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Ground Report: झारखंड की हजारीबाग सीट पर पुत्र का क्रोध, पिता का प्रतिरोध, संगठन में विरोध...सब अवरोध

विनीत सक्सेना विनीत सक्सेना
Updated Sun, 19 May 2024 05:18 AM IST
सार

झारखंड की हजारीबाग लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने दांवपेच से भाजपा को उलझाया है। कांग्रेस ने विधायक जेपी पटेल को तोड़ प्रत्याशी बनाया। टिकट कटने पर मौजूदा सांसद जयंत अज्ञातवास में चले गए हैं। उनके अज्ञातवास में जाने से कांग्रेसी खेमे में खामोश बैठे पिता यशवंत सिन्हा पोते अशिर सिन्हा सहित विरोध में उतर गए हैं।

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Ground Report Lok Sabha Elections 2024 Political atmosphere of Hazaribagh Lok Sabha seat of Jharkhand
मनीष जायसवाल और जेपी पटेल - फोटो : एएनआई
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विस्तार
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अब तक शांत मानी जाने वाली हजारीबाग की सियासी हवा पहले जैसी नहीं है। हवा का रुख कुछ तो सत्ता से पाली गईं उम्मीदों के जोड़-घटाव से बिगड़ा और कुछ कांग्रेस-भाजपा के दांव-पेच ने बिगाड़ दिया। कांग्रेस ने कुर्मी बिरादरी में खास पैठ रखने वाले विधायक जेपी पटेल को तोड़कर भाजपा को झकझोर दिया। भाजपा को दूसरा झटका लगा मौजूदा सांसद जयंत सिन्हा की जगह विधायक मनीष जायसवाल को टिकट देने से। बेटे जयंत का टिकट कटने के बाद कांग्रेसी खेमे में अब तक खामोश बैठे पिता यशवंत सिन्हा मुखर हो गए। पोते अशिर सिन्हा समेत पूरा खानदान खुलकर कांग्रेस के मैदान में उतर आया। नाराज जयंत अज्ञातवास मे हैं। इन सबके बीच कार्यकर्ताओं के इस्तीफों ने भी संगठन में हलचल मचा रखी है। सियासी उठापटक के चलते भाजपा के मनीष और कांग्रेस के जेपी पटेल के बीच मुकाबला दिलचस्प और कांटे का बन गया है। 

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ऐन मौके पर विधायक जेपी पटेल के पाला बदलने, कुर्मी बिरादरी का गणित गड़बड़ाने, हजारीबाग की सियासत में मजबूत दखल रखने वाले सिन्हा खानदान के विरोध में उतरने और संगठन में तोड़फोड़ से भाजपा को कई मोर्चों पर जूझना पड़ रहा है। सियासी गलियारों में सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं कि हजारीबाग में लगातार चौथी बार कमल खिल पाएगा या नहीं। हालांकि भाजपाई दिग्गजों को पीएम नरेंद्र मोदी और राम मंदिर के सहारे जीत का भरोसा है। शहर में कई जगह मनीष जायसवाल की पकड़ मजबूत दिखी। लोगों ने बताया कि मौजूदा विधायक को काम की वजह से समर्थन मिल रहा है, मगर गांव की ओर बढ़ते ही हवा बदलती दिखी। 

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झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के गांव नेमरा से 20 किमी पहले हरुबेड़ा गांव में चाय की दुकान पर सूकर बड़िया और उनके परम मित्र मधुसूदन महतो तर्कों के साथ बहस में उलझे थे। जाति-बिरादरी के गणित और भाजपा को लेकर चल रहे घटनाक्रमों को आधार बताकर मधुसूदन दावा कर रहे थे कि इस बार गठबंधन की ही जीत होगी, क्योंकि निर्दलीय भी भाजपा का ही गणित ज्यादा बिगाड़ रहे हैं। सूकर बड़िया राम मंदिर और पीएम मोदी के भरोसे भाजपा की जीत के दावे कर रहे थे। साथ में बैठे गिरिडीह क्षेत्र के इस्लाम भी मधुसूदन के समर्थन में मुस्कुरा रहे थे। डीमरा के सरकारी स्कूल के देवेंद्र नाथ महतो, श्रीराम महतो के साथ मौजूद कई शिक्षक जीत-हार पर अपनी राय रखने से बचे, मगर इशारा दिया कि पूरा इलाका शिबू सोरेन का है। पश्चिम बंगाल की सीमा की ओर इशारा करते हुए हरुबेड़ा के छोटे लाल प्रसाद ने बताया कि यहां आदिवासियों का गढ़ है। झामुमो की ही पैठ है। यानी शहर और गांवों में भाजपा और कांग्रेस (गठबंधन) के लिए सियासी हवा अलग-अलग है। 

