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Noida News: पेपरलेस रजिस्ट्री में पहले दस्तावेज जमा कराने वालों की होगी जांच
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अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। हरियाणा में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। अब रजिस्ट्री के दौरान तहसीलदारों की किसी भी तरह की मनमानी पर रोक लगेगी और फर्स्ट-इन फर्स्ट-आउट (एफआईएफओ) प्रणाली के तहत जो दस्तावेज सबसे पहले जमा करवाए जाएंगे, उनकी जांच भी पहले ही होगी।
साथ ही 1 दिसंबर से व्यू जमाबंदी सिस्टम लागू होने के बाद नागरिकों को 400-500 पेज की जमाबंदी अपलोड नहीं करनी पड़ेगी। विभाग अब सीधे रियल-टाइम लैंड रिकॉर्ड एक्सेस करेगा। वहीं, गिरदावरी कार्य में सामने आए भारी मुआवजे के संभावित आंकड़े के चलते कई जिलों में दोबारा क्रॉस जांच शुरू हो गई है।
हरियाणा में पेपरलेस रजिस्ट्री को सुचारु बनाने और सामान्य जनता को राहत देने के लिए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने महत्वपूर्ण सुधार शुरू किए हैं। वित्तायुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में बताया गया कि दस्तावेजों की जांच और स्वीकृति के लिए एफआईएफओ सिस्टम पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है।
इससे सुनिश्चित होगा कि कोई भी आवेदन अनदेखा या लंबित नहीं पड़ेगा और सत्यापन क्रम में किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब रजिस्ट्रार चीफ और सब-रजिस्ट्रार दस्तावेजों की मंजूरी उसी क्रम में देंगे जिसमें उन्हें सिस्टम पर अपलोड किया गया है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी।
गिरदावरी में कई जिलों में दोबारा क्रॉस जांच शुरू... बैठक में गिरदावरी कार्य की समीक्षा भी की गई। पटवारियों और राजस्व अधिकारियों द्वारा प्राथमिक व द्वितीय स्तर की जांच पहले ही पूरी कर ली गई है, लेकिन नुकसान का आंकड़ा कई जिलों में अधिक सामने आने से अब अधिकांश जिलों में क्रॉस जांच दोबारा शुरू की गई है। गिरदावरी में प्रारंभिक रूप से 600–800 करोड़ रुपये तक के मुआवजे का अनुमान सामने आया है। ऐसे में वित्तायुक्त ने सभी उपायुक्तों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है ताकि अंतिम मुआवजा घोषणा से पहले आंकड़ों की सटीकता सुनिश्चित की जा सके। ब्यूरो
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चंडीगढ़। हरियाणा में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। अब रजिस्ट्री के दौरान तहसीलदारों की किसी भी तरह की मनमानी पर रोक लगेगी और फर्स्ट-इन फर्स्ट-आउट (एफआईएफओ) प्रणाली के तहत जो दस्तावेज सबसे पहले जमा करवाए जाएंगे, उनकी जांच भी पहले ही होगी।
साथ ही 1 दिसंबर से व्यू जमाबंदी सिस्टम लागू होने के बाद नागरिकों को 400-500 पेज की जमाबंदी अपलोड नहीं करनी पड़ेगी। विभाग अब सीधे रियल-टाइम लैंड रिकॉर्ड एक्सेस करेगा। वहीं, गिरदावरी कार्य में सामने आए भारी मुआवजे के संभावित आंकड़े के चलते कई जिलों में दोबारा क्रॉस जांच शुरू हो गई है।
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हरियाणा में पेपरलेस रजिस्ट्री को सुचारु बनाने और सामान्य जनता को राहत देने के लिए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने महत्वपूर्ण सुधार शुरू किए हैं। वित्तायुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में बताया गया कि दस्तावेजों की जांच और स्वीकृति के लिए एफआईएफओ सिस्टम पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है।
इससे सुनिश्चित होगा कि कोई भी आवेदन अनदेखा या लंबित नहीं पड़ेगा और सत्यापन क्रम में किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब रजिस्ट्रार चीफ और सब-रजिस्ट्रार दस्तावेजों की मंजूरी उसी क्रम में देंगे जिसमें उन्हें सिस्टम पर अपलोड किया गया है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी।
गिरदावरी में कई जिलों में दोबारा क्रॉस जांच शुरू... बैठक में गिरदावरी कार्य की समीक्षा भी की गई। पटवारियों और राजस्व अधिकारियों द्वारा प्राथमिक व द्वितीय स्तर की जांच पहले ही पूरी कर ली गई है, लेकिन नुकसान का आंकड़ा कई जिलों में अधिक सामने आने से अब अधिकांश जिलों में क्रॉस जांच दोबारा शुरू की गई है। गिरदावरी में प्रारंभिक रूप से 600–800 करोड़ रुपये तक के मुआवजे का अनुमान सामने आया है। ऐसे में वित्तायुक्त ने सभी उपायुक्तों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है ताकि अंतिम मुआवजा घोषणा से पहले आंकड़ों की सटीकता सुनिश्चित की जा सके। ब्यूरो