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26th International Conference of Chief Justices of the World Om Birla said India is giving the mantra of global unity
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विश्व मुख्य न्यायाधीशों के 26 वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन: ओम बिड़ला ने कहा- भारत वैश्विक एकता का मंत्र दे रहा
भारत न सिर्फ शांति का समर्थक है, बल्कि समावेशी वैश्विक साझेदारी के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत ने वैश्विक शांति और सहयोग का संदेश देते हुए 52 देशों के मुख्य न्यायाधीशों को एक मंच पर बुलाया है। यह बातें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कही। वह बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ के सिटी मोन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) द्वारा बुधवार को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 26वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान दुनिया के विभिन्न देशों से 160 से ज्यादा न्यायाधीशों के साथ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य प्रमुख हस्तियां जुड़ीं।
बिड़ला ने कहा कि भारत दुनिया को शांति और स्थिरता का मजबूत संदेश दे रहा है। यह सम्मेलन सौहार्दपूर्ण भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सम्मेलन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 पर आधारित है, जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने की बात करता है। इसकी थीम संयुक्त राष्ट्र और उसके चार्टर पर नया नजरिया: टूटती दुनिया में सतत भविष्य के लिए वैश्विक शासन रही। इसका फोकस विश्व एकता, शांति और दुनिया के 2.5 अरब से ज्यादा बच्चों के उज्ज्वल भविष्य पर है। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी विशेष अतिथि के तौर पर मौजूद रहे, उन्होंने देश की सांस्कृतिक विरासत और लोकतांत्रिक परंपराओं की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक महाशक्ति बन चुका है और दुनिया को नेतृत्व दे रहा है। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन वसुधैव कुटुंबकम (दुनिया एक परिवार) के विचार पर आधारित है, ठीक वैसे ही जैसे हाल का जी-20 शिखर सम्मेलन हुआ था।
इस दौरान सीएमएस की प्रबंधक प्रो. गीता गांधी किंगडन ने कहा कि विश्व नागरिकता की शिक्षा और मजबूत अंतरराष्ट्रीय कानून से ही बच्चों को सुरक्षित दुनिया मिलेगी। उनके पास 10,000 से ज्यादा छात्रों को इन महान हस्तियों से मिलने का मौका मिलेगा, जो उनके लिए प्रेरणा बनेगा। यही नहीं, सत्र में पैनल चर्चा भी हुई, जिसमें लेसोथो के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. पकालिथा बी. मोसिलिली, अर्जेंटीना के न्यायाधीश रिकार्डो ली रोसी, कोस्टा रिका की न्यायाधीश रोसा एकॉन, क्रोएशिया के पूर्व राष्ट्रपति स्टीपन मेसिक, घाना संसद के अध्यक्ष अल्बन किंग्सफोर्ड सुमाना बैगबीन और एंटीगुआ-बारबुडा संसद के अध्यक्ष आस्बर्ट आर. फ्रेडरिक ने अपने विचार साझा किए। चर्चा का संचालन स्पेन के वैश्विक शिक्षाविद डॉ. ऑगस्टो लोपेज-क्लारोस ने किया।
सीएमएस के हेड कम्युनिकेशंस ऋषि खन्ना ने बताया कि सम्मेलन का मुख्य हिस्सा 20 से 23 नवंबर तक लखनऊ के सीएमएस कानपुर रोड ऑडिटोरियम में होगा। यह सम्मेलन न सिर्फ न्यायविदों का मेला है, बल्कि भावी पीढ़ी के लिए एक वैश्विक संकल्प भी है। उन्होंने कहा कि देश के लिए यह गर्व का विषय है कि दुनिया की ये प्रमुख हस्तियां यहां आई। यह सम्मेलन वैश्विक चुनौतियों के बीच शांति और एकता का प्रतीक बनेगा, जो दिखाता है कि भारत कैसे दुनिया को एक परिवार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
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