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Gurugram News: बेहतर आधारभूत ढांचा उपलब्ध कराने में नाकाम जीएमडीए
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शहर को जाम मुक्त, पेयजल, सड़क समेत अन्य योजनाओं को लागू नहीं कर पा रहा
अमर उजाला ब्यूरो
गुरुग्राम। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) साइबर सिटी के लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा है। लोगों को टूटी सड़क, जाम, पेयजल और बारिश में जलभराव जैसी समस्याओं से जूृझना पड़ता है। शहर को जाम मुक्त करने की भी जीएमडीए के पास कोई ठोस योजना नहीं है, जो बनी है वह फाइलों में है।
गुरुग्राम का कुछ साल में तेजी से विकास हुआ है। जिले की पहचान ऑटो, गारमेंट और आईडी हब के रूप में बनी है। शहर के विकास के साथ सुविधाएं नहीं बढ़ीं और लोगों को रोज समस्याओं को दो-चार होना पड़ रहा है। हालांकि शहर के विकास को देखते हुए प्रदेश सरकार ने नगर निगम के अलावा जीएमडीए का गठन किया ताकि बड़े विकास कार्य जल्द हो सके। सरकारी दावों के उलट जीएमडीए शहर में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने में नाकाम साबित हो रहा है। बड़ी परियोजनाओं की बात को दूर लोगों को टूटी सड़कों से ही मुक्ति नहीं मिल पा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जीएमडीए शहर में जाम को दूर करने के छोटे-छोटे इंतजाम भी नहीं करा पा रहा है। अंडरपास और फ्लाईओवर बना दिए गए होते तो जाम की समस्या दूर हो गई होती। जीएमडीए ने तो सड़कों में सुधार करने की भी जहमत नहीं उठाई। कांग्रेस नेता धर्मेंद्र मिश्रा कहते हैं कि दस साल के भाजपा राज में एसपीआर तक नहीं बन सकी। उन्होंने कहा कि अभी योजनाएं फाइलों में बन रही हैं। मिश्रा ने कहा कि एलिवेटेड रोड बनाने की योजना कब पूरी होगी, यह बताने वाला कोई नहीं है। ऐसे में लोगों को द्वारका एक्सप्रेसवे का भी पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।
यह भी जानें
- जीएमडीए का वित्त वर्ष 2025-26 का 3034 करोड़ रुपये का बजट है। भारी-भरकम बजट होने पर भी लोग मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं।
- जीएमडीए के पास सभी प्रमुख सड़कें हैं। इन सड़कों से जाम दूर करने के लिए बनी योजनाएं फाइलों में हैं।
- टूटी सड़कों को भी समय से ठीक नहीं करा पा रहा, नतीजा सड़कों पर गड्ढों से लोग त्रस्त हैं।
- शहर में पेयजल की कमी है, जीएमडीए एक ही 100 एमएलडी का संयंत्र बनवा पाया है, अन्य पाइप लाइन में है।
- जीएमडीए की दो फ्लाईओवर और एसपीआर को एलिवेटेड बनाने की योजना है, लेकिन अभी फाइलों में है।
लोगों से बातचीत
जीएमडीए का जिस कार्य को लेकर गठन हुआ, वह पूरा नहीं हो पा रहा है। अब जीएमडीए की जरूरत नहीं है और बंद कर देना चाहिए। लोगाें को सड़क, पानी और सीवर की समस्या से राहत नहीं मिल पा रही है।
-सुरेंद्र ठाकरान, जिला प्रधान, जजपा
शहर के लोग जाम और टूटी सड़कों से परेशान हैं। जीएमडीए के गठन से बड़े विकास कार्य जल्द होने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो पा रहा है। जीएमडीए सफेद हाथी बन चुका है। भारी भरकम बजट होने के बाद भी शहर का विकास नहीं हो रहा है।
-सुखबीर कटारिया, पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता
जीएमडीए के गठन होने से बड़े विकास कार्याें को सिरे चढ़ाने में आसानी हुई है। गुरुग्राम का तेजी से विकास हुआ है और जीएमडीए की भूमिका काफी बढ़ गई है। फ्लाईओवर, अंडरपास और एलिवेटेड रोड समेत अन्य परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है।
