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दाती महाराज की अग्रिम जमानत रद्द करवाना चाहती है सीबीआई, याचिका दायर करने पर हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव द्विवेदी
Updated Thu, 21 Feb 2019 09:53 PM IST
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daati maharaj
- फोटो : अमर उजाला
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हाईकोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए पूछा कि क्या कभी उसने दुष्कर्म के आरोपी दाती महाराज को हिरासत में लेने का कदम उठाया। अगर ऐसा नहीं किया गया तो अब एजेंसी उसकी अग्रिम जमानत को क्यों रद्द करवाना चाहती है। जबकि यह केस उसे अक्तूबर 2018 में दिया गया था।
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न्यायमूर्ति चंद्र शेखर ने दाती महाराज की अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए सीबीआई की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह सवाल पूछा। निचली अदालत ने जनवरी 2019 में दाती महाराज व उसके तीन भाइयों को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी थी।
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हाईकोर्ट ने पूछा कि एजेंसी ने याचिका में बताया है कि अब आरोपी से पूछताछ करने की क्या जरूरत है। सीबीआई के वकील ने इसके जवाब में कहा कि पीड़िता से राजस्थान में दुष्कर्म हुआ था। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी और पीड़िता की मांग पर केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। एजेंसी यह जानना चाहती है कि गवाहों से सही तरह पूछताछ की गई थी और क्या उन्होंने पूछताछ में सहयोग किया था। सीबीआई ने कहा दाती महाराज से पूछताछ के लिए यह प्रस्ताव निदेशक के पास विचाराधीन है। निचली अदालत ने आरोपी को अग्रिम जमानत दे रखी है, इसलिए वह पूछताछ में पूरा सहयोग नहीं करेगा। कोर्ट ने सीबीआई को यह प्रस्ताव व अन्य दस्तावेज 26 फरवरी को पेश करने का निर्देश दिया है।
ये है पूरा मामला
दाती महाराज की शिष्या रही पीड़िता ने थाना फतेह पुर बेरी में सात जून 2018 को दाती महाराज उर्फ मदन लाल राजस्थानी, उसके तीन भाइयों के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दी थी। इस शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने 11 जून को एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद दाती महाराज व उसके भाइयों को गिरफ्तार किए बिना पूछताछ की गई थी। हाईकोर्ट ने पीड़िता की याचिका पर केस की जांच 3 अक्तूबर 2018 को सीबीआई को सौंप दी थी। इस आदेश को दाती महाराज ने याचिका दायर कर चुनौती दी थी। इस याचिका को कोर्ट ने 14 नवंबर 2018 को खारिज कर दी थी।