यूजीसी का अलर्ट: बिना मान्यता चल रहे तीन विश्वविद्यालयों की डिग्रियां अमान्य; देखें तीनों के नाम और नोटिस
UGC: यूजीसी ने बिना मान्यता चल रही तीन फर्जी यूनिवर्सिटियों को लेकर अलर्ट जारी किया है। आयोग ने कहा है कि इन संस्थानों से जारी की गई डिग्रियां न तो उच्च शिक्षा के लिए मान्य होंगी और न ही सरकारी या निजी नौकरी में स्वीकार की जाएंगी।
विस्तार
Fake Universities: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने छात्रों, अभिभावकों और नियोक्ताओं के लिए एक अहम सार्वजनिक चेतावनी जारी की है। आयोग ने कहा है कि देश में तीन संस्थान ऐसे हैं जो कानूनी मान्यता के बिना विश्वविद्यालय के रूप में काम कर रहे हैं और अवैध रूप से डिग्रियां जारी कर रहे हैं।
इन तीन संस्थानों को डिग्री देने का अधिकार नहीं: यूजीसी
यूजीसी के मुताबिक, NIMS, दिल्ली, सर्व भारतीय शिक्षा पीठ, कर्नाटक और नेशनल बैकवर्ड कृषि विद्यापीठ, महाराष्ट्र को किसी भी तरह से डिग्री देने का अधिकार नहीं है। इन संस्थानों से जारी की गई डिग्रियां न तो उच्च शिक्षा के लिए मान्य होंगी और न ही सरकारी या निजी नौकरी में स्वीकार की जाएंगी।
आयोग ने छात्रों को सलाह दी है कि किसी भी कॉलेज या विश्वविद्यालय में दाखिला लेने से पहले उसकी आधिकारिक मान्यता जरूर जांच लें, ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानी न हो।
यूजीसी की फर्जी यूनिवर्सिटी सूची का हिस्सा है चेतावनी
यह चेतावनी यूजीसी की उस पहल का हिस्सा है, जिसके तहत वह समय-समय पर फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी करता है। ये ऐसे संस्थान होते हैं जो यूजीसी अधिनियम, 1956 के तहत मान्यता प्राप्त न होने के बावजूद अपने नाम में “यूनिवर्सिटी” शब्द का इस्तेमाल करते हैं।
यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि ये संस्थान न तो धारा 2(f) के अंतर्गत मान्यता प्राप्त हैं और न ही धारा 3 के तहत डीम्ड यूनिवर्सिटी घोषित किए गए हैं, जो भारत में डिग्री देने के लिए अनिवार्य शर्त है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट सॉल्यूशन (NIMS), दिल्ली
यूजीसी ने साफ किया है कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट सॉल्यूशन (NIMS), दिल्ली को यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 2(f) या 3 के तहत कोई मान्यता प्राप्त नहीं है। इसके बावजूद यह संस्थान डिग्री जारी कर रहा है, जो पूरी तरह अवैध है। आयोग ने चेतावनी दी है कि NIMS से प्राप्त कोई भी डिग्री शिक्षा या रोजगार के लिए मान्य नहीं मानी जाएगी।
आधिकारिक नोटिस यहां देखें...
सर्व भारतीय शिक्षा पीठ, तुमकुर (कर्नाटक)
- यूजीसी द्वारा चिन्हित दूसरा संस्थान सर्व भारतीय शिक्षा पीठ, तुमकुर जिले के विजयनगर क्षेत्र में स्थित है।
- आयोग के अनुसार, यह संस्थान भी यूजीसी अधिनियम का उल्लंघन करते हुए डिग्रियां दे रहा है। इसे न तो यूजीसी की मान्यता प्राप्त है और न ही AICTE या किसी अन्य वैधानिक नियामक संस्था से अनुमति मिली है।
- यूजीसी ने छात्रों को आगाह किया है कि यहां से प्राप्त डिग्रियां कानूनी रूप से अमान्य हैं।
आधिकारिक नोटिस...
नेशनल बैकवर्ड कृषि विद्यापीठ, सोलापुर (महाराष्ट्र)
- तीसरा संस्थान नेशनल बैकवर्ड कृषि विद्यापीठ, महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के तडवाल गांव में स्थित है।
- यूजीसी ने कहा है कि यह संस्थान भी बिना किसी वैधानिक स्वीकृति के डिग्रियां जारी कर रहा है। इसे न यूजीसी और न ही AICTE से मान्यता मिली हुई है।
- यहां पढ़ रहे छात्रों को चेताया गया है कि इस संस्थान की डिग्री किसी भी शैक्षणिक या पेशेवर क्षेत्र में मान्य नहीं होगी।
आधिकारिक नोटिस...
क्या है यूजीसी एक्ट, 1956?
यूजीसी अधिनियम, 1956 भारत में उच्च शिक्षा को नियंत्रित करने वाला प्रमुख कानून है। इसके तहत यूजीसी को विश्वविद्यालयों की निगरानी, शैक्षणिक मानक तय करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने का अधिकार मिलता है। इस कानून के अनुसार, केवल वही संस्थान विश्वविद्यालय कहलाने और डिग्री देने के पात्र होते हैं, जो
- धारा 2(f) के अंतर्गत मान्यता प्राप्त हों, या
- धारा 3 के तहत डीम्ड यूनिवर्सिटी घोषित हों
जो संस्थान इन शर्तों को पूरा नहीं करते, उन्हें अनधिकृत माना जाता है, भले ही वे कोर्स चला रहे हों या सर्टिफिकेट दे रहे हों। यूजीसी ऐसे संस्थानों के खिलाफ जनहित में चेतावनी जारी करने और कार्रवाई करने का अधिकार भी रखता है, ताकि छात्र किसी तरह के भ्रम या धोखाधड़ी का शिकार न हों।