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काम पर वापसी: रोटी की चिंता में भूले कोरोना का भय, दिल्ली व मुंबई के लिए खूब निकले लोग
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Wed, 21 Jul 2021 09:19 PM IST
सार
पूर्वोत्तर रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020-21 में रिजर्व टिकट लेकर कुल डेढ़ करोड़ यात्रियों ने सफर किया। जबकि वर्ष 2021-22 में एक अप्रैल से 30 जून के बीच ही 55 लाख लोगों ने सफर किया है।
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गोरखपुर रेलवे स्टेशन।
- फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
कोरोना की दूसरी लहर में रोजी-रोटी की चिंता के चलते लोग संक्रमण का भय भूल गए। पिछले वर्ष की तुलना में पूर्वोत्तर रेलवे में करीब 30 फीसदी ज्यादा यात्रियों ने लंबी दूरी का सफर तय किया। यही नहीं कम दूरी की यात्रा में भी करीब आठ गुना ज्यादा लोग घर से बाहर निकले।
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पूर्वोत्तर रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020-21 में रिजर्व टिकट लेकर कुल डेढ़ करोड़ यात्रियों ने सफर किया। जबकि वर्ष 2021-22 में एक अप्रैल से 30 जून के बीच ही 55 लाख लोगों ने सफर किया है। ज्यादातर यात्री मुंबई और दिल्ली के थे।
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इसमें ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा रही है जो प्रवासी मजदूर थे। गांव आने पर जब रोजगार नहीं मिला तो वे फिर से रोजी-रोटी की तलाश में वापस लौटने लगे। इसी प्रकार अनारक्षित टिकट लेकर वर्ष 2020-21 में 9 लाख यात्रियों ने सफर किया जबकि इस वर्ष महज तीन महीने में ही 19 लाख लोग ट्रेनों से गए।
यात्रियों की मांग को देखते हुए ट्रेनों की भी संख्या बढ़ा दी गई है। गोरखपुर से ही 50 से ज्यादा स्पेशल ट्रेनें गुजरती हैं इनमें 20 से ज्यादा ट्रेनें ऐसी हैं जिनमें एलएचबी कोच लगाए गए हैं।
एनईआर सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे पर गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष यात्रियों की मांग बढ़ी है। जिसे ध्यान में रखते हुए पर्याप्त संख्या में विशेष ट्रेनों का संचलन किया जा रहा है। आवश्यकता के अनुसार नई ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं। यात्रियों को बेहतर यात्रा सुविधा उपलब्ध कराने के क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे से चलने वाली 34 जोड़ी ट्रेनें एलएचबी कोच के साथ चलाई जा रही हैं।