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Delhi NCR News: लोकनायक अस्पताल में कुत्तों को खाना खिलाया तो खैर नहीं
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-अस्पताल ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए सर्कुलर किया जारी
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। लोकनायक अस्पताल परिसर में लावारिस कुत्तों को खाना खिलाने वालों की खैर नहीं है। अस्पताल परिसर में कुत्तों को खाना खिलाने से रोकने के लिए अस्पताल ने सख्त कदम उठाया है। जिससे परिसर में कुत्तों के प्रवेश को रोका जा सकें। इस संबंध में अस्पताल ने एक सर्कुलर भी जारी किया है।
इसमें सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई भी अस्पताल परिसर में कुत्तों को खाना नहीं खिलाएगा। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता मिला तो उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को लागू करने के लिए यह कदम उठाया है। पिछले माह कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को संस्थानों में सार्वजनिक स्थानों को लावारिस कुत्तों से सुरक्षित रखने के लिए निर्देश दिए थे। उस संबंध में एक बैठक हुई। जिसमें अस्पताल परिसर में कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। बता दें कि अस्पतालों में कुत्तों के काटने के रोजाना औसतन 1500 से अधिक मामले आते है। इसमें अकेले सफदरजंग अस्पताल में 700-800 लोग टीकाकरण के लिए पहुंचते है।
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अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। लोकनायक अस्पताल परिसर में लावारिस कुत्तों को खाना खिलाने वालों की खैर नहीं है। अस्पताल परिसर में कुत्तों को खाना खिलाने से रोकने के लिए अस्पताल ने सख्त कदम उठाया है। जिससे परिसर में कुत्तों के प्रवेश को रोका जा सकें। इस संबंध में अस्पताल ने एक सर्कुलर भी जारी किया है।
इसमें सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई भी अस्पताल परिसर में कुत्तों को खाना नहीं खिलाएगा। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता मिला तो उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को लागू करने के लिए यह कदम उठाया है। पिछले माह कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को संस्थानों में सार्वजनिक स्थानों को लावारिस कुत्तों से सुरक्षित रखने के लिए निर्देश दिए थे। उस संबंध में एक बैठक हुई। जिसमें अस्पताल परिसर में कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। बता दें कि अस्पतालों में कुत्तों के काटने के रोजाना औसतन 1500 से अधिक मामले आते है। इसमें अकेले सफदरजंग अस्पताल में 700-800 लोग टीकाकरण के लिए पहुंचते है।
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