Delhi Blast: जम्मू में 370 हटाने के बाद खड़ा हो गया था डब्ल्यूसीटीएम, कोर ग्रुप में चार डॉक्टर और मुफ्ती
आतंकी बुरहान वानी की तर्ज पर डॉक्टरों ने इस मॉड्यूल को शुरू किया था। मॉड्यूल के गिरफ्तार आतंकियों ने खुलासा किया कि देश में जहां मुसलमानों पर अत्याचार होता वहां से विस्फोट करते।
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जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद मुसलमानों के साथ अन्याय की गलत सोच रखने वाले कट्टरपंथी और जैश-ए-मोहम्मद से प्रभावित व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल (डब्ल्यूसीटीएम) खड़ा हुआ था। आतंकी बुरहान वानी की तर्ज पर डॉक्टरों ने इस मॉड्यूल को शुरू किया था। मॉड्यूल के गिरफ्तार आतंकियों ने खुलासा किया कि देश में जहां मुसलमानों पर अत्याचार होता वहां से विस्फोट करते।
खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मॉड्यूल के कोर ग्रुप में चार डाक्टर और मुफ्ती के होने की पुष्टि हो गई है। जैश का हैंडलर इन्हें निर्देश भी दे रहा था। गिरफ्तार आतंकियों ने खुलासा किया है। इनकी सोच ये थी कि जम्मू कश्मीर में मुसलमानों के साथ अन्याय हो रहा है। धारा 370 हटाई तो लगा कि अब अत्याचार की पराकाष्ठा हो गई है। धीरे-धीरे मॉड्यूल सरगना उमर नबी इस मॉड्यूल को बढ़ाता रहा और देखते ही देखते इस सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल से 50 से ज्यादा आरोपी जुड़ गए। कुछ सीधे तौर पर तो कुछ सहायता करने के लिए जुड़े। कुछ इसे मौलिक रूप से सपोर्ट कर रहे थे।
आतंक का खतरा टला नहीं
इस अधिकारी ने बताया कि सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल के कई सदस्य फरार हैं। हो सकता है इनके पास भारी मात्रा में विस्फोटक हों। यही वजह है कि सुरक्षा एजेंसियां किसी स्तर पर कोताही नहीं बरत रही हैं और देश में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। देश भर में बड़े पैमाने में छापा मारा जा रहा है।
जम्मू कश्मीर पुलिस की धीमी जांच पड़ी भारी
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने पोस्टर से इस मॉड्यूल का पर्दाफाश कर बढ़ियां तफ्तीश की और देश को दहलाने से बचा लिया लेकिन जम्मू कश्मीर पुलिस की जांच धीमी थी। इसकी वजह से उमर लाल किला के सामने बम धमाका करने में कामयाब हो गया। अधिकारी ने बताया कि सभी जगह चर्चा है कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने 18-19 अक्तूबर को एफआईआर दर्ज कर ली थी और मुफ्ती को गिरफ्तार कर लिया था। 30 अक्तूबर को डाक्टर मुजम्मिल को पकड़ा। 5 नवंबर को आदिल और 10 नवंबर को डाक्टर शाहीन को पकड़ा। इन लोगों तक पहुंचने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस ने 20 दिन लगा दिए।
हरियाणा पुलिस की प्रेस वार्ता से बौखला गया था उमर
हरियाणा पुलिस ने इस मॉड्यूल को लेकर 10 नवंबर को प्रेसवार्ता कर अपनी वाहवाही लूटना शुरू कर दिया जबकि इस मॉड्यूल का पूरी तरह से पर्दाफाश नहीं हुआ था। हरियाणा पुलिस ने ये तक नहीं पता किया कि विस्फोटक कहां से आया और फरार आतंकी कहां है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि हरियाणा पुलिस की इस प्रेस वार्ता से आतंकी उमर बौखला गया था और आत्मघाती हमलावर बनकर खुद को उड़ा लिया।