सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Delhi ›   Delhi NCR News ›   Help will be available before Delhi heartbeat stops and AEDs are being installed at AIIMS

एम्स की पहल: परिसर में लग रहे एईडी, हृदय रोगियों को तुरंत दी जा सकेगी सीपीआर

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: अनुज कुमार Updated Wed, 15 Oct 2025 07:59 AM IST
विज्ञापन
सार

एम्स परिसर में कार्डियक अरेस्ट से तुरंत बचाव के लिए स्वचालित बाहरी डिफाइब्रिलेटर (एईडी) लगाए जा रहे हैं, जो दिल की धड़कन को पुनः शुरू करने में मदद करते हैं। साथ ही, 10,000 से अधिक लोगों को सीपीआर प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

Help will be available before Delhi heartbeat stops and AEDs are being installed at AIIMS
हृदय रोग - फोटो : Adobe Stock Images
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

कार्डियक अरेस्ट (दिल की धड़कन का रुकना) के बढ़ते मामलों को देखते हुए व्यक्ति की तुरंत जान बचाने के लिए एम्स परिसर में स्वचालित बाहरी डिफाइब्रिलेटर (एईडी) लगाए जा रहे हैं। इनके जरिये पीड़ित व्यक्ति को तुरंत कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) दिया जा सकेगा। परिसर में एईडी लगाने का कार्य प्रगति पर है। एम्स कार्डियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर डॉ. अंबुज राय ने बताया कि एईडी एक छोटा पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो दिल की धड़कन अचानक रुक जाने की स्थिति में जीवन बचाने में मदद करता है।

Trending Videos


दिल की विद्युत गतिविधि असामान्य हो जाने पर रक्त संचार बंद हो जाता है। इस स्थिति में एईडी दिल को नियंत्रित विद्युत झटका देकर उसकी सामान्य धड़कन दोबारा शुरू करने में मदद करता है। विदेशों में सार्वजनिक स्थानों पर ऐसे उपकरण होना सामान्य है। एईडी उपकरण का इस्तेमाल गैर चिकित्सीय पेशेवर व्यक्ति भी कर सकता है। अस्पतालों की इमरजेंसी में यह सुविधा पहले से उपलब्ध है। मगर, अब एम्स परिसर के मुख्य स्थानों पर इसे जगह-जगह लगाया जाएगा।

विज्ञापन
विज्ञापन

हार्ट बीट दोबारा से शुरू करने में मिलती है मदद
एम्स, आईआरसीएच के ओन्को एनेस्थीसिया एंड पैलिएटिव मेडिसिन विभाग में प्रो. निष्कर्ष गुप्ता ने कहा कि कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में यह हार्ट को झटका देने वाली मशीन है। इसकी मदद से हार्ट को दोबारा से शुरू किया जा सकता है। कार्डियक अरेस्ट होने के एक मिनट के अंदर एईडी का इस्तेमाल जरूरी है। मशीन खुद बोलकर बताती है कि मरीज को झटका दिया जाएं। हर एक मिनट कम होने पर 8-10 फीसदी रिकवरी की संभावना कम होती चली जाती है।

दस हजार से अधिक को दिया सीपीआर का प्रशिक्षण
एम्स में राष्ट्रीय सीपीआर सप्ताह के तहत सीपीआर देने के लिए छात्र, आम लोगों और अर्द्धसैनिक बलों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। एम्स निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास के निर्देशन में चिकित्सीय और गैर चिकित्सीय कर्मियों को सीपीआर प्रशिक्षण देने की पहल की गई है। दस हजार से ज्यादा कर्मियों को बेसिक लाइफ सपोर्ट और सीपीआर का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। पांच हजार से अधिक नई नर्सेज के साथ मौजूदा समय में कार्यरत को भी नियमित तौर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed