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Delhi NCR News: इंडिगो की 900 करोड़ रुपये से अधिक आईजीएसटी रिफंड याचिका पर हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस
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-जून 2021 में कस्टम्स विभाग ने दो नोटिफिकेशन जारी किए थे
-विदेश में रिपेयर के बाद भारत में री-इंपोर्ट किए जाने वाले एयरक्राफ्ट पार्ट्स पर आईजीएसटी लगाया था
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने इंडिगो एयरलाइंस की उस याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें कंपनी ने विदेश में रिपेयर के बाद देश में दोबारा आयातित एयरक्राफ्ट पार्ट्स पर चुकाए 900 करोड़ रुपये से अधिक के इंटीग्रेटेड गुड्स व सर्विसेज टैक्स (आईजीएसटी) का रिफंड मांगा है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में लंबित स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) का हवाला देते हुए कहा कि मार्च, 2025 के हाईकोर्ट फैसले पर कोई स्थगन आदेश नहीं है, इसलिए वह फैसला अभी लागू है। न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति विनोद कुमार की पीठ ने इंडिगो की याचिका पर कस्टम्स विभाग को नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल, 2026 को होगी।
जून 2021 में कस्टम्स विभाग ने दो नोटिफिकेशन जारी किए थे, इनके तहत विदेश में रिपेयर के बाद भारत में री-इंपोर्ट किए जाने वाले एयरक्राफ्ट पार्ट्स पर आईजीएसटी लगाया था। मार्च, 2025 में हाईकोर्ट ने इन नोटिफिकेशनों को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि रिपेयर्ड पार्ट्स का री-इंपोर्ट सर्विस का आयात माना जाएगा, न कि गुड्स का और आईजीएसटी केवल आईजीएसटी एक्ट की धारा 5(1) के तहत लगाया जा सकता है, कस्टम्स नोटिफिकेशन से नहीं। इस फैसले के बाद इंडिगो ने चुकाए गए आईजीएसटी की रिफंड के लिए आवेदन किया, लेकिन कस्टम्स विभाग ने इसे खारिज कर दिया और हर बिल ऑफ एंट्री का दोबारा आकलन करने की शर्त लगाई। इंडिगो ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
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-विदेश में रिपेयर के बाद भारत में री-इंपोर्ट किए जाने वाले एयरक्राफ्ट पार्ट्स पर आईजीएसटी लगाया था
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने इंडिगो एयरलाइंस की उस याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें कंपनी ने विदेश में रिपेयर के बाद देश में दोबारा आयातित एयरक्राफ्ट पार्ट्स पर चुकाए 900 करोड़ रुपये से अधिक के इंटीग्रेटेड गुड्स व सर्विसेज टैक्स (आईजीएसटी) का रिफंड मांगा है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में लंबित स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) का हवाला देते हुए कहा कि मार्च, 2025 के हाईकोर्ट फैसले पर कोई स्थगन आदेश नहीं है, इसलिए वह फैसला अभी लागू है। न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति विनोद कुमार की पीठ ने इंडिगो की याचिका पर कस्टम्स विभाग को नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल, 2026 को होगी।
जून 2021 में कस्टम्स विभाग ने दो नोटिफिकेशन जारी किए थे, इनके तहत विदेश में रिपेयर के बाद भारत में री-इंपोर्ट किए जाने वाले एयरक्राफ्ट पार्ट्स पर आईजीएसटी लगाया था। मार्च, 2025 में हाईकोर्ट ने इन नोटिफिकेशनों को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि रिपेयर्ड पार्ट्स का री-इंपोर्ट सर्विस का आयात माना जाएगा, न कि गुड्स का और आईजीएसटी केवल आईजीएसटी एक्ट की धारा 5(1) के तहत लगाया जा सकता है, कस्टम्स नोटिफिकेशन से नहीं। इस फैसले के बाद इंडिगो ने चुकाए गए आईजीएसटी की रिफंड के लिए आवेदन किया, लेकिन कस्टम्स विभाग ने इसे खारिज कर दिया और हर बिल ऑफ एंट्री का दोबारा आकलन करने की शर्त लगाई। इंडिगो ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
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