सात बार जीती भाजपा 
हजारीबाग भाजपा गढ़ है। भाजपा यहां से सात बार जीत चुकी है। पिछले तीन चुनाव से लगातार जीत रही है। इनमें तीन बार यशवंत सिन्हा और दो बार उनके बेटे जयंत सिन्हा भाजपा के टिकट पर जीते। 1998 में पहली बार संसद सदस्य चुने गए यशवंत सिन्हा वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री बनाए गए।  

2014 और 2019 से जयंत लगातार दो बार जीत चुके हैं। वहीं, मतभेदों के चलते यशवंत सिन्हा 2018 में ही भाजपा से अलग हो गए थे। 2022 में वह विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़े, लेकिन हार गए।  

सोशल मीडिया पोस्ट के बाद से गायब हैं जयंत 
भाजपा से मौजूदा सांसद जयंत सिन्हा जीत की हैट्रिक के लिए फरवरी से ही ताबड़तोड़ चुनावी बैठकें कर रहे थे। दो मार्च की सुबह जयंत ने सोशल मीडिया पर लिखा-संसदीय राजनीति से दूर होना चाहते हैं..। इस पोस्ट के बाद समर्थकों में हलचल मच गई। उसी शाम भाजपा ने जयंत का टिकट काटकर मनीष जायसवाल को मैदान में उतार दिया। इस पोस्ट के बाद जयंत सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आ रहे। 

पिछले दो लोकसभा चुनाव के नतीजे

                                                लोकसभा चुनाव 2019
उम्मीदवार  दल  मत%  
जयंत सिन्हा  भाजपा 67.4
गोपाल प्रसाद साहू   कांग्रेस  23.05     

 

                                                लोकसभा चुनाव 2014
उम्मीदवार  दल  मत%  
जयंत सिन्हा  भाजपा 42.07 
सौरभ नारायण सिंह    कांग्रेस  25.62      

पिछले दो चुनाव में कांग्रेस का वोट करीब-करीब समान रहा। भाजपा का 20 फीसदी बढ़ा। 

कुर्मी, कुशवाहा व मुस्लिम के गणित पर उम्मीदवार बने पटेल 
मनीष जायसवाल और जेपी पटेल 2011 में मांडू विधानसभा सीट पर उपचुनाव में आमने-सामने थे। झामुमो से उतरे पटेल ने झारखंड विकास मोर्चा से उतरे मनीष को हरा दिया था। पटेल के पिता टेकलाल महतो एक बार सांसद और मांडू से पांच बार विधायक रहे। जेपी पटेल बाद में भाजपाई हो गए। 2019 में भाजपा के टिकट पर ही विधायक बने, लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी छोड़ दी। कांग्रेस ने कुर्मी और कुशवाहा वोटर को साधने के लिए उन्हें मैदान में उतार दिया। 

चुनावी गणित 
हजारीबाग में सर्वाधिक 15.17 फीसदी आबादी मुस्लिम है। अनुसूचित जाति 14.99 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 12.69 प्रतिशत, सिख 0.27 प्रतिशत, ईसाई 0.91 प्रतिशत, जैन 0.09 प्रतिशत और बौद्ध 0.01 प्रतिशत मौजूद हैं। इसके अलावा कोइरी और कुर्मी वोटर हैं। इस लोकसभा सीट में 5 विधानसभा क्षेत्र हैं। 

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