-यशपाल बत्रा, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा
अमर उजाला ब्यूरो
गुरुग्राम। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) साइबर सिटी के लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा है। लोगों को टूटी सड़क, जाम, पेयजल और बारिश में जलभराव जैसी समस्याओं से जूृझना पड़ता है। शहर को जाम मुक्त करने की भी जीएमडीए के पास कोई ठोस योजना नहीं है, जो बनी है वह फाइलों में है।
गुरुग्राम का कुछ साल में तेजी से विकास हुआ है। जिले की पहचान ऑटो, गारमेंट और आईडी हब के रूप में बनी है। शहर के विकास के साथ सुविधाएं नहीं बढ़ीं और लोगों को रोज समस्याओं को दो-चार होना पड़ रहा है। हालांकि शहर के विकास को देखते हुए प्रदेश सरकार ने नगर निगम के अलावा जीएमडीए का गठन किया ताकि बड़े विकास कार्य जल्द हो सके। सरकारी दावों के उलट जीएमडीए शहर में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने में नाकाम साबित हो रहा है। बड़ी परियोजनाओं की बात को दूर लोगों को टूटी सड़कों से ही मुक्ति नहीं मिल पा रही है।
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स्थानीय लोगों का कहना है कि जीएमडीए शहर में जाम को दूर करने के छोटे-छोटे इंतजाम भी नहीं करा पा रहा है। अंडरपास और फ्लाईओवर बना दिए गए होते तो जाम की समस्या दूर हो गई होती। जीएमडीए ने तो सड़कों में सुधार करने की भी जहमत नहीं उठाई। कांग्रेस नेता धर्मेंद्र मिश्रा कहते हैं कि दस साल के भाजपा राज में एसपीआर तक नहीं बन सकी। उन्होंने कहा कि अभी योजनाएं फाइलों में बन रही हैं। मिश्रा ने कहा कि एलिवेटेड रोड बनाने की योजना कब पूरी होगी, यह बताने वाला कोई नहीं है। ऐसे में लोगों को द्वारका एक्सप्रेसवे का भी पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।
यह भी जानें
- जीएमडीए का वित्त वर्ष 2025-26 का 3034 करोड़ रुपये का बजट है। भारी-भरकम बजट होने पर भी लोग मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं।
- जीएमडीए के पास सभी प्रमुख सड़कें हैं। इन सड़कों से जाम दूर करने के लिए बनी योजनाएं फाइलों में हैं।
- टूटी सड़कों को भी समय से ठीक नहीं करा पा रहा, नतीजा सड़कों पर गड्ढों से लोग त्रस्त हैं।
- शहर में पेयजल की कमी है, जीएमडीए एक ही 100 एमएलडी का संयंत्र बनवा पाया है, अन्य पाइप लाइन में है।
- जीएमडीए की दो फ्लाईओवर और एसपीआर को एलिवेटेड बनाने की योजना है, लेकिन अभी फाइलों में है।
लोगों से बातचीत
जीएमडीए का जिस कार्य को लेकर गठन हुआ, वह पूरा नहीं हो पा रहा है। अब जीएमडीए की जरूरत नहीं है और बंद कर देना चाहिए। लोगाें को सड़क, पानी और सीवर की समस्या से राहत नहीं मिल पा रही है।
-सुरेंद्र ठाकरान, जिला प्रधान, जजपा
शहर के लोग जाम और टूटी सड़कों से परेशान हैं। जीएमडीए के गठन से बड़े विकास कार्य जल्द होने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो पा रहा है। जीएमडीए सफेद हाथी बन चुका है। भारी भरकम बजट होने के बाद भी शहर का विकास नहीं हो रहा है।
-सुखबीर कटारिया, पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता
जीएमडीए के गठन होने से बड़े विकास कार्याें को सिरे चढ़ाने में आसानी हुई है। गुरुग्राम का तेजी से विकास हुआ है और जीएमडीए की भूमिका काफी बढ़ गई है। फ्लाईओवर, अंडरपास और एलिवेटेड रोड समेत अन्य परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है।
-यशपाल बत्रा, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा