 27 Sep 2024 03:09 PM IST
सार
स्वाति मालीवाल का केस आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं के लिए मुसीबत बना हुआ है। इस मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। आइए इस मामले को शुरुआत से जानते हैं।
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Bibhav Kumar
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
स्वाति मालीवाल का केस आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं के लिए मुसीबत बना हुआ है। इस मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को दिल्ली विधानसभा को संबोधित किया और उनके मुंह से एक बार फिर बिभव का नाम निकला। जिस संदर्भ में यह नाम लिया गया उससे स्वाति मालीवाल एक बार फिर से भड़क गईं है। उन्होंने आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला और उन्हें बेशर्मी की सारी हदें पार करने वाला इंसान बताया। आइए जानते हैं इस केस में कब क्या हुआ।
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क्या है पूरा मामला
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया था कि 13 मई को मुख्यमंत्री आवास में मेरे साथ बदसलूकी और मारपीट की थी। आरोप था कि घटना के दिन अरविंद केजरीवाल दूसरे कमरे में थे। मेरी पिटाई हुई मैं चीखती रही लेकिन वह बाहर नहीं आए।
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13 मई को सुबह करीब 9 बजे हुई वारदात
स्वाति ने एक साक्षात्कार में कहा था कि 13 मई को सुबह करीब 9 बजे मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके आवास पर गई। स्टाफ ने मुझे ड्राइंग रूम में बैठने के लिए कहा और बताया कि अरविंद घर पर हैं और वह मुझसे मिलने आ रहे हैं। इसके बाद अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार आक्रामक स्थिति में आए।
बिभव ने मुझे पैरों से मारना शुरू कर दिया
मैंने पूछा कि क्या हुआ केजरीवाल जी आ रहे हैं, क्या हो गया?। मेरा इतना कहना था जिसके बाद उन्होंने (बिभव कुमार) मुझे थप्पड़ मार दिया। मुझे सात से आठ थप्पड़ मारे। जब मैंने उसे धक्का देने की कोशिश की तो उसने मेरे पैर पकड़ लिए और मुझे घसीट दिया। इस दौरान मेरा सिर सेंटर टेबल से टकराया। मैं फर्श पर गिर गई और उसने (बिभव) मुझे पैरों से मारना शुरू कर दिया। मैं चिल्ला रही थी और मदद की गुहार लगा रही थी लेकिन कोई वहां नहीं आया।
संजय सिंह ने मीडिया को संबोधित किया
इसके बाद 14 मई को मामले को लेकर हंगामा हुआ तो आप सांसद संजय सिंह ने मीडिया से कहा कि दिल्ली सीएम के निजी सचिव बिभव कुमार ने मालीवाल के साथ बदसलूकी है। पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल बिभव कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। 15 मई को संजय सिंह स्वाति मालीवाल के घर पहुंचे और उनसे मुलाकात की। उनके साथ दिल्ली महिला आयोग की सदस्य भी थीं। दोनों सांसदों के बीच बातचीत की जानकारी बाहर नहीं आ सकी। घटना के बाद से तीन दिन बाद तक स्वाति मालीवाल चुप्पी साधे रहीं।
18 मई को बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया
बिभव कुमार के खिलाफ 16 मई को आईपीसी के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। दिल्ली पुलिस ने 18 मई को बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया था। 18 मई को बिभव ने तीस हजारी कोर्ट अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद बिभव ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
बिभव कुमार के खिलाफ 16 मई को आईपीसी के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। दिल्ली पुलिस ने 18 मई को बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया था। 18 मई को बिभव ने तीस हजारी कोर्ट अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद बिभव ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
कोर्ट ने दो सितंबर को बिभव कुमार को सशर्त जमानत दे दी
मामले में दो अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने बिभव कुमार को लेकर सख्त टिप्पणी भी की थी। अदालत ने कहा था कि क्या मुख्यमंत्री आवास गुंडों को रखने के लिए है। अदालत ने कहा कि "महिला संग गलत बर्ताव पर क्या शर्म नहीं आई? अदालत ने पूछा कि क्यों कोई बिभव के खिलाफ गवाही देगा? कई बार बिभव कुमार की जमानत याचिका अदालत में खारिज हुई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दो सितंबर को बिभव कुमार को सशर्त जमानत दे दी।
मामले में दो अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने बिभव कुमार को लेकर सख्त टिप्पणी भी की थी। अदालत ने कहा था कि क्या मुख्यमंत्री आवास गुंडों को रखने के लिए है। अदालत ने कहा कि "महिला संग गलत बर्ताव पर क्या शर्म नहीं आई? अदालत ने पूछा कि क्यों कोई बिभव के खिलाफ गवाही देगा? कई बार बिभव कुमार की जमानत याचिका अदालत में खारिज हुई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दो सितंबर को बिभव कुमार को सशर्त जमानत दे दी।
कोर्ट ने कहा बिभव को निजी सहायक के रूप में बहाल नहीं किया जाए
सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दी। अदालत ने निर्देश दिया कि जब तक मामले के सभी गवाहों से पूछताछ नहीं हो जाती है, तब तक बिभव कुमार मुख्यमंत्री आवास नहीं जा सकेंगे। कोर्ट ने यह भी निर्देश भी दिया कि बिभव को निजी सहायक के रूप में बहाल नहीं किया जाए, इसके अलावा उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में कोई आधिकारिक कार्यभार भी न दिया जाए। बिभव कुमार इस मामले पर कोई टिप्पणी भी नहीं करेंगे। इसके अलावा आम आदमी पार्टी भी इस मामले की मेरिट पर कोई टिप्पणी नहीं करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दी। अदालत ने निर्देश दिया कि जब तक मामले के सभी गवाहों से पूछताछ नहीं हो जाती है, तब तक बिभव कुमार मुख्यमंत्री आवास नहीं जा सकेंगे। कोर्ट ने यह भी निर्देश भी दिया कि बिभव को निजी सहायक के रूप में बहाल नहीं किया जाए, इसके अलावा उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में कोई आधिकारिक कार्यभार भी न दिया जाए। बिभव कुमार इस मामले पर कोई टिप्पणी भी नहीं करेंगे। इसके अलावा आम आदमी पार्टी भी इस मामले की मेरिट पर कोई टिप्पणी नहीं करेगी।
भाजपा ने मामले में आप को घेरा
इस मामले को लेकर भाजपा ने भी आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 17 मई को कहा था कि राज्यसभा की एक सांसद के साथ केजरीवाल के करीबी ने बदसलूकी की। इसके बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री अब तक चुप हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए थी, लेकिन बिभव कुमार उनके साथ लखनऊ में घूम रहे थे।