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Delhi Blast: 'बेगुनाह और मासूमों को मारने वाला शहीद नहीं शैतान...ऐसा करने वाले मुसलमान नहीं', मौलाना ने ये कहा
शुजात आलम, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 19 Nov 2025 08:09 AM IST
सार
ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के मुखिया मौलाना इलियासी ने कहा कि बेगुनाह और मासूमों को मारने वाला शहीद नहीं शैतान होता है। उन्होंने कुरान की आयत का हवाला देते हुए कहा कि बेगुनाह का कत्ल करना पूरी इंसानियत की हत्या करने जैसा है।
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Delhi Blast
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के मुखिया डॉ. उमेर अहमद इलियासी ने लाल किले पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि कुरान की सूरह मायदा के अनुसार एक बेगुनाह का कत्ल पूरी इंसानियत का कत्ल करने जैसा बड़ा गुनाह है और ऐसा करने वाले मुसलमान नहीं कहलाते।
बेगुनाहों को मारने वाला शहीद नहीं, शैतान होता है। इलियासी ने कहा कि डॉ. उमर ने इस्लाम के मूल सिद्धांतों के खिलाफ काम किया, जो मजहब और मुल्क दोनों के खिलाफ है।
लाल किले के पास फिदायीन हमला करने का आरोपी डॉ. उमर भले ही हमले को जायज ठहराने की बात कर रहा हो, लेकिन इस्लामी इलमा इससे इत्तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि बेगुनाह मासूमों को मारने वाला कभी भी इस्लाम का मानने वाला नहीं हो सकता। ऐसे लोगों को घसीटकर जहन्नुम (नर्क) में डाला जाएगा।
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बेगुनाहों को मारने वाला शहीद नहीं, शैतान होता है। इलियासी ने कहा कि डॉ. उमर ने इस्लाम के मूल सिद्धांतों के खिलाफ काम किया, जो मजहब और मुल्क दोनों के खिलाफ है।
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लाल किले के पास फिदायीन हमला करने का आरोपी डॉ. उमर भले ही हमले को जायज ठहराने की बात कर रहा हो, लेकिन इस्लामी इलमा इससे इत्तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि बेगुनाह मासूमों को मारने वाला कभी भी इस्लाम का मानने वाला नहीं हो सकता। ऐसे लोगों को घसीटकर जहन्नुम (नर्क) में डाला जाएगा।
दरअसल, आत्मघाती हमले से कुछ समय पहले बनाया गया आतंकी उमर का एक वीडियो मंगलवार को सामने आया है। वीडियो में उमर जिहाद और उसमें शहीद होने को सही बताने की कोशिश कर रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद यह सवाल उठने लगा कि क्या इस्लाम इस तरह के हमले जायज ठहराता है।
'इस्लाम में खुदकुशी करना हराम है'
मौलाना उमेर इलियासी बताते हैं, इस्लाम में खुदकुशी करना हराम है। भले ही वह किसी भी तरीके से की जाए। इस्लाम में 'हराम' काम करना बहुत ही बड़ा गुनाह है। इन सबके बाद हराम काम करने वाला शहीद कैसे कहला सकता है। इस तरह खुद की और दूसरे बेगुनाहों की जान लेने वाले कभी जन्नत में नहीं जाएंगे।
मौलाना उमेर इलियासी बताते हैं, इस्लाम में खुदकुशी करना हराम है। भले ही वह किसी भी तरीके से की जाए। इस्लाम में 'हराम' काम करना बहुत ही बड़ा गुनाह है। इन सबके बाद हराम काम करने वाला शहीद कैसे कहला सकता है। इस तरह खुद की और दूसरे बेगुनाहों की जान लेने वाले कभी जन्नत में नहीं जाएंगे।
अमन और प्यार का पैगाम लाए थे पैगंबर मोहम्मद
इलियासी ने कहा, दुनिया में पैगंबर मोहम्मद साहब अमन और प्यार का पैगाम लेकर आए थे। कुछ लोग 'जैश-ए-मोहम्मद', 'लश्कर-ए-तैयबा' जैसे नाम से आतंकी संगठन चला रहे हैं। सबसे पहले तो इन शैतानों के संगठनों के आगे से मोहम्मद साहब का नाम हटा देना चाहिए। यह लोग मुल्क और इस्लाम दोनों के खिलाफ काम करते हैं।
इलियासी ने कहा, दुनिया में पैगंबर मोहम्मद साहब अमन और प्यार का पैगाम लेकर आए थे। कुछ लोग 'जैश-ए-मोहम्मद', 'लश्कर-ए-तैयबा' जैसे नाम से आतंकी संगठन चला रहे हैं। सबसे पहले तो इन शैतानों के संगठनों के आगे से मोहम्मद साहब का नाम हटा देना चाहिए। यह लोग मुल्क और इस्लाम दोनों के खिलाफ काम करते हैं।
मुस्लिम धर्मगुरुओं से आगे आने की अपील
इलियासी ने कहा कि जिस तरह आतंकी संगठन से जुड़े लोग धार्मिक बातों को तोड़-मरोड़कर युवाओं के मन में बिठाते हैं और उन्हें अपने स्वार्थ और हित के लिए गलत रास्ते पर उतार देते हैं। ठीक उसी तरह आज यह जरूरी है कि मुस्लिम धर्मगुरु आगे आएं और युवाओं को सही बात बताएं। मुल्क से मोहब्बत तो मुसलमानों के लिए ईमान का हिस्सा है।
इलियासी ने कहा कि जिस तरह आतंकी संगठन से जुड़े लोग धार्मिक बातों को तोड़-मरोड़कर युवाओं के मन में बिठाते हैं और उन्हें अपने स्वार्थ और हित के लिए गलत रास्ते पर उतार देते हैं। ठीक उसी तरह आज यह जरूरी है कि मुस्लिम धर्मगुरु आगे आएं और युवाओं को सही बात बताएं। मुल्क से मोहब्बत तो मुसलमानों के लिए ईमान का हिस्सा है।