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Gurugram News: अरावली में पहली बार दिखा रॉक बंटिंग पक्षी का जोड़ा
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कृष्ण सभ्रवाल
फर्रुखनगर। रेवाड़ी जिले की अरावली की पहाड़ियों में पहली बार रॉक बंटिंग पक्षी का एक जोड़ा देखा गया। अब तक हरियाणा में रॉक बंटिंग (एम्बरीजा सिया) के रिकॉर्ड पंचकूला जिले के थापली, मोरनी की पहाड़ियों, कैथल और रोहतक तक ही सीमित थे। रेवाड़ी में इससे पहले रॉक बंटिंग को नहीं देखा गया जिससे यह दस्तावेजीकरण क्षेत्र के जैव विविधता रिकॉर्ड के लिए एक मील का पत्थर बन गया है।
यह चिड़िया गौरया पक्षी की 334वीं प्रजाति है। यह अवलोकन अनुभवी पक्षी गाइड संजय शर्मा (सुल्तानपुर झील) और वन्यजीव प्रेमी एवं फोटोग्राफर तरुण कुमार ने किया, जिन्होंने तस्वीरों के माध्यम से पक्षियों का दस्तावेजीकरण भी किया।
ऐसा दिखाई देता है पक्षी
लगभग 16 सेमी़ आकार का रॉक बंटिंग एक आकर्षक पक्षी है, जो शुष्क, चट्टानी पहाड़ी परिदृश्यों को पसंद करने के लिए जाना जाता है। प्रजनन करने वाले नर पक्षी को उसके भूरे रंग के ऊपरी हिस्से, हल्के भूरे रंग के निचले हिस्से और गहरे काले धब्बों वाली विशिष्ट हल्के भूरे रंग के सिर से आसानी से पहचाना जा सकता है। मादा पक्षी का रंग हल्का और कम विषम होता है, जबकि युवा पक्षी धारियों वाले सिर के पैटर्न के साथ मादाओं जैसे दिखते हैं। आमतौर पर खुले चट्टानी इलाकों में पाई जाने वाली यह प्रजाति सर्दियों में हिमालय की तलहटी में प्रवास करती है। अरावली की पहाड़ियों के झाड़ीदार और कांटों वाले जंगलों में इसकी अप्रत्याशित उपस्थिति बताती है कि ये प्राचीन पर्वतमालाएं प्रवासी पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण शीतकालीन आश्रय स्थल के रूप में काम करती रही हैं।
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फर्रुखनगर। रेवाड़ी जिले की अरावली की पहाड़ियों में पहली बार रॉक बंटिंग पक्षी का एक जोड़ा देखा गया। अब तक हरियाणा में रॉक बंटिंग (एम्बरीजा सिया) के रिकॉर्ड पंचकूला जिले के थापली, मोरनी की पहाड़ियों, कैथल और रोहतक तक ही सीमित थे। रेवाड़ी में इससे पहले रॉक बंटिंग को नहीं देखा गया जिससे यह दस्तावेजीकरण क्षेत्र के जैव विविधता रिकॉर्ड के लिए एक मील का पत्थर बन गया है।
यह चिड़िया गौरया पक्षी की 334वीं प्रजाति है। यह अवलोकन अनुभवी पक्षी गाइड संजय शर्मा (सुल्तानपुर झील) और वन्यजीव प्रेमी एवं फोटोग्राफर तरुण कुमार ने किया, जिन्होंने तस्वीरों के माध्यम से पक्षियों का दस्तावेजीकरण भी किया।
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ऐसा दिखाई देता है पक्षी
लगभग 16 सेमी़ आकार का रॉक बंटिंग एक आकर्षक पक्षी है, जो शुष्क, चट्टानी पहाड़ी परिदृश्यों को पसंद करने के लिए जाना जाता है। प्रजनन करने वाले नर पक्षी को उसके भूरे रंग के ऊपरी हिस्से, हल्के भूरे रंग के निचले हिस्से और गहरे काले धब्बों वाली विशिष्ट हल्के भूरे रंग के सिर से आसानी से पहचाना जा सकता है। मादा पक्षी का रंग हल्का और कम विषम होता है, जबकि युवा पक्षी धारियों वाले सिर के पैटर्न के साथ मादाओं जैसे दिखते हैं। आमतौर पर खुले चट्टानी इलाकों में पाई जाने वाली यह प्रजाति सर्दियों में हिमालय की तलहटी में प्रवास करती है। अरावली की पहाड़ियों के झाड़ीदार और कांटों वाले जंगलों में इसकी अप्रत्याशित उपस्थिति बताती है कि ये प्राचीन पर्वतमालाएं प्रवासी पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण शीतकालीन आश्रय स्थल के रूप में काम करती रही हैं।